आगरा में चौकन्ना हुआ प्रशासन : डूबने की घटनाओं में बढ़ोत्तरी को लेकर एडवाइजरी जारी, डीएम ने दिए यह निर्देश

UPT | डूबने की घटनाओं को लेकर प्रशासन सतर्क

Jun 14, 2024 17:51

आगरा में डूबने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। अपर जिलाधिकारी शुभांगी शुक्ला ने अवगत कराया कि बढ़ती गर्मी से राहत पाने के लिए घाटों, नदी, तालाबों आदि में नहाते समय बच्चों, किशोर और अन्य लोगों की मृत्यु डूबने के कारण हो रही...

Agra News : आगरा में डूबने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। अपर जिलाधिकारी शुभांगी शुक्ला ने अवगत कराया कि बढ़ती गर्मी से राहत पाने के लिए घाटों, नदी, तालाबों आदि में नहाते समय बच्चों, किशोर और अन्य लोगों की मृत्यु डूबने के कारण हो रही है।  यह स्थिति सम्बन्धित परिवारों के लिए त्रासदी है। इन बहुमूल्य जिंदगियों को बचाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखने के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।

शुक्रवार को आगरा जिलाधिकारी ने डूबने से हुई मौतों को देखते हुए यह निर्देश दिए हैं।
  • खतरनाक घाटों, तालाबों और गड्ढों के किनारे ना स्वयं जाए, न ही बच्चों को जाने दें।
  • यदि तैरना आता हो तभी घाटों, तालाबों और गड्ढों के किनारे जाएं।
  • बच्चों को पुल, घाटों के तेज बहाव और पुलिया, ऊंचे टीले व पेड़ से पानी में कूद कर स्नान करने से रोकें।
  • यदि बहुत ही आवश्यक हो तो नदी के किनारे जाएं, साथ ही नदी में उतरते समय गहराई का ध्यान रखें। 
  • डूबते व्यक्ति को धोती, साड़ी, रस्सी और बांस की सहायता से बचाएं। यदि तैराना नहीं जानते हैं तो पानी में न जाए और सहायता के लिए किसी को पुकारें। 
  • गांव और गलियों में डूबने की घटना होने पर आस-पास के लोग एकत्रित होकर ऐसी दुःखद घटना की चर्चा करें कि किस कारण से यह घटना हुई है। ऐसा क्या किया जाये पुनरावृति ऐसी घटना न हो। 
  • डूबे व्यक्ति को पानी से निकाल कर तत्काल प्राथमिक उपचार निम्न प्रकार करें।

डूबे हुए की नब्ज जांच लें
जिलाधिकारी ने लोगों को बताया कि सबसे पहले देख लें कि डूबे हुए व्यक्ति के मुंह और नाक में कुछ फंसा तो नहीं है, यदि है तो उसे निकाल दें। यदि डूबा हुआ व्यक्ति को खांस, बोल और सांस ले सकने की स्थिति में तो उसे ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करें। बेहोशी आने पर सांस देने छाती में दबाव की प्रक्रिया शुरू करें। नाक और मुंह पर उंगलियों के स्पर्श से जांच कर लें कि डूबे हुए व्यक्ति की सांस चल रही है या नहीं। नब्ज की जांच करने के लिए गले के किनारे के हिस्सों को उंगलियों से छूकर जानकारी प्राप्त करें कि नब्ज चल रही है या नहीं। 

ऐसा करने से चल सकती है सांस
डीएम ने आगे बताया कि नब्ज से सांस का पता नहीं चलने पर डूबे हुए व्यक्ति को मुंह से लगाकर दो बार भरपूर सांस दें और 30 बार छाती के बीच में दबाव दें। इस विधि को 03 से 04 बार दुहराएं। ऐसा करने पर दुबारा सांस चलना शुरू हो सकती है। उपरोक्त प्रक्रिया के बाद बचाए गए व्यक्तियों को जल्दी से नजदीक डॉक्टर या प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र पर ले जाएं।

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