वाराणसी न्यूज : किन्नर समुदाय के लोगों ने मनाया छठ पूजा का महापर्व, अस्तचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य

UPT | हंसिका किन्नर ने की छठ पूजा

Nov 07, 2024 20:10

कई किन्नर समाज के लोग इस धार्मिक आयोजन का हिस्सा बने और प्रदेश और देश की तरक्की और खुशहाली की कामना की। छठ पूजा, जो पहले केवल बिहार तक सीमित थी, अब पूरे देश में मनाई जा रही है...

Short Highlights
  • किन्नर समुदाय के लोगों ने मनाया छठ
  • देश-विदेश में खुशहाली और प्रगति की कामना
  •  84 घाटों और कुंडों में वर्ती महिलाओं की भीड़
Varanasi News : लोक आस्था और सूर्य पूजा का महापर्व छठ पूजा गुरुवार को वाराणसी के 84 घाटों और कुंडों पर धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान, महिलाओं की बड़ी संख्या में भीड़ देखने को मिली, जो अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घाटों पर आई थीं। खास बात यह रही कि काशी में किन्नर समुदाय ने भी इस पूजा में भाग लिया। कई किन्नर समाज के लोग इस धार्मिक आयोजन का हिस्सा बने और प्रदेश और देश की तरक्की और खुशहाली की कामना की। छठ पूजा, जो पहले केवल बिहार तक सीमित थी, अब पूरे देश में मनाई जा रही है और वाराणसी में भी इसकी धूम देखने को मिली।

हजारों की संख्या में जुटे श्रद्धालु
वाराणसी के फुलवरिया क्षेत्र में स्थित वरुणा नदी के किनारे हजारों की संख्या में श्रद्धालु जुटे, जहां छठ पूजा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। किन्नर समुदाय भी इस आयोजन में सक्रिय रूप से शामिल हुआ। किन्नर समुदाय की राष्ट्रीय अध्यक्ष सलमा किन्नर ने बताया कि वे इस पावन अवसर पर पूजा में भाग लेने के लिए बहुत खुश हैं। उन्होंने यह भी बताया कि छठ पूजा न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है। सलमा ने यह भी कहा कि यह पूजा हर साल उनके समुदाय के लिए एक नई उम्मीद और शक्ति का प्रतीक बनती है।



अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य
वहीं, छठ पूजा में शामिल हुईं हंसिका किन्नर ने बताया कि वे पिछले दो वर्षों से इस पवित्र पर्व का हिस्सा बन रही हैं। हंसिका ने कहा कि वे इस पूजा को अपने जजमान के बच्चों की खुशहाली की कामना के लिए करती हैं। इस बार, फुलवरिया के गोमती नदी तट पर उन्होंने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया और कल उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा का समापन करेंगी। यह उनके लिए एक आध्यात्मिक अनुभव है, जो उन्हें और उनके समुदाय को एक साथ लाता है।

आस्था और संघर्ष का प्रदर्शन
सलमा किन्नर ने आगे बताया कि जब तक दुनिया रहेगी, तब तक छठ पूजा का यह पवित्र अनुष्ठान किन्नर समुदाय द्वारा मनाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि छठ पूजा के माध्यम से किन्नर समुदाय अपनी आस्था और संघर्ष को प्रकट करता है। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में किन्नर समुदाय के स्थान को भी सम्मानित करने का एक अवसर बनता है।

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