Prayagraj News : अखाड़ा परिषद बनाएगा सनातन धर्म रक्षा बोर्ड, मंदिरों को सरकार से मुक्त कराएंगे... 

UPT | अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी जी महाराज।

Sep 23, 2024 17:46

तिरुपति बालाजी मंदिर में अर्पित होने वाले प्रसादम् में जानवर की चर्बी व मछली का तेल मिलाने का मामला प्रकाश में आने के बाद संत समाज में रोष व्याप्त है। सनातन धर्मावलंबियों की भावनाएं आहत हुईं हैं। महंत रविंद्र पुरी...

Short Highlights
  • बोर्ड में संतों, पुरोहितों व तीर्थ पुरोहितों को शामिल करने से धार्मिक त्रुटियां नहीं होंगी।
  • इसका प्रस्ताव अखाड़ा परिषद की बैठक में पास कर सरकार को भेजा जाएगा।
Prayagraj News : तिरुपति बालाजी मंदिर में अर्पित होने वाले प्रसादम् में जानवर की चर्बी व मछली का तेल मिलाने का मामला प्रकाश में आने के बाद संत समाज में रोष व्याप्त है। सनातन धर्मावलंबियों की भावनाएं आहत हुईं हैं। महंत रविंद्र पुरी के मुताबिक अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने प्राचीन मंदिरों को सरकारी अधिग्रहण से मुक्त करने के साथ सनातन धर्म रक्षा बोर्ड गठन की मांग उठाई है। अखाड़ा परिषद इस बोर्ड का प्रारूप तैयार करवा रहा है। इसमें 13 अखाड़ों के प्रमुख संतों के साथ हर प्रदेश के हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज, वरिष्ठ अधिवक्ता, तीर्थपुरोहित, हिंदू प्रशासनिक अफसर को शामिल करने का सुझाव दिया गया है। 

हस्तक्षेप से खंडित हो रही मंदिरों की परंपरा
अखाड़ा परिषद की ओर से प्राचीन मंदिरों की देखरेख सरकार के बजाय बोर्ड के माध्यम से कराने की मांग की गई है। अखाड़ा परिषद का कहना है कि 15 राज्यों में लगभग चार लाख मंदिर प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से सरकार के नियंत्रण में हैं। सरकारी हस्तक्षेप होने से मंदिरों की परंपरा व व्यवस्था खंडित हो रही है। लड्डू में जानवर की चर्बी मिलाना इसका जीवंत उदाहरण है। सरकार के तमाम अधिकारी गैर सनातन धर्मावलंबी होते हैं। उनके अंदर मंदिरों के प्रति न आस्था होती है न उसकी परंपरा से जुड़ाव। ऐसे लोग मनमाना काम करते हैं, जिससे व्यवस्था बिगड़ती है। ऐसे में मंदिरों के संचालन के लिए सनातन धर्म रक्षा बोर्ड बनाकर उसे देशभर में लागू करना चाहिए। अखाड़ा परिषद की बैठक में बोर्ड के प्रारूप पर चर्चा करके उसका प्रस्ताव पारित किया जाएगा। इसके बाद उसे केंद्र व समस्त राज्य सरकारों को भेजकर उचित कार्रवाई की मांग की जाएगी।

आयोग जैसे अधिकार मिलना चाहिए
प्रायगराज में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी का कहना है कि जैसे आयोगों को संवैधानिक दर्जा मिला है। उसी तरह सनातन धर्म रक्षा बोर्ड को अधिकार मिलना चाहिए। बोर्ड में अखाड़ा परिषद के जो अध्यक्ष रहे हों, उन्हीं को चेयरमैन बनाया जाना चाहिए। क्योंकि उनके संपर्क में देशभर के धर्माचार्य रहते हैं। 13 अखाड़ों के संतों, पुरोहितों व तीर्थ पुरोहितों को शामिल करने से धार्मिक स्तर पर त्रुटियां नहीं हो पाएंगी। चेयरमैन सहित बोर्ड में कुल 21 सदस्य होने चाहिए। इसका प्रस्ताव अखाड़ा परिषद की बैठक में पास कर सरकार को भेजा जाएगा।

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