मांधाता क्षेत्र में रुक्मिणी विवाह संपन्न : अतुल महाराज ने कराया भागवत कथा का रसपान, श्रद्धालु हुए भाव विभोर

UPT | मांधाता क्षेत्र में रुक्मिणी विवाह संपन्न

Oct 27, 2024 20:33

मांधाता क्षेत्र के रामनगर हैंसी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में रविवार को रुक्मिणी विवाह प्रसंग और सुदामा चरित्र का वर्णन सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। कथावाचक अतुल जी महराज ने कथा का रसपान कराते हुए बताया कि विदर्भ के राजा भीष्मक के घर रुक्मिणी का जन्म हुआ

Pratapgarh News : मांधाता क्षेत्र के रामनगर हैंसी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में रविवार को रुक्मिणी विवाह प्रसंग और सुदामा चरित्र का वर्णन सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। कथावाचक अतुल जी महराज ने कथा का रसपान कराते हुए बताया कि विदर्भ के राजा भीष्मक के घर रुक्मिणी का जन्म हुआ। बाल्यावस्था से ही वह भगवान श्रीकृष्ण को सच्चे हृदय से पति के रूप में चाहती थीं, लेकिन उनके भाई रुक्मिणी का विवाह शिशुपाल के साथ कराना चाहते थे। रुक्मिणी ने जब अपने भाई की इच्छा जानी, तो उसे बड़ा दुख हुआ। 

सुदेव ब्राह्मण का सुनाया किस्सा
इसलिए, शुद्धमति के अंतपुर में एक सुदेव नामक ब्राह्मण आता-जाता था। रुक्मिणी ने उस ब्राह्मण से कहा कि वे श्रीकृष्ण से विवाह करना चाहती हैं और सात श्लोकों में लिखित अपना पत्र श्रीकृष्ण तक पहुंचाने का अनुरोध किया। कथावाचक ने बताया कि रुक्मिणी ने स्वयं को प्राप्त करने के लिए उपाय भी बताया। पत्र में उसने कहा कि वह प्रतिदिन पार्वती की पूजा करने के लिए मंदिर जाती है, और श्रीकृष्ण से निवेदन किया कि वह उन्हें वहां से ले जाएं। पत्र में रुक्मिणी ने लिखा कि यदि आप इस दासी को स्वीकार नहीं करेंगे, तो मैं हजारों जन्म लेती रहूंगी। मैं किसी और पुरुष से विवाह नहीं करना चाहती।

श्रीकृष्ण ने किया रुक्मिणी का हरण
आचार्य ने बताया कि जब रुक्मिणी पार्वती के पूजन के लिए आईं, उसी समय प्रभु श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी का हरण कर लिया। इसके बाद रुक्मिणी के पिता ने रीति-रिवाज के साथ दोनों का विवाह कर दिया। इंद्रलोक से सभी देवताओं ने पुष्पों की वर्षा की और खुशियां लुटाईं, जबकि मौजूद श्रद्धालुओं ने विवाह के मंगलगीत भी गाए। इसके बाद सुदामा चरित्र का वर्णन किया गया। कथा के मुख्य यजमान राम प्रवेश मिश्र और शान्ती मिश्रा रहे, जबकि व्यवस्थापक आदित्य प्रसाद मिश्रा और अर्पित मिश्र ने दूर-दराज से आए सभी श्रद्धालु भक्तों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर रामशंकर मिश्रा, प्रज्ञा नंदन मिश्रा, घनश्याम मिश्रा, मंगला प्रसाद मिश्रा, दिवाकर पाण्डेय, सौरभ मिश्रा, रवि, शशि आदि भी मौजूद रहे।

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