प्रयागराज में स्वास्थ्य की निगरानी करेगी टैटू नुमा चिप : रायबरेली एम्स की अनोखी पहल, पहली बार होगा इस्तेमाल

UPT | महाकुंभ 2025

Jan 11, 2025 09:54

चिप हृदय गति, रक्तचाप (बीपी) और ऑक्सीजन स्तर की जानकारी को लगातार मॉनिटर करेगी। खास बात यह है कि इस सेवा के लिए लोगों को अस्पताल जाने की आवश्यकता नहीं है...

Prayagraj News : प्रयागराज में आयोजित मेले के दौरान श्रद्धालुओं और साधु-संतों की सेहत पर खास ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए एक अत्याधुनिक अमेरिकी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसमें एक टैटू नुमा चिप के जरिए श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य स्थिति पर नजर रखी जाएगी। यह चिप हृदय गति, रक्तचाप (बीपी) और ऑक्सीजन स्तर की जानकारी को लगातार मॉनिटर करेगी। खास बात यह है कि इस सेवा के लिए लोगों को अस्पताल जाने की आवश्यकता नहीं है। जहां भी श्रद्धालु होंगे, उनकी सेहत पर नजर रखी जा सकेगी।

रायबरेली एम्स की टीम का अभिनव प्रयास
यह उन्नत तकनीक रायबरेली एम्स के चिकित्सकों की टीम द्वारा मेले में उपलब्ध कराई जा रही है। यह सुविधा पूरी तरह से निशुल्क है और इसका उद्देश्य मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं और साधु-संतों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है। रायबरेली एम्स के सुपरिटेंडेंट डॉ. सुयस ने बताया कि इस तकनीक का पहले रायबरेली में सफल परीक्षण हो चुका है। जहां लगभग 100 मरीजों को इसका लाभ दिया गया। प्रयागराज में इसे पहली बार लागू किया जा रहा है।


कैसे काम करती है यह चिप?
टैटू के आकार की इस चिप को मरीज के हृदय के ऊपर त्वचा पर चिपका दिया जाता है। यह चिप इंटरनेट के माध्यम से अस्पताल के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सिस्टम से जुड़ी होती है। चिप मरीज के बीपी, हृदय गति और ऑक्सीजन स्तर की रिपोर्ट लगातार अस्पताल के सिस्टम तक भेजती रहती है। डॉ. सुयस के अनुसार यह तकनीक न केवल मरीज की ईसीजी और रक्तचाप की जांच में मदद करती है, बल्कि किसी आपातकालीन स्थिति में अलर्ट सिग्नल भी भेजती है। जैसे ही किसी मरीज की स्थिति बिगड़ती है। चिप डॉक्टरों के सिस्टम पर अलार्म बजाती है। इससे तुरंत डॉक्टरों की टीम मरीज तक पहुंच सकती है और जरूरत पड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती किया जा सकता है।

25 बेड का केंद्रीय अस्पताल और टेलीमेडिसिन की सुविधा
मेले में सेक्टर-20 स्थित 25 बेड के उप केंद्रीय अस्पताल में रायबरेली एम्स की टीम ने 10 बेड का एक अत्याधुनिक आईसीयू वार्ड स्थापित किया है। डॉक्टरों की टीम इस तकनीक के माध्यम से मरीजों की निगरानी कर रही है। इस प्रक्रिया को टेलीमेडिसिन कहा जाता है। जिसमें इंटरनेट और तकनीकी उपकरणों की मदद से दूरस्थ स्थानों पर मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं दी जाती हैं।

आपातकालीन स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया
इस चिप की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि आपातकालीन स्थिति में यह तत्काल डॉक्टरों को अलर्ट भेजती है। ऐसे में स्वास्थ्य सेवा देने वाली टीम मरीज तक तुरंत पहुंच सकती है। डॉ. सुयस ने बताया कि इस तकनीक ने स्वास्थ्य सेवाओं में एक नई क्रांति ला दी है, खासकर बड़े आयोजनों और मेलों में।

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