दारुल उलूम : कुछ शर्तों के साथ महिलाओं के प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटाया, फोटो शूट पर अभी भी रोक, बनवाना होगा विशेष पास

UPT | दारुल उलूम।

Oct 21, 2024 16:05

दारुल उलूम ने महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाने संबंधी अपने आदेश को वापस ले लिया है। अब महिलाएं दारुल उलूम का दौरा कर सकेंगी, लेकिन इसके लिए उन्हें प्रबंधन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना होगा।

Saharanpur News : दारुल उलूम ने महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाने संबंधी अपने आदेश को वापस ले लिया है। अब महिलाएं दारुल उलूम का दौरा कर सकेंगी, लेकिन इसके लिए उन्हें प्रबंधन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना होगा। इन नियमों के अनुसार, दारुल उलूम में भ्रमण के लिए महिलाओं को एक विशेष पास बनवाना होगा। इसके साथ ही, उन्हें पूरी तरह से पर्दे में रहना और उनके साथ एक महरम (अभिभावक, पति या कोई ऐसा पारिवारिक सदस्य जिससे पर्दा न हो) होना आवश्यक होगा। इसके अलावा, दारुल उलूम परिसर में फोटो खींचने और वीडियो शूट करने की अनुमति नहीं होगी। यह व्यवस्था अगले सप्ताह से लागू की जाएगी।


बाहरी महिलाओं पर पहले लगाया गया था प्रतिबंध
पिछले वर्ष मई में, दारुल उलूम प्रबंधन ने बाहरी महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। यह कदम उठाने का मुख्य कारण यह था कि बाहर से आने वाली महिलाएं बिना हिजाब के घूम रही थीं और संस्था की ऐतिहासिक इमारतों के सामने फोटो खींच रही थीं। इसके अलावा, कुछ महिलाएं रील बनाकर और गाने के साथ एडिटिंग कर इन्हें सोशल मीडिया पर साझा कर रही थीं, जिससे दारुल उलूम को फजीहत का सामना करना पड़ रहा था।

इस संदर्भ में, प्रबंधन ने निर्णय लिया कि बाहरी महिलाओं को संस्थान में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इस निर्णय के बाद, पिछले पांच महीनों से अकीदत के साथ संस्था आने वाली महिलाओं को मायूस होकर लौटना पड़ रहा था। इस स्थिति को देखते हुए, बाहर से आने वाले लोग लगातार प्रबंधन से मांग कर रहे थे कि नियमों में ढील दी जाए।

प्रबंधन का नरम रुख
इसके बाद प्रबंधन ने अपने रुख को नरम करते हुए महिलाओं के लिए प्रवेश की अनुमति देने का निर्णय लिया, लेकिन कुछ नियमों के साथ। दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने बताया कि दारुल उलूम के भ्रमण के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना आवश्यक होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो महिलाएं अकीदत के साथ आ रही थीं, उन्हें अब कुछ शर्तों के साथ प्रवेश दिया जाएगा।

सोशल मीडिया पर गरमागरम बहस
महिलाओं के प्रवेश को लेकर यह निर्णय सोशल मीडिया पर बहस का विषय बन गया। कई लोगों ने सवाल उठाया कि यदि संस्था में कई शिक्षक अपने परिवार के साथ रहते हैं, तो क्या उनके लिए भी कोई पाबंदी लागू होगी? प्रबंधन ने इस पर स्पष्ट करते हुए कहा कि परिवार के साथ रहने वाली महिलाओं पर कोई रोक नहीं होगी।

इसके अलावा, दारुल उलूम के अंदर कुछ स्थानों पर महिलाओं के प्रवेश पर पहले से ही पाबंदी थी। यह निर्णय इसीलिए लिया गया था ताकि शोर-शराबे से बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो।

महिलाओं की अकीदत और दारुल उलूम
दारुल उलूम, जो कि इस्लामी शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, महिलाओं की अकीदत को भी महत्व देता है। अकीदत के साथ आने वाली महिलाओं को अब कुछ नियमों के तहत प्रवेश दिया जाएगा, जिससे वे दारुल उलूम के महत्व को समझ सकें।

दारुल उलूम का ऐतिहासिक महत्व
दारुल उलूम सहारनपुर की एक प्रसिद्ध इस्लामी शिक्षा संस्था है, जो अपने उच्च शिक्षा मानकों के लिए जानी जाती है। इस संस्था का एक ऐतिहासिक महत्व है और इसे विभिन्न देशों से लोग अध्ययन करने के लिए आते हैं।

धार्मिक जिम्मेदारियों के तहत लिया निर्णय 
इस प्रकार, दारुल उलूम ने महिलाओं के लिए प्रवेश पर लगी रोक को हटा लिया है, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। यह निर्णय संस्था की सामाजिक और धार्मिक जिम्मेदारियों के तहत लिया गया है। अब महिलाएं दारुल उलूम का दौरा कर सकेंगी, लेकिन उन्हें नियमों का पालन करना होगा। इस निर्णय से उम्मीद की जा रही है कि दारुल उलूम में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी बढ़ेगी, और वे इस धार्मिक और शैक्षणिक संस्था की गतिविधियों का हिस्सा बन सकेंगी। साथ ही, यह निर्णय यह भी दर्शाता है कि प्रबंधन महिला शिक्षा और अकीदत को प्राथमिकता देने के लिए तत्पर है।  

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