BHU PhD Admission 2025 : देसी-विदेशी भाषाओं में पीएचडी के लिए बुलेटिन जारी, डिस्टेंस लर्निंग वालों को भी मौका

UPT | बनारस हिंदू विश्वविद्यालय

Jan 08, 2025 18:13

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में 2025 के सत्र के लिए देसी और विदेशी भाषाओं पर शोध के लिए 101 शोधार्थियों को पीएचडी में प्रवेश दिया जाएगा। सोमवार को जारी किए गए बुलेटिन में कुल 12 भाषाओं पर रिसर्च के लिए पीएचडी की सीटें घोषित की गई हैं...

Varanasi News : बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में 2025 के सत्र के लिए देसी और विदेशी भाषाओं पर शोध के लिए 101 शोधार्थियों को पीएचडी में प्रवेश दिया जाएगा। जारी किए गए बुलेटिन में कुल 12 भाषाओं पर रिसर्च के लिए पीएचडी की सीटें घोषित की गई हैं। ये सभी सीटें कला संकाय में निर्धारित की गई हैं। विदेशी भाषाओं में फारसी को सबसे अधिक 10 सीटें मिली हैं, जबकि जर्मन को 7 सीटें दी गई हैं। इसके अलावा अन्य भाषाओं में भी विभिन्न सीटें आवंटित की गई हैं, जिनमें चाइनीज और पाली जैसी भाषाएं शामिल हैं।

विभिन्न भाषाओं में रिसर्च को लेकर उठाया कदम
नेपाल अध्ययन केंद्र का अस्तित्व अब समाप्त हो चुका है, लेकिन नेपाल भाषा पर शोध करने के लिए चार सीटें अभी भी दी गई हैं। यह सीटें राजनीति विज्ञान विभाग के अंतर्गत दी गई हैं क्योंकि नेपाल अध्ययन केंद्र का विलय अब इस विभाग में हो चुका है। इसके अलावा, भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं में भी कई सीटें दी गई हैं, जैसे बंगाली, उर्दू और मराठी में चार-चार सीटें आवंटित की गई हैं। इस प्रकार, विभिन्न भाषाओं में रिसर्च की दिशा में बीएचयू ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है।



अंग्रेजी भाषा के लिए दी गई सबसे अधिक सीटें
भाषाओं में सबसे अधिक सीटें अंग्रेजी को दी गई हैं, जहां 44 सीटों पर पीएचडी प्रवेश के लिए आवेदकों को अवसर मिलेगा। हिंदी में 37 सीटों पर पीएचडी प्रवेश के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं, जबकि संस्कृत में 26 सीटों पर रिसर्च कराई जाएगी। इसके अलावा, लिंग्विस्टिक्स में भी पांच शोधार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। इस प्रकार, विभिन्न भाषाओं पर शोध करने के इच्छुक छात्रों के लिए बीएचयू ने एक बड़ा अवसर प्रदान किया है।

डिस्टेंस लर्निंग वाले छात्रों को मिलेगा मौका
डिस्टेंस लर्निंग से पीजी डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए भी बीएचयू ने पीएचडी में प्रवेश के द्वार खोले हैं। इसके तहत, इग्नू और एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के छात्रों को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। आवेदन करते वक्त इन छात्रों को अपनी डिग्री के साथ उस कोर्स से संबंधित अप्रूवल सर्टिफिकेट भी अपलोड करना होगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनका कोर्स मान्यता प्राप्त था।

फर्जी सर्टिफिकेट दिखाने पर प्रवेश होगा रद्द
अगर कोई छात्र पीएचडी प्रवेश के दौरान फर्जी सर्टिफिकेट प्रस्तुत करता है, तो उसके लिए समस्या खड़ी हो सकती है। बीएचयू ने इस मामले में कड़ी चेतावनी दी है कि अगर किसी छात्र ने फर्जी दस्तावेज़ अपलोड किया और पकड़ा गया तो उसका प्रवेश रद्द कर दिया जाएगा। इसके अलावा, ऐसे छात्र को भविष्य में किसी भी प्रकार की नौकरी नहीं मिल सकेगी और उसे बीएचयू के प्रवेश से डिबार भी किया जाएगा। बीएचयू ने 1540 पीएचडी सीटों के लिए बुलेटिन जारी किया है, जिनमें चार कॉलेजों में 124 सीटें दी जाएंगी। प्रवेश फॉर्म भरने की आखिरी तारीख 21 जनवरी है और परिणाम 15 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।

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