Air Pollution : देश के दस वायु प्रदूषण वाले शहरों में यूपी के वाराणसी का नाम शामिल, हर साल जाती है 830 लोगों की जान

UPT | Air Pollution In Varanasi

Jul 05, 2024 00:55

देश के 10 प्रमुख शहरों में हर वर्ष लगभग 33,000 लोगों की मृत्यु वायु प्रदूषण के कारण हो रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें प्रदेश के वाराणसी का भी नाम शामिल है। रिपोर्ट में बताया गया है कि...

Short Highlights
  • दस प्रमुख शहरों में हर वर्ष लगभग 33,000 लोगों की मृत्यु वायु प्रदूषण के कारण होती है
  • वाराणसी में प्रति वर्ष 830 लोग (10.2 प्रतिशत) इस समस्या का शिकार हो रहे हैं
Varanasi News : उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण की समस्या गंभीर रूप धारण कर चुकी है। इसकी वजह से प्रदेश के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। वायु प्रदूषण की वजह से सामने आने वाले आंकड़ों ने सभी को चौंका दिया है। यही नहीं हाल ही में हुए एक नए अध्ययन के अनुसार, देश के 10 प्रमुख शहरों में हर वर्ष लगभग 33,000 लोगों की मृत्यु वायु प्रदूषण के कारण हो रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें प्रदेश के वाराणसी का भी नाम शामिल है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कई शहरों में तय मानकों से भी कई गुना ज्यादा प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनी हुई है, जिसकी वजह से लोग बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं।  

इन शहरों में सबसे अधिक वायु प्रदूषण
दरअसल, यह आंकड़ा लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ में प्रकाशित हुआ है। जिसमे यह पता चला है कि भारत के वायु गुणवत्ता मानक पहले से ही अंतरराष्ट्रीय मानकों से कम कठोर हैं, फिर भी कई शहरों में प्रदूषण का स्तर इन मानकों से कई गुना अधिक है। बता दें कि जारी हुई रिपोर्ट के अनुसार, जिन दस शहरों को शामिल किया गया है, वो अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, पुणे, शिमला और वाराणसी हैं। जहां 2008 से 2019 के बीच वायु प्रदूषण के प्रभावों का विश्लेषण किया गया। इन शहरों में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दिशा-निर्देशों से अधिक प्रदूषण स्तर पाया गया, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है।

वाराणसी में हर साल 830 मौतें
रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी दिल्ली में स्थिति सबसे खराब है, जहां हर साल वायु प्रदूषण से संबंधित बीमारियों के कारण लगभग 12,000 लोगों की मृत्यु हो रही है। यह आंकड़ा देश में होने वाली कुल मौतों का 11.5 प्रतिशत है। वहीं,  दिल्ली के बाद वाराणसी में सबसे अधिक मृत्यु दर देखी गई, जहां प्रति वर्ष 830 लोग (10.2 प्रतिशत) इस समस्या का शिकार हो रहे हैं। यह आंकड़ा बेहद चिंताजनक है।

पहाड़ों में भी दिखा वायु प्रदूषण का खतरा
इसके अलावा अन्य महानगरों में भी स्थिति चिंताजनक है। रिपोर्ट के अनुसार, हर साल मुंबई में लगभग 5,100, कोलकाता में 4,700, चेन्नई में 2,900 और बेंगलुरु में 2,100 लोगों की मृत्यु वायु प्रदूषण से होती है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में प्रदूषण का स्तर तुलनात्मक रूप से कम है, लेकिन फिर भी वहां हर साल 59 मौतें (3.7 प्रतिशत) इसी कारण से होती हैं।

राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानकों को अधिक कठोर बनाने की आवश्यकता
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, अध्ययन में भारत के राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानकों को और अधिक कठोर बनाने तथा वायु प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों को दोगुना करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है। यह शोध विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया है, जिसमें अशोका विश्वविद्यालय, सेंटर फॉर क्रोनिक डिजीज कंट्रोल, स्वीडन का कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट, हार्वर्ड और बोस्टन विश्वविद्यालय शामिल हैं।

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