Fatehpur News : साध्वी निरंजन ज्योति बोलीं-राम जन्मभूमि के फैसले में तेंदुली स्थित प्राचीन सूर्य मंदिर का अहम योगदान

Uttar Pradesh Times | केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति।

Jan 13, 2024 16:07

केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में आने का निमंत्रण देने के लिए पूजित अक्षत लेकर जिले के तेंदुली स्थित प्राचीन सूर्य मंदिर (भगवान चतुर्भुज) पहुंचीं। उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट समिति द्वारा पूजित अक्षत लेकर सूर्य मंदिर में निमंत्रण देने आई हूं।

Fatehpur News : केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में आने का निमंत्रण देने के लिए पूजित अक्षत लेकर जिले के तेंदुली स्थित प्राचीन सूर्य मंदिर (भगवान चतुर्भुज) पहुंचीं। उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट समिति द्वारा पूजित अक्षत लेकर सूर्य मंदिर में निमंत्रण देने आई हूं। क्योंकि मर्यादा पुरुषोत्तम राम सूर्यवंशी हैं। सूर्यवंशी होने के नाते इस स्थान का राम जन्मभूमि के फैसले में अहम योगदान है। 

सपा अध्यक्ष पर हमला बोला
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के अयोध्या आने के निमंत्रण पर और सौ फीसदी सनातनी होने बयान पर उन्होंने कहा कि अगर वह सौ फीसदी सनातनी हैं तो कम से कम उनके पिता के समय जो गोलियां चली थी उसका पश्चाताप तो करें। उन्होंने एक बार भी पश्चाताप नहीं किया। मुझे लगता है कि निमंत्रण देना किसी पार्टी का काम नहीं है। निमंत्रण राम जन्मभूमि ट्रस्ट दे रहा है। राम मंदिर को लेकर कांग्रेस में मची खलबली को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के लोग लगातार इस्तीफा दे रहे हैं। 

राम मंदिर फैसले में काम आईं तेंदुली स्थित प्राचीन सूर्य मंदिर की ईंटें
श्रीराम जन्मभूमि के फैसले में कोर्ट ने तेंदुली स्थित प्राचीन सूर्य मंदिर (भगवान चतुर्भुज) का जिक्र किया था। कोर्ट के श्रीराम जन्मभूमि के फैसले में फतेहपुर के तेंदुली सूर्यमंदिर का जिक्र किया था। उत्खनन में मिलीं राम जन्मभूमि की ईंटों की कालगणना का मिलान तेंदुली मंदिर के ईंटों से की गई थी। बिंदकी तहसील के तेंदुली गांव के सूर्य मंदिर में भगवान चतुर्भुज विष्णु की मूर्ति स्थापित है। वास्तुकला की यह उत्कृष्ट कृति गुप्त कालीन आठवीं शताब्दी के पूर्व बना था। रिंद नदी के किनारे बसे छोटे और शांत गांव तेंदुली में गुप्त काल के मंदिर हैं। इसेसूर्य मंदिर भी कहा जाता है। मंदिर वास्तुशास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार बना है और इसमें अब तक देखी गई सबसे उत्कृष्ट ईंटें (ककई ईंट) हैं। 
 

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