बनारस यूपी कॉलेज में मस्जिद विवाद : वक्फ बोर्ड की संपत्ति दावे ने मचाया बवाल, जानें क्या है पूरा मामला

UPT | Varanasi UP College Student Protest

Dec 03, 2024 14:01

वाराणसी में स्थित 115 साल पुराना उदय प्रताप कॉलेज इस समय विवादों में घिरा हुआ है। हाल ही में, सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कॉलेज की जमीन पर अपना दावा करते हुए कॉलेज प्रशासन को नोटिस जारी किया था...

Varanasi  News : वाराणसी में स्थित 115 साल पुराना उदय प्रताप कॉलेज इस समय विवादों में घिरा हुआ है। हाल ही में, सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कॉलेज की जमीन पर अपना दावा करते हुए कॉलेज प्रशासन को नोटिस जारी किया था। इसके बाद से कॉलेज के छात्र और स्टाफ इस फैसले के खिलाफ नाराज हो गए हैं। मंगलवार को भी छात्र जोरदार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सुबह करीब 300 छात्र कॉलेज के बाहर एकत्र हो गए और नारेबाजी करने लगे।

छात्रों ने किया हनुमान चालीसा का पाठ
छात्रों का मुख्य उद्देश्य पास स्थित मजार के पास हनुमान चालीसा का पाठ करना था, जिसे लेकर वे अड़े हुए रहे। इस प्रदर्शन की सूचना मिलते ही पुलिस और PAC के करीब 300 जवान मौके पर पहुंचे और बैरिकेडिंग कर दी, लेकिन छात्रों ने बैरिकेडिंग तोड़कर मजार की ओर बढ़ने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें मजार से 50 मीटर पहले ही रोक लिया और छात्र वहीं पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे। बता दें कि कॉलेज में छात्रों की नाराजगी के कारण पुलिस ने 2 दिसंबर को कॉलेज में सुरक्षा बढ़ा दी थी। बीते दिन, छात्र कॉलेज आते-जाते दिखे, लेकिन विरोध प्रदर्शन की आशंका के कारण बड़े पैमाने पर पुलिस बल तैनात किया गया था।

 

जानें पूरा मामला
दरअसल, वक्फ बिल के संभावित संशोधन के दौरान, वक्फ बोर्ड ने 2018 में कॉलेज की भूमि को अपनी संपत्ति बताते हुए नोटिस जारी किया। इस नोटिस में कहा गया कि यह भूमि सुन्नी वक्फ बोर्ड से जुड़ी हुई है और कॉलेज इसे अवैध रूप से नियंत्रित कर रहा है। इस कदम ने कॉलेज प्रशासन और छात्रों के बीच गंभीर विरोध उत्पन्न कर दिया।

कैसे विवाद का हिस्सा बनी मस्जिद
उदय प्रताप कॉलेज की स्थापना 1909 में महाराजा राजर्षि सिंह जू-देव द्वारा की गई थी। यह कॉलेज भोजूबीर इलाके में स्थित है और यहां पर 15,000 से अधिक छात्र पढ़ाई करते हैं। कॉलेज परिसर में एक मस्जिद भी है, जो आसपास के लोग नमाज अदा करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। वक्फ बोर्ड द्वारा कॉलेज की संपत्ति पर दावा करने के बाद, यह मस्जिद भी विवाद का हिस्सा बन गई है।

कई शैक्षणिक संस्थानों का होता है संचालन
कॉलेज परिसर में लगभग 100 एकड़ का क्षेत्र है और इसमें कई शैक्षणिक संस्थान संचालित होते हैं। इनमें उदय प्रताप इंटर कॉलेज, रानी मुरार बालिका इंटर कॉलेज, उदय प्रताप पब्लिक स्कूल और मैनेजमेंट कॉलेज शामिल हैं। इनमें से कुछ संस्थानों के छात्र भी इस विवाद में शामिल हैं। कॉलेज परिसर में मस्जिद के पास करीब 4 से 5 नमाजी हर दिन नमाज अदा करने आते थे, लेकिन अब इसे लेकर विवाद बढ़ गया है।

वसीम अहमद ने वक्फ बोर्ड को भेजा था पत्र
गौरतलब है कि इस विवाद की शुरुआत 2008 में हुई थी जब भोजूबीर के एक निवासी वसीम अहमद ने वक्फ बोर्ड को एक पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने कॉलेज की जमीन को वक्फ की संपत्ति बताते हुए दावा किया था। इस शिकायत के बाद वक्फ बोर्ड ने 2018 में कॉलेज प्रशासन को नोटिस भेजा। नोटिस में चेतावनी दी गई कि अगर जवाब नहीं दिया गया तो कॉलेज की जमीन को वक्फ बोर्ड की संपत्ति के रूप में रजिस्टर कर लिया जाएगा।

कॉलेज ने वक्फ बोर्ड के दावे को बताया गलत
कॉलेज प्रशासन ने इस नोटिस का विरोध किया था और इसे कॉलेज के शैक्षणिक माहौल को खराब करने की साजिश बताया था। उन्होंने यह भी कहा था कि कॉलेज का ट्रस्ट चैरिटेबल इनडाउमेंट एक्ट के तहत स्थापित किया गया था और वक्फ बोर्ड का दावा गलत है। कॉलेज ने वक्फ बोर्ड से जमीन के अधिकार को लेकर डीड की मांग की, लेकिन अब तक कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला।

सीएम योगी ने की थी घोषणा
नवंबर 2024 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कॉलेज के 115वें स्थापना समारोह में आने के बाद यह विवाद फिर से तूल पकड़ने लगा। योगी ने इस अवसर पर कॉलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा देने की घोषणा की थी, लेकिन इसके बाद वक्फ बोर्ड का पत्र वायरल हो गया जिसमें कॉलेज की भूमि पर उनका दावा किया गया था। इसके बाद, जुमे की नमाज के लिए कॉलेज में 500 से ज्यादा लोग इकट्ठा हो गए, जबकि आमतौर पर केवल 20 से 25 लोग ही नमाज अदा करने आते थे।

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