Smart Meter : पूर्वांचल में स्मार्ट मीटरिंग की शुरुआत, वाराणसी में नया सेंटर और एप का निर्माण

UPT | पूर्वांचल में स्मार्ट मीटरिंग की शुरुआत

Sep 12, 2024 10:50

वाराणसी और पूरे पूर्वांचल क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य अब तेजी से चल रहा है। इस दिशा में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने जिनस कंपनी के सहयोग से प्रबंध निदेशक कार्यालय...

Varanasi News : वाराणसी और पूरे पूर्वांचल क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य अब तेजी से चल रहा है। इस दिशा में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने जिनस कंपनी के सहयोग से प्रबंध निदेशक कार्यालय में एक नया सेंटर खोला है। यह सेंटर गोरखपुर और बस्ती जिलों में स्मार्ट मीटरों की निगरानी और प्रबंधन के लिए विशेष रूप से स्थापित किया गया है।


नया एप भी किया जाएगा तैयार
इस सेंटर के अंतर्गत एक सर्वर रूम का निर्माण किया जा रहा है। जो स्मार्ट मीटरों की डेटा निगरानी और प्रबंधन में सहायक होगा। इसके साथ ही एक नया एप भी तैयार किया जा रहा है। जो उपभोक्ताओं और अधिकारियों के बीच एक सीधा कनेक्शन बनाएगा। इस एप के माध्यम से उपभोक्ता अपनी बिजली खपत की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे और इस डेटा की निगरानी सेंटर द्वारा की जाएगी। इस कार्य के लिए एक समर्पित टीम भी तैनात की गई है।

5,100 करोड़ की लागत में लगेंगे स्मार्ट मीटर
पूर्वांचल क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने की परियोजना का दायरा बहुत बड़ा है। वाराणसी, आजमगढ़, प्रयागराज, मीरजापुर और प्रदेश के अन्य हिस्सों में लगभग 5,100 करोड़ रुपये की लागत से 50 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है। स्मार्ट मीटर लगाने का मुख्य उद्देश्य बिजली चोरी को रोकना और बिजली की खपत की वास्तविक समय में निगरानी करना है। इस समय विभाग स्मार्ट मीटर लगा रहा है, जिसे बाद में प्री-पेड मीटर में बदला जाएगा। प्री-पेड मीटर की सुविधा के तहत उपभोक्ताओं को अपने मीटर को मोबाइल फोन की तरह रिचार्ज करना होगा। यदि रिचार्ज खत्म हो जाता है तो बिजली अपने आप कट जाएगी। पूर्वांचल डिस्काम के तहत कुल 21 जिले आते हैं। जिनमें गोरखपुर और बस्ती भी शामिल हैं। इन दोनों जिलों में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य जिनस कंपनी द्वारा किया जा रहा है। जबकि वाराणसी और मीरजापुर मंडल में जीएमआर कंपनी ने यह जिम्मा लिया है।

निगम के निदेशक नलवाया ने बताया
स्मार्ट मीटर में एक मोबाइल चिप लगी होगी जो सीधे सर्वर से जुड़ी रहेगी। निगम के निदेशक जितेंद्र नलवाया ने बताया कि इस मीटर में पोस्ट-पेड और प्री-पेड दोनों विकल्प उपलब्ध होंगे। यदि उपभोक्ता समय पर बिल का भुगतान नहीं करता या उसकी बिजली खपत अधिक है तो इसकी निगरानी मुख्यालय से की जा सकेगी। प्री-पेड व्यवस्था लागू होने पर उपभोक्ताओं को अपने स्मार्ट मीटर को मोबाइल फोन की तरह रिचार्ज करना होगा। इसके अलावा उपभोक्ताओं के लिए एक एप भी उपलब्ध होगा जो स्मार्ट मीटर से जुड़ा रहेगा और उन्हें कहीं से भी निगरानी की सुविधा प्रदान करेगा।

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