Agra News : आगरा मंडल में यात्रियों के लिए ‘रेल मदद’ ऐप की सहायता से की जा रही मदद, 634 शिकायतों को किया गया निस्तारित

UPT | ‘रेल मदद’ ऐप

Jul 08, 2024 19:14

मंडल रेल प्रबंधक तेज प्रकाश अग्रवाल के निर्देशन में रेलवे द्वारा यात्रियों के लिए ‘रेल मदद’ ऐप की सुविधा दी जा रही है। ट्रेन से जुड़ी शिकायतों पर रेल मदद ऐप व (एक्स) ट्विटर अकाउंट पर...

Agra News : मंडल रेल प्रबंधक तेज प्रकाश अग्रवाल के निर्देशन में रेलवे द्वारा यात्रियों के लिए ‘रेल मदद’ ऐप की सुविधा दी जा रही है। ट्रेन से जुड़ी शिकायतों पर रेल मदद ऐप व (एक्स) ट्विटर अकाउंट पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। ट्रेनों में सफर के दौरान यात्री रेल मदद ऐप की सहायता से मदद या फिर ट्रेन से जुड़ी शिकायत कर सकते हैं। इसमें ट्रेन में साफ-सफाई, पानी की उपलब्धता, बुजुर्ग यात्रियों को ऊपरी बर्थ की जगह नीचे वाली बर्थ, बुजुर्ग की दवाई, बच्चे को दूध या फिर किसी भी प्रकार की चिकित्सीय मदद ली जा सकती है। आगरा मंडल में माह जून - 2024 में 634 शिकायतों का 37 मिनट के औसत समय में तत्काल निस्तारण किया गया है। आगरा मंडल यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए संकल्पित है।

महिला प्रतिक्षालय में ही रह गया मोबाइल और चार्जर
आगरा रेल डिवीजन की जनसंपर्क अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि आगरा मंडल द्वारा कई उदाहरण चिन्हित किए गए हैं, जिनमें शिकायत पर कर्मचारियों ने यात्रियों की शिकायत पर काम करते हुए उनका निस्तारण किया है। उन्होंने बताया कि एक यात्री ने हेल्पलाइन नं.-139 पर कॉल करके यात्रा के दौरान हुई असुविधा के सम्बन्ध में बताया जिस पर वाणिज्य नियंत्रक द्वारा कोच में कार्यरत टिकट जांच कर्मचारी को सूचित कर यात्री की समस्या का समाधान किया। वहीं गाड़ी संख्‍या 12616 मे जयश्री अग्रवाल जिनकी यात्रा मथुरा जंक्शन से नागपुर जंक्शन तक थी, जिनका मोबाइल एवं मोबाइल चार्जर भूलवश मथुरा जंक्शन के महिला प्रतिक्षालय में ही रह गया। जिसकी सूचना मिलने पर मथुरा जंक्शन पर कार्यरत उप स्‍टेशन प्रबंधक/वाणिज्‍य आशीष कम्बोज ने त्वरित कार्यवाही करते हुए महिला प्रतिक्षालय में जाकर मोबाइल एवं मोबाइल चार्जर को खोजा एवं यात्री के परिजन को सकुशल सूपुर्द किया गया।

बच्चे को किया गया सुपुर्द
पीआरओ ने बताया कि इसी तरह गाड़ी संख्‍या- 20404 के बी-4 कोच में एक बच्चा आर्यन कुमार उम्र-12 वर्ष घर से नाराज होकर उक्त गाड़ी में बैठ गया। जिसका पता उक्त गाड़ी में कार्यरत टीटीआई/मथुरा जं. एसजी दुबे एवं कंडक्टर एसएस शर्मा को चलने पर इन्होने मामले को तुरंत संज्ञान में लेते हुए मुख्य वाणिज्य नियंत्रक कानपुर को सूचित किया। उक्त बच्चे से उसके परिजन का नंबर लेकर उनको विडियो कॉल के माध्यम से बच्चे की पहचान कराई एवं बच्चे का उक्त गाड़ी में होना सुनिश्चित कराया। गाड़ी के कानपुर पहुंचने पर जितेन्द्र कुमार हेड टीटी को मेमो के साथ बच्चे को सुपुर्द किया गया।

रेलवे द्वारा तुरंत किया गया समस्या का समाधान 
प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि इसी क्रम में 28 जून को गाड़ी संख्या "12547 आगरा छावनी साबरमती एक्सप्रेस के कोच S-4 की वाशबेसिन साफ ना होने'' के संबंध में यात्री साहिल गुप्ता द्वारा यात्रा करने के दौरान हुई असुविधा पर यात्री द्वारा मंडल रेल प्रबंधक आगरा के (एक्स) ट्विटर अकाउंट पर शिकायत दर्ज की गई। इस संबंध में त्वरित कार्यवाई कर समस्या का समाधान रेलवे द्वारा तुरंत किया गया। जिस पर यात्री द्वारा रेलवे को धन्यवाद दिया गया तथा OBHS कर्मचारीयो की प्रशंसा की गई।

दूसरा तकिया/बिस्तर देने से किया इनकार
इसी प्रकार 30 जून को को गाड़ी संख्या ''11905 होशियारपुर एक्सप्रैस के कोच A1 में बर्थ संख्या 23 RAC में यात्री आगरा से चंडीगढ़ तक यात्रा कर रहे थे, कोच अटेंडेंट ने केवल एक बिस्तर और एक तकिया दिया और दूसरा तकिया/बिस्तर देने से इनकार कर दिया। इसके संबंध में यात्री मनीष द्वारा यात्रा करने के दौरान हुई असुविधा पर यात्री द्वारा मंडल रेल प्रबंधक आगरा के (एक्स) ट्विटर अकाउंट पर शिकायत दर्ज की गई। जिस संबंध में त्वरित कार्यवाई कर समस्या का समाधान रेलवे द्वारा तुरंत किया गया।

ऐप के जरिए ऑनलाइन सुविधाएं दे रही है रेलवे
रेलवे ऐप के जरिए ऑनलाइन सुविधाएं दे रही है, ताकि आसानी से शिकायतें पहुंच सके और उनका निवारण भी तत्काल किया जाए। रेल मदद ऐप के जरिए सफर के दौरान पानी, बिजली, सफाई सहित अन्य शिकायतें दर्ज कराई जा सकती हैं। इसके साथ ही किसी भी तरह की समस्या भी इस ऐप के जरिए कर सकते हैं। सुविधाएं मांगने या शिकायत करने के लिए जनरल डिटेल्स, घटना की तारीख, घटना स्थल, पर्सनल डिटेल, मोबाइल नम्बर और ई-मेल जैसी सूचनाएं देनी होंगी।

समस्या के समाधान की समय सीमा निर्धारित
 प्रशस्ति ने कहा कि रेल मदद ऐप पर शिकायत या समस्या बताने पर रेलवे द्वारा उसका समाधान तत्काल किया जा रहा है। रेलवे ने हर समस्या के समाधान की समय सीमा भी निर्धारित की हुई है। निर्धारित समय में समाधान न होने पर वह शिकायत उच्च अधिकारी तक पहुंच जाती है। साथ ही समाधान की सूचना भी शिकायतकर्ता को देते हुए उससे फीडबैक भी लिया जाता है।

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