गुस्साए किसानों ने कलेक्ट्रेट चौराहे पर किया हंगामा : अपनी मांग को लेकर डटे रहे किसान, कहा- बिना भुगतान नहीं हटेंगे

UPT | गन्ना किसानों का आक्रोश

Oct 08, 2024 10:52

बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान की मांग को लेकर सैकड़ों किसानों ने कलेक्ट्रेट पर धरना देने का प्रयास किया। गुस्साए किसानों ने कलेक्ट्रेट चौराहे के सामने शामली-सहारनपुर-मुजफ्फरनगर हाईवे पर जाम लगा दिया।

Shamli News : उत्तर प्रदेश के शामली जिले में गन्ना किसानों का आक्रोश सोमवार को चरम पर पहुंच गया। बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान की मांग को लेकर सैकड़ों किसानों ने कलेक्ट्रेट पर धरना देने का प्रयास किया। जिसे पुलिस ने रोक दिया। इसके विरोध में गुस्साए किसानों ने कलेक्ट्रेट चौराहे के सामने शामली-सहारनपुर-मुजफ्फरनगर हाईवे पर जाम लगा दिया। जो तीन घंटे से अधिक समय तक चला।

कलक्ट्रेट में धरने का प्रयास
सोमवार की दोपहर लगभग 3 बजे, किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ शामली शुगर मिल से कलेक्ट्रेट की ओर रवाना हुए। उनका इरादा था कि वे वहां जाकर धरना देंगे और अपनी मांगों को प्रशासन के सामने रखेंगे। जब वे कलेक्ट्रेट पहुंचे, तो पुलिस ने गेट बंद कर दिया और किसानों को अंदर घुसने से रोक दिया। पुलिस ने यह शर्त रखी कि केवल पांच किसानों को ही अंदर जाकर अधिकारियों से बातचीत करने की अनुमति दी जाएगी। लेकिन किसानों ने इस शर्त को मानने से इनकार कर दिया। जिससे वहां भारी तनाव उत्पन्न हो गया। गुस्साए किसानों और पुलिस के बीच बहस हुई। किसानों ने ट्रैक्टरों को जबरन अंदर ले जाने की कोशिश की। वहीं पुलिस ने बेरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोका। इस बीच किसानों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और गेट के बाहर चौराहे पर धरना देकर बैठ गए।

तीन मिलों पर बकाया
किसानों का कहना है कि वर्ष 2022-23 में शामली शुगर मिल ने उनके गन्ने की खरीद की, लेकिन 188 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। जबकि ऊन शुगर मिल पर 46 करोड़ और थानाभवन शुगर मिल पर 86 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है। किसान बार-बार मांग कर रहे हैं कि उन्हें उनका पैसा जल्द से जल्द दिया जाए लेकिन कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इसके चलते किसानों को वित्तीय तंगी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनके जीवनयापन पर गहरा असर पड़ रहा है।

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हाईवे पर जाम
किसानों ने अपने विरोध को और उग्र रूप देने के लिए शामली, सहारनपुर, और मुजफ्फरनगर को जोड़ने वाले मुख्य हाईवे पर जाम लगा दिया। यह जाम करीब तीन घंटे तक चला, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। जाम के कारण पानीपत-खटीमा और दिल्ली-सहारनपुर हाईवे भी प्रभावित हुए। प्रदर्शन के दौरान किसानों ने पुलिस के लगाए हुए बेरिकेड्स को हटाने का प्रयास किया और कलेक्ट्रेट के गेट पर चढ़ने की भी कोशिश की। पुलिस और किसानों के बीच कई बार तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई, लेकिन स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने सख्ती दिखाई।

प्रशासन और मिल पर आरोप
किसानों ने प्रशासन और शुगर मिल के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि मिल प्रशासन उन्हें बार-बार आश्वासन तो दे रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। किसानों का कहना है कि उन्हें अपने बकाया का भुगतान नहीं मिलने के कारण आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। किसान नेता संजीव शास्त्री, राजेंद्र मलिक, प्रभात मलिक और अन्य नेताओं ने कहा कि प्रशासन और मिल किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चाहे उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज कर दिए जाएं, लेकिन वे तब तक संघर्ष करते रहेंगे, जब तक कि उन्हें उनका बकाया भुगतान नहीं मिल जाता।

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एसडीएम की कोशिशें विफल
धरने के दौरान एसडीएम हामिद हुसैन तीन बार किसानों से वार्ता करने के लिए मौके पर पहुंचे, लेकिन किसानों ने स्पष्ट कर दिया कि वे केवल कलेक्ट्रेट के अंदर जाकर धरना देंगे और वहीं बकाया भुगतान की मांग करेंगे। किसानों की इस जिद के कारण  एसडीएम और किसानों की बातचीत विफल रही।

आंदोलन की चेतावनी
किसानों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो वे अनिश्चितकालीन धरना देंगे और हाईवे पर जाम भी लगा सकते हैं। किसान नेताओं का कहना है कि वे अपने हक के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।

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