इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला : ‘परपोता आश्रित की श्रेणी में नहीं आएगा’, जानिए पूरा मामला

UPT | इलाहाबाद उच्च न्यायालय

Sep 12, 2024 14:24

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में बताया है कि परपोता स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित की श्रेणी में नहीं आएगा। अदालत ने कहा कि परपोता स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रित की परिभाषा में...

Prayagraj News : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में बताया है कि परपोता स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित की श्रेणी में नहीं आएगा। अदालत ने कहा कि परपोता स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रित की परिभाषा में शामिल नहीं होता।

सीधे वंशज को ही मिलेगा आश्रित की श्रेणी में अधिकार
यह फैसला एक मामले की सुनवाई के दौरान लिया गया। जिसमें यह सवाल उठाया गया था कि क्या परपोता स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित की श्रेणी में आ सकता है। अदालत ने अपने निर्णय में इस बात पर जोर दिया कि केवल सीधे वंशज, जैसे कि संतान और पोते ही स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रित की श्रेणी में आते हैं। इस फैसले से उन परिवारों पर प्रभाव पड़ेगा जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परपोते को भी आश्रित मानने की कोशिश कर रहे थे।


याचिका की प्रार्थना अस्वीकार
हाल ही में न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने एक फैसला सुनाया। जिसमें याचिकाकर्ता की प्रार्थना को अस्वीकार कर दिया गया। याचिकाकर्ता ने स्वतंत्रता सेनानी के आश्रित की परपोती होने का दावा किया था और उनके मामले की समान परिस्थितियों की तुलना कृष्णानंद राय के फैसले से की थी। न्यायमूर्ति माथुर ने कहा कि कृष्णानंद राय के मामले में जो निर्णय लिया गया था। वह याचिकाकर्ता के मामले पर पूरी तरह लागू होता है। इस निर्णय के अनुसार याचिकाकर्ता को स्वतंत्रता सेनानी के आश्रित की परिभाषा में शामिल नहीं किया जा सकता। इसलिए याचिकाकर्ता की प्रार्थना को मान्यता नहीं दी जा सकती और इस पर कोई विशेष राहत प्रदान नहीं की जाएगी।

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