साहब मैं जिंदा हूं, पेंशन बहाल करा दीजिए : गले में पट्टी डालकर डीएम कार्यालय पहुंचीं दो बुजुर्ग महिलाएं

UPT | अपने जिंदा होने का सबूत देने डीएम कार्यालय पहुंचीं महिलाएं।

Aug 16, 2024 23:40

जिलाधिकारी कार्यालय पर उस समय अजीबो-गरीब मामला सामने आया जब दो बुजुर्ग महिलाएं अपने गले में तख्ती टांग कर अपने जिंदा होने का सबूत दे रही थीं और कह रही थीं कि साहब मैं जिंदा हूं। इन दोनों महिलाओं के गले में....

Jaunpur News : जिलाधिकारी कार्यालय पर उस समय अजीबो-गरीब मामला सामने आया जब दो बुजुर्ग महिलाएं अपने गले में तख्ती टांग कर अपने जिंदा होने का सबूत दे रही थीं और कह रही थीं कि साहब मैं जिंदा हूं। इन दोनों महिलाओं के गले में तख्तियों पर लिखा हुआ है... साहब मैं जिंदा हूं। दोनों विधवा महिलाएं बहुत ही गरीब हैं तथा पेंशन से ही इनका जीवन यापन चलता है। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते सरकारी दस्तावेजों में इनको मृत घोषित कर दिया गया है। दोनों बुजुर्ग महिलाओं को अपने जिंदा होने का सबूत देना पड़ रहा है। तहसील स्तर के अधिकारियों के चक्कर लगाकर थकहार चुकी अब यह दोनों महिलाएं भाजपा के जिला पंचायत सदस्य के साथ अपने जिंदा होने का सबूत देने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची हैं।

डीएम साहब से गुहार लगाने पहुंची थीं
दरअसल शुक्रवार की सुबह करीब 11:00 बजे जिलाधिकारी कार्यालय पर खंड विकास कार्यालय जलालपुर क्षेत्र के गांव बीवनपुर निवासी शांति देवी पत्नी स्व. जयराम एवं केवला देवी पत्नी स्व. श्रीराम निषाद अपने गले में तख्ती टांग कर डीएम साहब से गुहार लगाने पहुंची थीं। साहब हम लोग जिंदा हैं... हमारी पेंशन बहाल करा दीजिए। डीएम कार्यालय के बाहर यह नजारा देखने के लिए वहां भीड़ जुट गई।

डीएम ने महिलाओं की बातों को गंभीरता से सुना
डीएम रविंद्र कुमार मादंड से मिलने के बाद बुजुर्ग महिलाओं ने बताया कि हमारी बातों को गंभीरता से सुना और पूरा भरोसा दिलाया कि आप लोग अपने घर जाइए आप लोगों की पेंशन चालू हो जाएगी।

जिला पंचायत सदस्य बोले-पार्टी में रहकर भी नजरअंदाज 
इन बुजुर्ग महिलाओं के साथ आए जलालपुर क्षेत्र के भारतीय जनता पार्टी के जिला पंचायत सदस्य पवन गुप्ता ने बताया कि ये महिलाएं बेहद गरीब हैं,  इनके पास जीवन यापन का कोई रास्ता नहीं हैं। अब इनका जीवन सिर्फ वृद्धा पेंशन के सहारे ही चलता है। पवन गुप्ता ने कहा अधिकारियों से हमने कई बार गुहार लगाई लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सोचने वाली बात यह है कि मैं खुद भारतीय जनता पार्टी में रहकर जिला पंचायत सदस्य होने के बावजूद मेरी भी बातों को नजरअंदाज कर दिया जा रहा है। अधिकारी सिर्फ आश्वासन ही दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं कि जब हम जैसे भाजपा के कार्यकर्ताओं का यह हाल है तो आम जनता का क्या हाल होगा। उन्होंने कहा कि आखिरकार थक हार कर इन महिलाओं को लेकर मैं खुद ही डीएम साहब के पास आया हूं। डीएम साहब ने मिलने के बाद पूरा आश्वासन तो दिया है। लेकिन देखने की बात यह होगी कि क्या आखिर इन बुजुर्ग महिलाओं की पेंशन इस बार चालू हो जाएगी या फिर वैसे ही वादों में पड़ी रहेगी।

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