महाकुंभ में यातायात व्यवस्था : प्रयागराज में भारी वाहनों की नो एंट्री, जानें कौन-कौन से रूट रहेंगे डायवर्ट

UPT | प्रतीकात्मक तस्वीर

Jan 11, 2025 14:33

महाकुंभ के दौरान, शहर के प्रवेश मार्गों पर यातायात का दबाव बढ़ सकता है। इस पर नियंत्रण पाने के लिए 11 जनवरी सुबह आठ बजे से 15 जनवरी सुबह आठ बजे तक भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है...

Prayagraj News : प्रयागराज शहर महाकुंभ 2025 के लिए पूरी तरह तैयार है और दो दिन बाद, यानी 13 जनवरी को, इस भव्य धार्मिक आयोजन का आगाज होगा। मेले में देश-विदेश से करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। महाकुंभ का प्रारंभ पौष पूर्णिमा के दिन होगा, जबकि अगले दिन 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर विशेष स्नान पर्व आयोजित होगा।

कब तक डायवर्ट रहेगा रूट
इसके पहले दो दिन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के प्रयागराज पहुंचने की उम्मीद है, जिससे शहर के प्रवेश मार्गों पर यातायात का दबाव बढ़ सकता है। इस पर नियंत्रण पाने के लिए 11 जनवरी सुबह आठ बजे से 15 जनवरी सुबह आठ बजे तक भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। इसके अलावा, रूट डायवर्जन लागू करने के लिए विभिन्न जिलों के पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, ताकि यातायात सुचारु रूप से चलता रहे और श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।



कानपुर से बांदा की ओर जाने वाले वाहनों का रूट  
  • कानपुर से फतेहपुर के चौडगरा चौराहा, बिंदकी, बंधवा तिराहा, ललौली चिल्ला होते हुए बांदा भेजे जाएंगे।  
  • वापसी भी इसी मार्ग से होगी।  
  • यातायात व्यवस्था का जिम्मा फतेहपुर और बांदा के पुलिस अधीक्षक पर होगा।

रीवा से वाराणसी की ओर जाने का रूट
  • रीवा (मध्य प्रदेश) से मनगवां, हनुमना, लालगंज, मिर्जापुर, औराई होते हुए वाराणसी जाएंगे।  
  • वापसी भी इसी मार्ग से होगी।  
  • यातायात व्यवस्था के लिए पुलिस आयुक्त वाराणसी के अलावा मिर्जापुर, भदोही और रीवा के एसपी जिम्मेदार होंगे।

कौशाम्बी से वाराणसी जाने वाले वाहनों का रूट  
  • कौशाम्बी से आने वाले भारी वाहनों को कोखराज बाईपास से मोड़ा जाएगा।  
  • वाहनों का रूट बाईपास से हंडिया होते हुए वाराणसी की ओर होगा।  
  • वापसी भी इसी मार्ग से होगी।  
  • जिम्मेदारी एसपी कौशाम्बी और हंडिया में डीसीपी गंगानगर को दी गई है।

महोबा से आने वाले वाहनों पर रोक  
  • महोबा से प्रयागराज जाने वाले भारी वाहनों का प्रवेश 12 जनवरी से 14 जनवरी तक बंद रहेगा।  
  • रूट डायवर्जन कबरई क्षेत्र के बांदा तिराहा से किया जाएगा।  
  • डायवर्जन का पालन कराने के लिए यातायात पुलिस महोबा और थाना कबरई, थाना खन्ना पुलिस को निर्देशित किया गया है।

कानपुर से वाराणसी और बिहार की ओर जाने वाले वाहनों का डायवर्जन  
  • फतेहपुर-कानपुर से रायबरेली, प्रतापगढ़, मुंगराबादशाहपुर, मछलीशहर, जौनपुर, जलालपुर, फूलपुर, बाबतपुर एयरपोर्ट, मंगारी, राजवारी, चहनियां, सकलडीहा, चंदौली, सैयदराजा होते हुए बिहार जाने वाले वाहनों का रूट।  
  • वापसी भी इसी मार्ग से होगी।  
  • यातायात व्यवस्था का जिम्मा सीपी वाराणसी, फतेहपुर, रायबरेली, प्रतापगढ़, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली के पुलिस अधीक्षकों पर होगा।

कानपुर से रीवा-मिर्जापुर की ओर जाने वाले वाहनों का रूट 
  • चौडगरा से बिंदकी, बंधवा तिराहा, ललौली चिल्ला होते हुए बांदा भेजे जाएंगे।  
  • फिर कर्दी, मऊ, शंकरगढ़, जसरा, नारीबारी, मनगवां, हनुमना, लालगंज से मिर्जापुर जाएंगे।  
  • वापसी भी इसी मार्ग से होगी।  
  • यातायात व्यवस्था की जिम्मेदारी डीसीपी यमुनानगर, फतेहपुर, बांदा, चित्रकूट और मिर्जापुर के एसपी पर होगी।

रीवा से लखनऊ का मार्ग  
  • रीवा से नारीबारी, शंकरगढ़, मऊ, कर्वी, बांदा, बिल्ला पुल, बिंदकी, चौडगरा, फतेहपुर, असनीपुल, लालगंज, रायबरेली होते हुए लखनऊ भेजा जाएगा।  
  • वापसी भी इसी मार्ग से होगी।  
  • यातायात व्यवस्था के लिए पुलिस आयुक्त लखनऊ, डीसीपी यमुनानगर, रीवा, बांदा, फतेहपुर और रायबरेली के पुलिस अधीक्षकों को जिम्मेदारी दी गई है।  
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मौनी अमावस्या पर रहेगा नो व्हीकल जोन 
महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज में 29 जनवरी को होने वाले मौनी अमावस्या के स्नान के लिए शहर और मेला क्षेत्र में 27 जनवरी से लेकर 31 जनवरी तक नो व्हीकल जोन लागू रहेगा। इस दौरान, किसी भी वाहन को शहर और मेला क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी। दूसरे शहरों से आने वाले वाहन बाहर बनाए गए पार्किंग स्थलों पर ही रोके जाएंगे और श्रद्धालु शटल बसों के जरिए मेला और शहर में पहुंच सकेंगे। यह व्यवस्था श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।

एडीजी ने दी जानकारी
एडीजी भानु भास्कर ने बताया कि मौनी अमावस्या के अलावा चार प्रमुख स्नान पर्वों के दौरान भी तीन दिनों तक शहर और मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन में बदल दिया जाएगा। श्रद्धालुओं को शटल बसों के माध्यम से ही मेला क्षेत्र में जाने की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही, 24 सेटेलाइट पार्किंग स्थल तैयार किए गए हैं, जो मेले के निकटतम स्थानों पर स्थित हैं। इन पार्किंग स्थलों में सभी आवश्यक सुविधाएं भी प्रदान की गई हैं।

स्नान के दिनों में कितना चलना होगा पैदल
स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को सुविधाजनक तरीके से मेला क्षेत्र तक पहुंचाने के लिए खास व्यवस्था की गई है। सामान्य दिनों में श्रद्धालुओं को स्नान के लिए एक से डेढ़ किलोमीटर पैदल चलना पड़ेगा, जबकि प्रमुख स्नान पर्वों पर यह दूरी तीन से चार किलोमीटर तक बढ़ सकती है। मुख्य स्नान पर्व के दिनों में संगम स्टेशन बंद रहेगा और इन दिनों के एक दिन पहले और एक दिन बाद भी ट्रेन सेवा उपलब्ध नहीं होगी। इस दौरान सिविल लाइंस बस अड्डे को शटल बसों का केंद्र बनाया जाएगा और रोडवेज बस अड्डों से बसों का संचालन नहीं होगा।

पुलिस ने जारी की एडवाइजरी
महाकुंभ में यातायात व्यवस्था को और भी बेहतर बनाने के लिए 1900 हेक्टेयर क्षेत्र में 102 छोटे-बड़े पार्किंग स्थल बनाए गए हैं, जिनमें 5.5 लाख से अधिक वाहन खड़े किए जा सकते हैं। पुलिस द्वारा ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है, ताकि किसी भी श्रद्धालु को यात्रा में कोई परेशानी न हो। इसके अलावा, आपातकालीन स्थितियों के लिए ग्रीन कॉरिडोर भी तैयार किया गया है, जिससे एंबुलेंस को सुरक्षित रूप से निकाला जा सके।

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