Varanasi News : सुधा मूर्ति ने 30 साल से नहीं खरीदी एक भी साड़ी, खुद किया खुलासा, काशी में लिया था संकल्प

UPT | सुधा मूर्ति

Jul 05, 2024 17:31

हाल ही में राज्यसभा सांसद बनीं सुधा मूर्ति ने खुलासा किया है कि उन्होंने पिछले 30 सालों में एक भी साड़ी नहीं खरीदी है। मशहूर आईटी कंपनी इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति अपनी सादगी के लिए जानी जाती हैं और..

Varanasi News : सुधा मूर्ति ने एक इंटरव्यू में कहा कि, जब 6 साल पहले मेरी मां का निधन हुआ था, तब उनकी आलमारी में सिर्फ 8 से 10 साड़ियां मिली थीं और 32 साल पहले जब मेरी दादी का निधन हुआ तो उनके पास उनकी आलमारी में सिर्फ चार साड़ियां थी।

30 सालों में नहीं खरीदी एक भी साड़ी
हाल ही में राज्यसभा सांसद और इंजीनियर से समाजसेवी बनीं सुधा मूर्ति ने खुद इस बात का खुलासा किया है कि उन्होंने पिछले 30 सालों में एक भी साड़ी नहीं खरीदी है। मशहूर आईटी कंपनी इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति अपनी सादगी के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में इसका खुलासा किया और कहा कि इसका काशी से खास कनेक्शन है।

साड़ी ना खरीदने की वजह
सुधा मूर्ति ने एक इंटरव्यू में अपने इस फैसले के पीछे का कारण बताया। द वॉइस ऑफ फैशन को दिए एक इंटरव्यू में सुधा मूर्ति ने कहा, "ऐसा कहा जाता है कि जब आप काशी जाते हैं, तो वहां किसी भी ऐसी चीज़ को त्याग करने की प्रतिज्ञा लेनी होती है, जिसे आप बहुत पसंद करते है। मुझे खरीदारी करना पसंद था, इसलिए मां गंगा से मैंने वादा किया था कि मैं अब जीवन भर खरीदारी छोड़ दूंगी। मैं अब केवल जरूरी चीजें ही खरीदती हूं। यह प्रण उनके जीवन का मार्गदर्शन करता है जो सादगी और आध्यात्मिकता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

दो दशकों से गिफ्ट की साड़ियां पहन रही
सुधा मूर्ति ने बताया कि दो दशकों से अधिक समय से वह अपनी बहनों और करीबी दोस्तों द्वारा गिफ्ट की गई साड़ियां पहन रही हैं। उन्होंने इसे भी जाहिर किया कि कभी-कभी वह गैर सरकारी संगठनों द्वारा उपहार में दी गई साड़ियां भी पहनती हैं, जहां वह काम करती हैं। उन्होंने व्यक्त किया कि उन्हें उन दो साड़ियों से सबसे ज्यादा प्यार है, जिन्हें एक महिला समूह ने दिया था और जिनके साथ उन्होंने इंफोसिस फाउंडेशन के साथ जुड़कर जीवन को सजाया है। सुधा मूर्ति ने बताया कि वे पिछले 50 सालों से साड़ियां पहन रही हैं।

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