ई-रिक्शा चालकों का प्रदर्शन : नौ सूत्रीय मांगों और गाड़ियों की चाभियां सौंपने प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय जनसंपर्क कार्यालय गए

UPT | विधायक सौरभ श्रीवास्तव को पत्रक सौंपते ई-रिक्शा चालक।

Sep 11, 2024 17:39

अखिल भारतीय ई-रिक्शा चालक यूनियन द्वारा प्रशासन द्वारा ट्रैफिक रूट लागू किए जाने के विरोध में अक्रोशित ई - रिक्शा चालक पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय जनसंपर्क कार्यालय बुधवार को अपने वाहनों की चाभी सौपने पहुंचे

Varanasi News : वाराणसी में ई-रिक्शा चालकों की ओर से प्रशासन के नए ट्रैफिक रूट को लागू किए जाने के विरोध में बड़ा प्रदर्शन किया गया। बुधवार को हजारों की संख्या में ई-रिक्शा चालक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय जनसंपर्क कार्यालय पर अपनी गाड़ियों की चाभियां सौंपने पहुंचे। इस दौरान प्रशासन ने पहले से ही डीसीपी काशी जोन, एसीपी काशी जोन, सीओ, पीएसी और पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी थी, ताकि स्थिति को नियंत्रित रखा जा सके। हालांकि, पुलिस ने ई-रिक्शा चालकों को गुरु धाम चौराहे पर ही रोक लिया, जिससे चालक वहीं धरना देने पर मजबूर हो गए।

ई-रिक्शा चालकों की स्थिति और संघर्ष
ई-रिक्शा चालकों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में वाराणसी में ई-रिक्शा की शुरुआत की थी, ताकि कम पढ़े-लिखे और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकें। वर्तमान में 25,000 से अधिक ई-रिक्शा चालक वाराणसी में इस पेशे के माध्यम से अपने परिवारों का पालन-पोषण कर रहे हैं। हालांकि, अब इन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

चालकों के अनुसार, उन्हें प्रतिदिन करीब 500 रुपये का खर्च उठाना पड़ता है, जिसमें ईएमआई, बैटरी चार्जिंग, और वाहन रखरखाव शामिल हैं। इसके बाद उनकी बची हुई आय बहुत ही कम होती है। प्रस्तावित नए ई-रिक्शा मार्ग अगर लागू होते हैं, तो उनकी आय में और भी कमी आ सकती है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और भी खराब हो जाएगी। इसी कारण एक ई-रिक्शा चालक श्रीनाथ प्रजापति ने हाल ही में आत्महत्या कर ली, जो कि बेहद दुखद और चिंता का विषय है।

प्रशासन के साथ ई-रिक्शा चालकों की बातचीत
ई-रिक्शा चालकों का कहना है कि पिछले पांच महीनों में उन्होंने पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी और नगर आयुक्त से कई बार मुलाकात की है। उन्हें आश्वासन तो मिला, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इसके बजाय, प्रशासन द्वारा नए ट्रैफिक रूट लागू करने का प्रस्ताव किया गया है, जो चालकों की स्थिति को और दयनीय बना सकता है।

डीसीपी और एसीपी ने चालकों को समझाने की कोशिश की
प्रदर्शन के दौरान डीसीपी और एसीपी ने चालकों को समझाने की कोशिश की, जिसके बाद एक 7 सदस्यीय टीम को प्रधानमंत्री जनसंपर्क कार्यालय भेजा गया। वहां विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने ई-रिक्शा चालकों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने 24 घंटे के भीतर चालकों की मांगों पर प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर समाधान निकालने का आश्वासन दिया। इसके बाद चालकों ने अपनी चाभियां सौंप दीं और धरना स्थल पर वापस लौट गए।

ई-रिक्शा चालकों की 9 सूत्रीय मांगें
1.प्रस्तावित ई-रिक्शा मार्गों को रद्द किया जाए और किसी भी निर्णय से पहले चालकों से सलाह ली जाए।
2. शहर के भीतर 100 नई बसों के संचालन की योजना को रद्द किया जाए और इन्हें बाहरी इलाकों में चलाया जाए।
3.ई-रिक्शा चालकों के लिए यातायात नियमों की ट्रेनिंग अनिवार्य की जाए।
4.मुद्रा लोन के नियमों में बदलाव कर चालकों को सरकारी बैंकों से लोन आसानी से उपलब्ध कराया जाए।
5.रिक्शा बैटरी पर 50% सब्सिडी दी जाए और जीएसटी की दर 28% से घटाकर 5% की जाए।
6. ई-रिक्शा के बीमा और फिटनेस दरों में कमी की जाए।
7. स्टैंड पार्किंग और चार्जिंग स्टेशनों की पुरानी मांगों को पूरा किया जाए।
8.पुलिस और नगर निगम द्वारा चालकों के उत्पीड़न को रोका जाए।

आगे की योजना
ई-रिक्शा चालकों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने के लिए मजबूर होंगे।  

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