UP PCS J-2022 : हाईकोर्ट ने संशोधित परिणाम को लेकर आयोग पर उठाए सवाल, आयोग से मांगी जानकारी

UPT | इलाहाबाद हाईकोर्ट

Sep 07, 2024 14:23

लोक सेवा आयोग ने 30 अगस्त 2024 को यूपीपीसीएस जे 2022 का संशोधित परिणाम जारी किया। इस संशोधित परिणाम में दो चयनित अभ्यर्थियों को चयनित सूची से बाहर कर दिया गया है और उनकी जगह दो नए अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। यह बदलाव...

Prayagraj News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपीपीसीएस जे 2022 के संशोधित परिणाम को लेकर प्रदेश सरकार और लोक सेवा आयोग से सवाल उठाए हैं। न्यायमूर्ति एसडी सिंह और न्यायमूर्ति डी रमेश की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार को इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।

सरकार को पक्ष रखने का दिया निर्देश
लोक सेवा आयोग ने 30 अगस्त 2024 को यूपीपीसीएस जे 2022 का संशोधित परिणाम जारी किया। इस संशोधित परिणाम में दो चयनित अभ्यर्थियों को चयनित सूची से बाहर कर दिया गया है और उनकी जगह दो नए अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। यह बदलाव तब आया जब याची श्रवण पांडे ने अदालत में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया कि प्रदेश सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट करे। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि प्रदेश सरकार इस मामले में अपना पक्ष स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करे। लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता ने अदालत के सामने पत्राचार प्रस्तुत किया। जिसमें बताया गया कि आयोग ने खुद संज्ञान लेकर परिणाम को संशोधित किया। कोर्ट ने कहा कि यह मामला गंभीर है, खासकर तब जब चयनित अभ्यर्थी पहले ही सेवा में आ चुके हैं।

लोक सेवा आयोग को जानकारी देने का निर्देश
कोर्ट ने लोक सेवा आयोग को निर्देशित किया है कि वह उत्तर पुस्तिकाओं के मिलान और पुनः मिलान की पूरी प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी एक हलफनामे के माध्यम से प्रस्तुत करे। इसके साथ ही, कोर्ट ने आयोग से यह भी जानकारी मांगी है कि 14 जून 2024 को भेजे गए नोटिस के संबंध में क्या कदम उठाए गए हैं। 

उत्तर पुस्तिकाओं में गड़बड़ी का मामला
याची श्रवण पांडे ने आरोप लगाया था कि पीसीएस जे 2022 की परीक्षा में उनकी अंग्रेजी और हिंदी की उत्तर पुस्तिकाएं फटी हुई थीं और उनके अंक दूसरे अभ्यर्थियों को दे दिए गए थे। लोक सेवा आयोग ने इस आरोप को गंभीरता से लेते हुए सभी उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की। जांच में पाया गया कि लगभग 50 उत्तर पुस्तिकाएं ऐसी थीं जिनके पन्ने फटे हुए थे और कोड एक-दूसरे से मिल गए थे, जिसके कारण परिणाम में गड़बड़ी हुई। इसके आधार पर आयोग ने संशोधित परिणाम जारी किया, जिसमें दो चयनित अभ्यर्थियों को सूची से बाहर कर दिया और दो नए अभ्यर्थियों को शामिल किया। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 सितंबर 2024 की तारीख निर्धारित की है। 

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