Allahabad High Court : सपा की बागी विधायक पूजा पाल को मिली राहत, जानिए क्या था मामला

UPT | इलाहाबाद हाईकोर्ट

Sep 07, 2024 14:08

एसीजेएम प्रयागराज द्वारा 27 फरवरी 2024 को दिए गए आदेश से शुरू हुआ था। इस आदेश के तहत पूजा पाल, उनके भाई राहुल पाल और एक डेवलपर श्रीकांत पाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोप था कि इन लोगों ने मौजा शाहा ...

Prayagraj News : समाजवादी पार्टी की बागी विधायक पूजा पाल को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिली है। उच्च न्यायालय ने एक विवादास्पद मामले में उनकी पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया है, जिसे लेकर काफी राजनीतिक और कानूनी चर्चा थी। यह याचिका तब दायर की गई थी जब एक अदालत ने जबरन सड़क बनाने के मामले में एक फाइनल रिपोर्ट दाखिल की थी।

जानिए क्या था मामला
यह मामला एसीजेएम प्रयागराज द्वारा 27 फरवरी 2024 को दिए गए आदेश से शुरू हुआ था। इस आदेश के तहत पूजा पाल, उनके भाई राहुल पाल और एक डेवलपर श्रीकांत पाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोप था कि इन लोगों ने मौजा शाहा पीपलगांव की जमीन पर जबरन सड़क बनवाई थी। एफआईआर के बाद मामले की विवेचना की गई। जिसमें पूजा पाल और उनके भाई का नाम रिपोर्ट से हटा दिया गया, जबकि श्रीकांत पाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई।

कोर्ट ने पुनरीक्षण याचिका को किया खारिज
इलाहाबाद हाईकोर्ट की जस्टिस समित गोपाल की सिंगल बेंच ने इस मामले में पुनरीक्षण याचिका की वैधता पर विचार किया। याचिका के वकील मिथिलेश कुमार तिवारी ने कोर्ट में दलील दी कि याचिका अब अर्थहीन हो चुकी है क्योंकि एफआईआर दर्ज करने का आदेश और फाइनल रिपोर्ट के बाद की स्थिति को ध्यान में रखते हुए कोई नया तथ्य नहीं आया है। कोर्ट ने उनकी दलील को स्वीकार करते हुए पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया।

राज्य सरकार का पक्ष
राज्य सरकार की ओर से अदालत में प्रस्तुत जानकारी के अनुसार, 27 फरवरी 2024 के एसीजेएम के आदेश के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। विवेचना के दौरान पूजा पाल और उनके भाई राहुल पाल के नाम को बाहर कर दिया गया और फाइनल रिपोर्ट में इनका नाम नहीं जोड़ा गया। अब केवल श्रीकांत पाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। जो भारतीय दंड संहिता की धारा 506 के तहत 14 अगस्त 2024 को अदालत में पेश की गई है। हाईकोर्ट के फैसले से स्पष्ट होता है कि कोर्ट ने पुनरीक्षण याचिका की वैधता पर विचार करते हुए इसे खारिज कर दिया है। इससे साफ है कि पूजा पाल और उनके भाई राहुल पाल के खिलाफ एफआईआर और चार्जशीट की प्रक्रिया अब समाप्त हो चुकी है, जबकि केवल श्रीकांत पाल के खिलाफ कानूनी कार्यवाही जारी रहेगी।

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