अलविदा-2024 : काशी में बढ़ी विकास की रफ्तार, रोजगार के नए अवसरों को लगे पंख

UPT | काशी में बढ़ी विकास की रफ्तार

Dec 31, 2024 01:48

वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के कारण हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। वर्ष 2024 की बात की जाए तो वाराणसी में विकास की रफ्तार बढ़ी...

Varanasi News : धर्म एवं अध्यात्म की नगरी वाराणसी पर्यटन एवं सियासत का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है। वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के कारण हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। वर्ष 2024 की बात की जाए तो वाराणसी में विकास की रफ्तार बढ़ी है, इस दौरान जहां बनास डेयरी अमूल प्लांट की शुरुआत हुई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार संसद के तौर पर निर्वाचित हुए, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के सर सुंदरलाल अस्पताल को एम्स के तौर पर समझौता हुआ, यूपी का सबसे बड़ा नेत्र हॉस्पिटल आरजे शंकरा की शुरुआत हुई, पूर्वांचल के खेल प्रेमियों के लिए इंडोर स्टेडियम का लोकार्पण हुआ। क्राइम की बात करें तो भदैनी क्षेत्र में शराब कारोबारी राजेंद्र गुप्ता के परिवार के चार लोगों की हत्या हुई वहीं कारोबारी की शव रोहनिया में बरामद हुआ। वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर एवं अयोध्या राम जन्मभूमि के मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले विद्वान पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित का निधन हुआ।



वाराणसी में अमूल का सबसे बड़े प्लांट की हुई स्थापना
काशी के सांसद नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद काशी में विकास लगातार तेजी से हो रहा है। इसी के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 फरवरी को अमूल के सबसे बड़े प्लांट बनास डेयरी का उद्घाटन किया। इस परियोजना के माध्यम से एक लाख लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लोगों को रोजगार मिलने की बात कहीं गई। इस परियोजना की कीमत 622 करोड़ है। जिससे पांच जिला गाजीपुर, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी एवं संत रविदास नगर के किसान लाभांवित हो रहे है। भविष्य में वाराणसी जिले के आसपास सहित गोरखपुर, अंबेडकर नगर, महराजगंज सहित दर्जनों जिले को लाभ मिलेगा।

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नरेंद्र मोदी तीसरी बार चुनें गए वाराणसी के सांसद, संभाली दिल्ली की गद्दी
देश की सबसे चर्चित लोकसभा सीट वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार जीत की हैट्रिक लगाई है। उन्होंने 1,52,513 मतों के अंतर से अपनी तीसरी जीत हासिल की। मोदी को चुनाव में 6,12,970 वोट मिले तो इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी अजय राय को 4,60,457 वोट आए। जिसके बाद नरेंद्र मोदी तीसरी बार पीएम बनें। प्रधानमंत्री के नामांकन में गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू, अभिनेता पवन कल्याण, केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल, सुभासपा के ओमप्रकाश राजभर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चिराग पासवान, जीतनराम मांझी, रामदास आठवले समेत अन्य नेता कलेक्ट्रेट पहुंचे थे।

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सिगरा स्थित इनडोर स्टेडियम का लोकार्पण, पूर्वांचल के खिलाड़ियों को मिलेगी संजीवनी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अक्टूबर को सिगरा स्थित संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम का लोकार्पण किया गया है। जो 380.13 करोड़ की लागत से तैयार हुआ है। स्पोर्ट्स स्टेडियम में ओलंपिक में खेले जाने वाले लगभग सभी गेम खेले जाएं। यह वाराणसी के साथ साथ पूर्वांचल एवं बिहार के खिलाड़ियों के लिए संजीवनी का काम करेगा। जिसमें स्विमिंग पूल, टेबल टेनिस, शूटिंग, कुश्ती सहित अन्य गेम शामिल है।

उद्घाटन समारोह में मुख्य रूप से काशी से जुड़े ओलंपियन ललित उपाध्याय, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी प्रशांति सिंह समेत राष्ट्रीय स्तर के दर्जनों खिलाड़ी, पिछले वर्ष के सांसद खेलकूद समेत सांस्कृतिक कार्यक्रमों के विजेता, भारतीय खेल प्राधिकरण (साईं) समेत खेलकूद से जुड़ी संस्थाओं के पदाधिकारी, कोच आदि शामिल थे।

बीएचयू, स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रालय के बीच हुआ एमओयू
आईएमएस बीएचयू और सर सुंदरलाल अस्पताल में अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जैसी सुविधाएं होंगी। एम्स की तर्ज पर सहायता अनुदान मिलेगा। 22 नवंबर को नई दिल्ली में बीएचयू, शिक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच हुए एमओयू के तहत समझौते हुए। जिसमें स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन की मौजूदगी में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। कुल आठ मुद्दों पर एमओयू किया गया है। इस समझौते के तहत दिल्ली एम्स और आईएमएस बीएचयू के बीच सहयोग बढ़ाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि इस एमओयू से एम्स दिल्ली और आईएमएस बीएचयू के बीच साझेदारी बढ़ेगी।

यूपी का सबसे बड़ा आई हॉस्पिटल
 वाराणसी में पीएम मोदी 20 अक्तूबर को 300 से अधिक बेड वाले आर के शंकरा आई हॉस्पिटल का उद्घाटन किया। यह यूपी का सबसे बड़ा आई हॉस्पिटल में जहां इलाज के लिए बिहार, एमपी जैसे राज्यों से लोग इलाज के लिए आयेगे। इसकी सबसे बड़ी बात यह है कि साल भर में 30 हजार लोगों की निःशुल्क सर्जरी होगी। वाराणसी में शंकरा आई फाउंडेशन का यह 14वां अस्पताल है। करीब 110 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है। इस अस्पताल में मोतियाबिंद, कार्निया, रेटिना, ग्लूकोमा, बाल नेत्र विज्ञान, ऑक्यूलोप्लास्टी, डायबिटीज रेटिनोपैथी क्लीनिक, मायोपिया क्लीनिक भी चलाई जाएगी। शंकरा आई बैंक के माध्यम से कार्निया प्रत्यारोपण भी करवाया जाएगा।

पांच हत्याओं से शहर में मची थी सनसनी
वाराणसी की सबसे बड़ी घटना के बारे में जिक्र किया जाए तो सबसे पहले भदैनी की  शराब कारोबारी राजेंद्र गुप्ता सहित उनके परिवार के पांच लोगों की हत्या आयेगा। जिसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना पांच नवंबर की है। इस घटना में मुख्य आरोपी मृतक राजेंद्र गुप्ता का भतीजा विशाल गुप्ता उर्फ विक्की बनाया गया है, जिसकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है। यह घटना कई दिनों तक सुर्खियों में बनी हुई थी। आरोपी विक्की अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है। घटना की जानकारी लोगों को तब हुई थी, जब पांच नवंबर की सुबह नौकरानी काम करने के लिए घर पर पहुंची तो परिवार के चार सदस्यों की लाशें खून से लथपथ अलग- अलग स्थानों पर पड़ी थीं। पुलिस की छानबीन में आरोपी के भाई ने आरोप लगाया था कि उसके पिता कृष्णा और मां बबिता की हत्या बड़े पापा राजेंद्र ने गोली मार कर कराई थी। आरोप है कि विक्की ने राजेंद्र और उसकी पत्नी के साथ दो बेटे और एक बेटी को गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया था।

इन विद्वानों एवं नेताओं का छूटा साथ
 साल 2024 को जहां काशी के लिए कई सौगात लाया तो कई अपने लोगों ने अपनों को खोया। जिसमें कई वाराणसी के दिग्गज शामिल है। जो अपनी प्रतिभा एवं कार्य कुशलता के लिए पूरे देश में जाने जाते थे। राजनीति की बात की जाए तो बीते नवंबर महीने में ही भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और लगातार 7 बार विधायक रहे श्यामदेव राय चौधरी की मृत्यु हो गई। जिन्होंने बसपा, समाजवादी पार्टी की सरकार में भी दक्षिणी में कमल खिलाने का काम किया। जो सादगी के प्रतीक थे। जिनका सभी दल के लोग उनका सम्मान करते थे। काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉक्टर कुलपति तिवारी का निधन जून महीने में हुआ। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा करने वाले काशी के वेद शास्त्रों के विद्वान पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित का निधन हुआ।

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