महाकुंभ 2025 : प्लास्टिक फ्री आयोजन के लिए स्वयंसेवी संगठन बांटेंगे जूट के थैले, 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद

UPT | कार्यक्रम के दौरान किन्नर अखाड़े की टीना मां और संस्था के लोग

Dec 22, 2024 09:35

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस बार महाकुंभ को न केवल दिव्य और भव्य बनाने का संकल्प लिया है, बल्कि स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित भी बनाने की पूरी तैयारी की है।

Prayagraj News : प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 को संगम की पवित्र रेती पर महाकुंभ का शुभारंभ पौष पूर्णिमा के पहले स्नान पर्व के साथ होगा। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसे न केवल दिव्य और भव्य बनाने का संकल्प लिया है, बल्कि स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित भी बनाने की पूरी तैयारी की है। इस बार का महाकुंभ "ग्रीन, डिजिटल और प्लास्टिक फ्री" होगा।

40 करोड़ श्रद्धालुओं की संभावना
ऐसा अनुमान है कि महाकुंभ 2025 के दौरान लगभग 40 करोड़ श्रद्धालु संगम नगरी प्रयागराज पहुंचेंगे। इतने बड़े आयोजन को स्वच्छ और व्यवस्थित रखने के लिए सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं। मेला क्षेत्र में करीब डेढ़ लाख शौचालय स्थापित किए जा रहे हैं और 15,000 से अधिक सफाई कर्मियों की तैनाती की गई है।

प्लास्टिक बैन और पर्यावरण संरक्षण पर जोर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। पॉलिथीन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। इसके स्थान पर मिट्टी के बर्तन, दोना-पत्तल, गोबर से बने दीये और मूर्तियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही, कपड़े और जूट के थैलों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग
महाकुंभ को सफल बनाने के लिए कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी आगे आई हैं। राजस्थान की करणी कृपा फाउंडेशन इस अभियान में अहम भूमिका निभा रही है। फाउंडेशन की प्रमुख करिश्मा हांडा ने श्रद्धालुओं को प्लास्टिक का उपयोग न करने की शपथ दिलाई। हरिहर गंगा आरती स्थल पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने गंगा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्लास्टिक नष्ट नहीं होता और यह पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने मिट्टी, जूट और कपड़े से बने उत्पादों के उपयोग के लिए लोगों को प्रेरित किया।

करिश्मा हांडा ने कहा, "हमारा यह संकल्प है कि न तो हम प्लास्टिक का उपयोग करेंगे और न ही किसी और को करने देंगे।" उन्होंने बताया कि 13, 14 और 15 जनवरी को उनकी संस्था निशुल्क कपड़े और जूट के थैले वितरित करेगी।

किन्नर अखाड़ा और टीना मां की पहल 
किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर और प्रयागराज नगर निगम की स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर स्वामी कौशिल्यानंद गिरी उर्फ़ टीना मां ने भी प्लास्टिक मुक्त महाकुंभ के अभियान में अपनी सहभागिता दी। उन्होंने मिट्टी के बर्तन, दोना-पत्तल और जूट व कपड़े के थैलों के उपयोग को रोजगार सृजन का माध्यम बताया। उनके अनुसार, इन उत्पादों के निर्माण से महिलाओं और अन्य कारीगरों को आर्थिक स्वावलंबन मिलेगा।

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