महाकुंभ पर दिए विवादित बयान पर पलटवार : बीजेपी मंत्री ने चंद्रशेखर आजाद की कौआ से की तुलना, बोले...

UPT | मंत्री दिनेश प्रताप सिंह और सांसद चंद्रशेखर आजाद

Jan 10, 2025 16:07

प्रदेश सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने महाकुंभ पर दिए गए नगीना सांसद और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के बयान पर पलटवार किया है...

Prayagraj News : प्रदेश सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने महाकुंभ पर दिए गए नगीना सांसद और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के बयान पर पलटवार किया है। मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने चंद्रशेखर आजाद के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए उनकी तुलना एक कौआ से की है। उन्होंने कहा कि "महाकुंभ के बारे में हर जगह कोयल जैसी मीठी आवाज सुनाई दे रही है, लेकिन चंद्रशेखर आजाद इस पर ऐसे बोल रहे हैं जैसे बाग में कौआ बोल रहा हो।

चंद्रशेखर आजाद का बयान
चंद्रशेखर आजाद ने महाकुंभ के बारे में एक विवादास्पद बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि महाकुंभ में वही लोग आएंगे जिन्होंने पाप किए हैं। उनका यह बयान संतों और धार्मिक समुदाय के बीच चर्चा का विषय बन गया। चंद्रशेखर ने यह भी सवाल उठाया कि पाप क्या होते हैं और वे कब किए जाते हैं। उनके इस बयान पर न केवल बीजेपी ने विरोध जताया, बल्कि समाजवादी पार्टी ने भी इस पर अपनी आपत्ति व्यक्त की।



बीजेपी का पलटवार
बीजेपी के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने चंद्रशेखर के बयान को तीखा जवाब देते हुए कहा कि कुंभ एक पवित्र धार्मिक आयोजन है और चंद्रशेखर का बयान इस आयोजन की गरिमा को कम करने वाला है। वह अपनी बातों से समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। उनके बयान से साफ प्रतीत होता है कि पाप उनके दिमाग में भरा हुआ है न कि महाकुंभ में आने वाले लोगों में।"

समाजवादी पार्टी ने भी किया विरोध
 समाजवादी पार्टी के नेता उदयवीर सिंह ने भी चंद्रशेखर आजाद के बयान का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि कुंभ में आने वाले लोग अपनी आस्था के कारण आते हैं, वे पुण्य कमाने के लिए वहां जाते हैं। चंद्रशेखर आजाद का यह बयान न केवल गलत है, बल्कि यह धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचाने वाला भी है। इससे पहले, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने भी महाकुंभ को लेकर एक विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि कुंभ मेला वक्फ बोर्ड की 55 बीघा जमीन पर आयोजित हो रहा है, लेकिन मुस्लिम समाज ने इस पर कोई विरोध नहीं किया और बड़ी दिलेरी दिखाई। 

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