सहायक अध्यापकों का पदोन्नति का लंबा इंतजार अब होगा खत्म : दिशा-निर्देश जारी होते ही जल्दी शुरू होगी प्रक्रिया

UPT | उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड।

Oct 13, 2024 17:52

प्रयागराज के मंडल में करीब दो सौ सहायक अध्यापक अपनी पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं। शिक्षकों ने जेडी से पदोन्नति की मांग की थी। जेडी ने पदोन्नति के लिए शिक्षा निदेशक से मार्गदर्शन मांगा है।

Prayagraj News : प्रयागराज मंडल में करीब 200 सहायक अध्यापक अपनी पदोन्नति का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इन शिक्षकों ने संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) आरएन विश्वकर्मा से पदोन्नति की मांग की थी। इस संबंध में जेडी ने शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव से मार्गदर्शन मांगा है। उम्मीद जताई जा रही है कि कुछ दिनों में इस मामले पर दिशा-निर्देश जारी हो जाएंगे, जिसके बाद पूरे प्रदेश में पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। 


पदोन्नति प्रक्रिया में आ रही थी रुकावटें
प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को पदोन्नति देने की प्रक्रिया लंबे समय से रुकी हुई है। माध्यमिक सेवा चयन बोर्ड के भंग होने के बाद से ही यह प्रक्रिया ठप पड़ी है। अब, शिक्षकों को प्रवक्ता पद पर पदोन्नत करने के लिए संयुक्त शिक्षा निदेशक ने शासन से मार्गदर्शन की मांग की है। एडेड माध्यमिक विद्यालयों में पांच साल की सेवा पूरी करने पर सहायक अध्यापकों को प्रवक्ता पद पर पदोन्नत किया जाता है, बशर्ते उस विद्यालय में प्रवक्ता का पद खाली हो। हालांकि, इस पदोन्नति प्रक्रिया में स्थानांतरण का प्रावधान नहीं होता है।

पहले यह पदोन्नति जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) स्तर से होती थी। बाद में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का गठन किया गया और चयन बोर्ड के अधिनियम 1982 की धारा 11 के तहत संयुक्त शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता वाली कमेटी द्वारा पदोन्नति की जाने लगी। वर्षों से यह प्रक्रिया इसी तरह चलती रही, लेकिन 2022 में जब चयन बोर्ड भंग कर राज्य शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन हुआ, तो पदोन्नति की यह प्रक्रिया भी रुक गई। इसके साथ ही अधिनियम की कई धाराएं भी निष्प्रभावी हो गईं, जिससे शिक्षक परेशान हैं।

शिक्षकों की समस्याएं और नई व्यवस्था
चयन बोर्ड के भंग होने के बाद राज्य शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन से न केवल पदोन्नति की प्रक्रिया रुक गई, बल्कि चयन बोर्ड की धारा 21 और 11 जैसी महत्वपूर्ण धाराओं को भी हटा दिया गया। इस बदलाव से शिक्षक काफी परेशान हैं। शिक्षक नेता हरि प्रकाश यादव ने इस स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि धारा 21 के अंतर्गत, अगर किसी शिक्षक को प्रबंधक बर्खास्त करता था, तो वह चयन बोर्ड में अपील कर सकता था। इस धारा के अंतर्गत बिना चयन बोर्ड की अनुमति के शिक्षक को बर्खास्त नहीं किया जा सकता था। लेकिन अब इस धारा के हट जाने से शिक्षकों की सुरक्षा कम हो गई है और उन्हें अपनी नौकरियों को लेकर चिंता हो रही है।

उम्मीदें बरकरार, जल्द शुरू होगी प्रक्रिया
अब शिक्षकों को उम्मीद है कि शिक्षा निदेशक से मार्गदर्शन मिलने के बाद पदोन्नति की प्रक्रिया फिर से शुरू हो जाएगी। इससे न केवल शिक्षकों की पदोन्नति का रास्ता साफ होगा बल्कि वे अपने भविष्य को लेकर अधिक आत्मविश्वास महसूस करेंगे। 

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