Prayagraj News : SC ने विवादास्पद उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा अधिनियम पर अंतिम सुनवाई की तिथि निर्धारित की

UPT | सर्वोच्च न्यायालय

Aug 06, 2024 00:51

देश के सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेगा, जिसमें यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड...

Prayagraj News : देश के सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेगा, जिसमें यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004 (Uttar Pradesh Madrasa Education Board Act-2004) को रद्द कर दिया गया था। इसे "असंवैधानिक" तथा धर्मनिरपेक्षता के संवैधानिक सिद्धांत का उल्लंघन बताया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार यानी 05 अप्रैल को इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए कहा था कि फैसले के खिलाफ 7 याचिकाओं में उठाए गए मुद्दे गहन विचार-विमर्श योग्य हैं।

13 अगस्त को सूचीबद्ध करेगी...
शीर्ष अदालत के प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, (Chief Justice D.Y. Chandrachud) न्यायमूर्ति जे.बी.(Justice J.B.) पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि वह इन याचिकाओं को अंतिम निपटारे के लिए एक हफ्ते बाद यानी 13 अगस्त को सूचीबद्ध करेगी। इसने इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में दस्तावेजों के सामान्य संकलन को सुनिश्चित करने के लिए अधिवक्ता रुचिरा गोयल को नोडल वकील भी नियुक्त किया।

सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका दायर
याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका भी दायर की गई है। प्रधान न्यायाधीश  डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा, "क्या हमें इन्हें अगले मंगलवार को अंतिम निस्तारण के लिए सूचीबद्ध करना चाहिए?... एक बार जब हमने स्थगन आदेश दे दिया तो हम इन्हें अंतिम निपटान के लिए सूचीबद्ध कर सकते हैं।" उन्होंने कहा कि निर्णय के लिए मुद्दे एक संकीर्ण दायरे में हैं।

हाई कोर्ट का यह कहना प्रथम दृष्टया सही नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए कहा था, "मदरसा बोर्ड का उद्देश्य और प्रयोजन नियामक प्रकृति का है और इलाहाबाद हाई कोर्ट का यह कहना प्रथम दृष्टया सही नहीं है कि बोर्ड की स्थापना से धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन होगा।"

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