जेल में 715 बंदियों की टीबी और एचआईवी जांच : डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ ने बीमारियों की पहचान कर दवा बांटी

UPT | जिला जेल में लगे कैंप में मेडिकल परीक्षण करते डॉक्टर।

Sep 19, 2024 17:11

गाजीपुर की जिला जेल में 715 बंदियों की स्वास्थ्य जांच की गई, जिसमें मुख्यतः टीबी (क्षयरोग) और एचआईवी परीक्षण किया गया। जेल अधीक्षक , जेलर और जेल चिकित्सा अधिकारी की निगरानी में 32 महिला और 674 पुरुष बंदियों का परीक्षण हुआ।  

Ghazipur News : गाजीपुर की जिला जेल में 715 बंदियों की स्वास्थ्य जांच की गई, जिसमें मुख्यतः टीबी (क्षयरोग) और एचआईवी परीक्षण किया गया। इस पहल का नेतृत्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. देश दीपक पाल के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किया। जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह, जेलर राकेश कुमार वर्मा और जेल चिकित्सा अधिकारी डॉ. जितेंद्र कुमार की निगरानी में 32 महिला और 674 पुरुष बंदियों का परीक्षण हुआ।  

बंदियों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान
जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह के अनुसार, शासन द्वारा निर्देश जारी किए गए थे कि जेल में बंदियों के स्वास्थ्य की नियमित जांच की जाए। इसी क्रम में बुधवार को जिला जेल में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम भेजी गई। जांच के दौरान, बंदियों की बीमारियों की पहचान करने के साथ ही, उन्हें नि:शुल्क दवाएं भी प्रदान की गईं। टीबी और एचआईवी की जांच के बाद, जिन बंदियों में कोई समस्या पाई गई, उन्हें तुरंत उपचार के लिए दवाएं दी गईं।  

सक्रिय टीबी खोज अभियान 
जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. संजय कुमार ने जानकारी दी कि सक्रिय टीबी खोज अभियान (ACF) के तहत गाजीपुर की 20% आबादी का परीक्षण किया जा रहा है। इस अभियान में मलिन बस्तियों, स्लम एरिया, सब्जी मंडी, वृद्धाश्रम, बाल सुधार गृह, जिला जेल, मदरसा और नवोदय विद्यालय शामिल हैं। यह अभियान 20 सितंबर तक चलेगा। अब तक इस अभियान के तहत कुल 86 टीबी मरीजों की पहचान की गई है, जिन्हें तुरंत इलाज पर रखा गया है। 

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम 
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ. मिथलेश कुमार ने बताया कि इस कार्यक्रम का संचालन शासन के निर्देशों के तहत किया जा रहा है। जिला क्षयरोग विभाग की टीम ने इस अभियान में पूर्ण सहयोग दिया। इलाज में जेल प्रशासन और अस्पताल के डॉक्टरों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। 

टीम में ये लोग रहे मौजूद  
स्वास्थ्य विभाग की इस जांच प्रक्रिया में फार्मासिस्ट भुनेश्वर कुमार, डीपीपीएमसी अनुराग कुमार पाण्डेय, एसटीएस सुनील कुमार वर्मा, टीबी एचबी नरेंद्र कुमार राय, राधेश्याम यादव, काउंसलर आईसीटीसी, निरा राय, एलटी महेश, राम विलास और आईसीटीसीएलटी गौरव विशाल शामिल थे। 

Also Read