महाकुंभ 2025 : संगम के साथ सज रहे अयोध्या, वाराणसी और चित्रकूट धाम, प्रमुख धार्मिक स्थलों पर तैयारी शुरू

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Dec 24, 2024 19:13

सनातन आस्था के सबसे बड़े समागम महाकुंभ 2025 को लेकर तैयारियां सिर्फ प्रयागराज में ही नहीं, बल्कि प्रदेश के अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भी जोर-शोर से की जा रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन स्थानों पर श्रद्धालुओं और पर्यटकों के सुविधाजनक आवागमन के लिए मूलभूत सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए हैं।

Short Highlights
  • प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों की भी की जा रही तैयारियां
  • सुविधाओं के लिए करीब 65 करोड़ रुपये का प्रस्ताव
  • आधुनिक सुविधाओं का किया जा रहा विकास
Mahakumbh 2025 : सनातन आस्था के सबसे बड़े समागम महाकुंभ 2025 को लेकर तैयारियां सिर्फ प्रयागराज में ही नहीं, बल्कि प्रदेश के अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भी जोर-शोर से की जा रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन स्थानों पर श्रद्धालुओं और पर्यटकों के सुविधाजनक आवागमन के लिए मूलभूत सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए हैं। अनुमानित 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन को ध्यान में रखते हुए प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट, मीरजापुर और लखनऊ में यातायात व्यवस्था, आवास सुविधाएं, स्वच्छता, पेयजल, चिकित्सा और सुरक्षा प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विशेष रूप से त्रिवेणी संगम, राम मंदिर परिसर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर आधुनिक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव मिल सके।

65 करोड़ रुपये का प्रस्ताव
इन सुविधाओं के लिए करीब 65 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया गया है। इसमें अयोध्या के लिए 12.41 करोड़, मीरजापुर के लिए 10.87 करोड़, चित्रकूट के लिए 4.85 करोड़ और लखनऊ के लिए 28.68 करोड़ रुपये का प्रावधान है। इन खर्चों का उपयोग अस्थाई आवासीय व्यवस्था, खान-पान, प्रकाश व्यवस्था, स्वच्छ पेयजल, शौचालय और सफाई के कामों के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, ठंड से बचाव के लिए हीटर और कंबल भी उपलब्ध कराए जाएंगे।


विशेष समिति का गठन
इसके अलावा, एक विशेष समिति का गठन किया गया है, जो इन कार्यों की निगरानी करेगी। यह समिति मंडलायुक्त की अध्यक्षता में विभिन्न परियोजनाओं के बारे में निर्णय लेगी और कार्यदायी संस्था का चयन करेगी। यूपीएसटीडीसी को टेंट और किचन व्यवस्था का कार्य सौंपा गया है। समिति द्वारा प्रस्ताव तैयार करने के बाद इसे कुम्भ मेलाधिकारी के माध्यम से अंतिम अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।

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