बीएचयू पीएचडी प्रवेश 2024-25 : विभागों ने भेजा ब्योरा, 1000 सीटों पर हो सकता है दाखिला

UPT | काशी हिंदू विश्वविद्यालय

Sep 08, 2024 19:39

विभिन्न विभागों ने पीएचडी प्रवेश समिति को खाली सीटों की जानकारी सौंप दी है और समिति इन आंकड़ों को संकलित करके प्रवेश बुलेटिन तैयार कर रही है। इस वर्ष लगभग 1000 सीटों पर प्रवेश का अनुमान है...

Short Highlights
  • बीएचयू में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया की तैयारी शुरू
  • एक हजार सीटों पर दाखिले का अनुमान
  • विभागों ने सीटों का ब्योरा जारी कर दिया है
Varanasi News : काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने सत्र 2024-25 के लिए पीएचडी पाठ्यक्रम में दाखिले की प्रक्रिया की तैयारी शुरू कर दी है। विभिन्न विभागों ने पीएचडी प्रवेश समिति को खाली सीटों की जानकारी सौंप दी है और समिति इन आंकड़ों को संकलित करके प्रवेश बुलेटिन तैयार कर रही है। इस वर्ष लगभग 1000 सीटों पर प्रवेश का अनुमान है, जबकि पिछली बार 1400 सीटों पर दाखिला हुआ था। यह माना जा रहा है कि इस बार पीएचडी सीटों की संख्या में कमी आएगी।

नेट परीक्षा परिणाम का इंतजार
वहीं पिछले साल छात्रों की शिकायतों के कारण पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया दिसंबर-जनवरी में शुरू हो पाई थी। इस बार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने नेट स्कोर के आधार पर पीएचडी में दाखिले का प्रावधान किया था। हालांकि, 18 जून को आयोजित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) में गड़बड़ी के कारण परीक्षा रद्द कर दी गई थी, जिससे पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया भी प्रभावित हुई है। जिसके बाद, एनटीए ने फिर से 21 अगस्त से 4 सितंबर तक नेट परीक्षा आयोजित की है और अब परिणाम की प्रतीक्षा की जा रही है।



1000 सीटों पर प्रवेश की संभावना
बीएचयू के अधिकारियों का कहना है कि पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया नेट के परिणाम घोषित होने के आसपास ही गति पकड़ेगी। प्रवेश बुलेटिन इसी समय जारी की जाएगी। पीएचडी प्रवेश समिति के अध्यक्ष और अपर परीक्षा नियंता प्रो. जीपी सिंह ने बताया कि विभागों से मिली सीटों की जानकारी के आधार पर बुलेटिन तैयार की जा रही है और इस बार लगभग 1000 सीटों पर प्रवेश होने की संभावना है। नेट के रिजल्ट के आने के बाद बुलेटिन जारी की जाएगी।

हर साल सीटों की संख्या में होता है बदलाव
बता दें कि हर साल पीएचडी सीटों की संख्या में परिवर्तन होता है, जो प्रोफेसरों और एसोसिएट प्रोफेसरों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। प्रत्येक प्रोफेसर के पास आठ पीएचडी स्कॉलरों को गाइड करने की क्षमता होती है, लेकिन यह संख्या हर साल बदल सकती है। इस प्रकार, सीटों की उपलब्धता वर्ष दर वर्ष बदलती रहती है और यह प्रोफेसरों की उपलब्धता पर आधारित होती है।

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