इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला : नौकरी के चलते अलगाव पर तलाक नहीं हो सकता, जानिए क्या था मामला

UPT | इलाहाबाद हाईकोर्ट

Sep 24, 2024 14:25

यह मामला 1999 में अरविंद और प्रभा की शादी से शुरू हुआ। जिसके बाद 2000 में उनका एक बच्चा भी हुआ। अरविंद झांसी में लोक पायलट के तौर पर कार्यरत हैं जबकि प्रभा औरैया में सहायक अध्यापिका हैं। वर्ष 2004 में अरविंद ने वैवाहिक प्रतिस्थापन के लिए ...

Prayagraj News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला लिया है। जिसमें कहा कि पति और पत्नी नौकरी के कारण अलग रह रहे हैं तो इसे परित्याग नहीं माना जा सकता। इस मामले में जस्टिस एसडी सिंह और जस्टिस डोनादी रमेश की डिवीजन बेंच ने अरविंद सिंह सेंगर और प्रभा सिंह के बीच के तलाक की अर्जी को खारिज करने वाली परिवार अदालत कानपुर नगर के फैसले को सही ठहराया।



क्या था मामला
यह मामला 1999 में अरविंद और प्रभा की शादी से शुरू हुआ। जिसके बाद 2000 में उनका एक बच्चा भी हुआ। अरविंद झांसी में लोक पायलट के तौर पर कार्यरत हैं जबकि प्रभा औरैया में सहायक अध्यापिका हैं। वर्ष 2004 में अरविंद ने वैवाहिक प्रतिस्थापन के लिए अर्जी दी। जिसमें उन्होंने एकपक्षीय आदेश प्राप्त किया लेकिन 2006 में अदालत ने प्रभा की अर्जी को स्वीकार करते हुए वह आदेश रद्द कर दिया। इसके बाद अरविंद ने तलाक का मामला दायर किया। जिसमें उन्होंने प्रभा पर परित्याग और क्रूरता का आरोप लगाया।

पत्नी ने दी ये दलीलें
प्रभा ने अपने बचाव में बताया कि 2003 में जब वह बीमार थी तो अरविंद ने ही प्रधानाध्यापक से मिलकर उसकी मेडिकल छुट्टी स्वीकृत करवाई और उसका इलाज कराया। इस दलील के आधार पर परिवार अदालत ने यह मानने से इनकार कर दिया कि प्रभा ने अरविंद को छोड़ दिया है। अदालत ने यह भी कहा कि अरविंद को यह मालूम था कि प्रभा नौकरी पाने का प्रयास कर रही थी और उसने सहायक अध्यापिका की नौकरी प्राप्त की।

अदालत ने सुनाया ये फैसला
हाईकोर्ट ने परिवार अदालत के निर्णय को सही मानते हुए कहा कि पति और पत्नी के बीच अलगाव का कारण नौकरी है, जो कि परित्याग की श्रेणी में नहीं आता। इस प्रकार परिवार अदालत का तलाक मंजूर करने से इनकार करना बिल्कुल उचित था।

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