निबंध और भाषण प्रतियोगिता : छात्रों ने स्थानीय बाजार के महत्व पर रखे विचार, बोले-इससे आत्मसम्मान में वृद्धि होगी

UPT | वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेते विद्यार्थी।

Oct 01, 2024 01:27

हिंदू इंटर कॉलेज, जमानिया में निबंध और भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के पहले चरण में निबंध प्रतियोगिता हुई, जिसका विषय था "लोकल का स्वर"। प्रतिभागियों ने इस बात पर जोर दिया कि स्थानीय उत्पादों का समर्थन करने से न केवल आत्मसम्मान में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

Ghazipur News : हिंदू इंटर कॉलेज, जमानिया में सोमवार को एक निबंध और भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार संपन्न हुआ, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों में स्थानीय संसाधनों और विकसित भारत की अवधारणा पर जागरूकता बढ़ाना था। 

कार्यक्रम का पहला चरण निबंध प्रतियोगिता थी, जिसका विषय था "लोकल का स्वर"। इस प्रतियोगिता में कुल 38 छात्रों ने भाग लिया और अपनी लिखित अभिव्यक्तियों के माध्यम से स्थानीय बाजार और संसाधनों के महत्व पर विचार व्यक्त किए। प्रतिभागियों ने लिखा कि स्थानीय बाजार में उत्पादित वस्तुएं, जैसे बनारस की साड़ियां, मऊ की वस्त्र और भदोही के कालीन, चीनी और विदेशी वस्तुओं की तुलना में अधिक सुंदर और सुलभ हैं। छात्रों ने इस बात पर जोर दिया कि स्थानीय उत्पादों का समर्थन करने से न केवल आत्मसम्मान में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

प्रतिभागियों ने यह भी कहा कि किसानों को बाजार की मांग के अनुरूप खेती करनी चाहिए और औषधीय पौधों और उच्च मांग वाली सब्जियों का उत्पादन करना चाहिए। ऐसा करने से न केवल स्थानीय उत्पादकों की आय बढ़ेगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। प्रतियोगिता में आफरीन खातून ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि सागर कुमार द्वितीय और संजीव कुमार तृतीय स्थान पर रहे। ब्यूटी कुमारी को सांत्वना पुरस्कार मिला। निर्णायक मंडल में अभय कुमार, राजकुमार और मोनिका सिंह शामिल थे, जिन्होंने बारीकी से प्रतिभागियों के निबंधों का मूल्यांकन किया।

भाषण प्रतियोगिता : विकसित भारत-2024
दूसरे चरण में भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसका विषय था "विकसित भारत - 2024"। इस प्रतियोगिता में 25 प्रतिभागियों ने भाग लिया। उन्होंने चिकित्सा, संचार, यातायात, और वैज्ञानिक प्रगति के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। प्रतिभागियों ने चंद्रयान मिशन से लेकर देश के तकनीकी और औद्योगिक विकास का उल्लेख किया। कई छात्रों ने बताया कि पहले भारत अनाज आयात करता था, लेकिन अब वह निर्यात की दिशा में अग्रसर हो चुका है। प्रतिभागियों ने इस बात पर भी जोर दिया कि देश में मानसिक संकीर्णता अभी भी एक बड़ी समस्या है, और इसके समाधान के लिए शिक्षा में सुधार की जरूरत है। कुछ प्रतिभागियों ने यह भी कहा कि सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में अधिक खर्च करना चाहिए, क्योंकि शिक्षित समाज के बिना देश का पूर्ण विकास संभव नहीं है। भाषण प्रतियोगिता में गौरी गुप्ता ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि जयप्रकाश द्वितीय और प्रिया कुमारी तृतीय स्थान पर रहीं। निर्णायक मंडल में प्रीति सिंह, दिनेश, राजकुमार और जगदीश सिंह शामिल थे, जिन्होंने धैर्यपूर्वक सभी प्रतिभागियों के विचार सुने और अपने निर्णय सुनाए।

कार्यक्रम के आयोजन पर विचार
कार्यक्रम की संयोजक डॉ. रिचा रानी ने प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि प्रतियोगिता में भाग लेना स्वयं में
महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि केवल किताबी ज्ञान ही नहीं, बल्कि इस तरह के कार्यक्रमों से विद्यार्थियों में आत्मविश्वास का विकास होता है। उन्होंने चींटी का उदाहरण देते हुए बताया कि हमें अपने लक्ष्यों की ओर निरंतर प्रयास करना चाहिए, चाहे हमें कितनी भी बार असफलता क्यों न मिले। इस अवसर पर डॉ. रामजी प्रसाद ने शिक्षा पर चर्चा करते हुए कहा कि सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक निवेश करना चाहिए। साथ ही, राजकुमार सिंह ने कहा कि संकीर्ण मानसिकता विकास में बाधा उत्पन्न करती है, और हमें स्थानीय संसाधनों को महत्व देना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्य अवधेश कुमार ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी को धन्यवाद दिया और भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन करने पर जोर दिया। 

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