कोलकाता में महिला डॉक्टर से रेप और हत्या का मामला : प्रयागराज में जूनियर डॉक्टरों का घटना के खिलाफ प्रदर्शन जारी

UPT | डॉक्टरों की दूसरे दिन भी हड़ताल जारी रही।

Aug 13, 2024 15:37

पश्चिम बंगाल में महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के खिलाफ संगम नगरी प्रयागराज के डॉक्टर लगातार दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। ओपीडी बंद होने के कारण मरीजों को खासी मुसीबत उठनी पड़ी।

Short Highlights
  • सुबह से ही एसआरएन हॉस्पिटल का ओपीडी काउंटर बंद रहा 
  • दूर दराज से आने वाले मरीजों और तीमारदारों को खासी परेशानी उठानी पड़ी 
Prayagraj News : पश्चिम बंगाल में महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या की घटना के खिलाफ प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से जुड़े स्वरूप रानी नेहरू हॉस्पिटल (SRN) के जूनियर डॉक्टरों ने दूसरे दिन भी हड़ताल जारी रखी है। मंगलवार सुबह से ही जूनियर डॉक्टरों ने घटना के विरोध में धरना दिया और जोरदार नारेबाजी की। इस विरोध प्रदर्शन में अब सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर भी शामिल हो गए हैं, जिससे अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया है।

सुबह से ओपीडी बंद, मरीज परेशान 
एसआरएन हॉस्पिटल में आज सुबह से ही ओपीडी काउंटर बंद करवा दिया गया है, जिससे दूर-दराज से इलाज के लिए आए सैकड़ों मरीजों और उनके तीमारदारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें यहां आकर पता चला कि डॉक्टर हड़ताल पर हैं, जिससे उनका इलाज नहीं हो पा रहा है। दूसरी ओर, कोलकाता की शर्मनाक घटना को लेकर प्रयागराज के जूनियर डॉक्टरों में गहरा आक्रोश है।

बलात्कारी के खिलाफ बुलडोजर एक्शन की मांग 
प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि कोलकाता के अस्पताल में सुरक्षा की कमी के कारण इस तरह की घटना हुई है। उनका आरोप है कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज सहित कई अन्य मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। डॉक्टरों ने सरकार से मांग की है कि अस्पतालों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। जूनियर डॉक्टरों ने मांग की है कि कोलकाता की दिवंगत महिला डॉक्टर को न्याय दिलाने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार बलात्कारियों के खिलाफ उसी तरह का बुलडोजर एक्शन करे जैसा उत्तर प्रदेश में किया गया है। इसके अलावा, डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए पूरे देश में केंद्रीय प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की भी जोरदार मांग की गई है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। 

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