Firozabad News : बांके बिहारी मंदिर को नगर पालिका का नोटिस, 21 हजार रुपये के जलकर और गृहकर की मांग

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Oct 05, 2024 16:49

फिरोजाबाद जनपद के शिकोहाबाद नगर पालिका द्वारा करोड़ों श्रद्धालुओं के आराध्य श्री बांके बिहारी मंदिर को जलकर और गृहकर का नोटिस भेजा गया है...

Firozabad News : फिरोजाबाद जनपद के शिकोहाबाद नगर पालिका द्वारा करोड़ों श्रद्धालुओं के आराध्य श्री बांके बिहारी मंदिर को जलकर और गृहकर का नोटिस भेजा गया है, जिसमें बताया गया कि मंदिर पर 21 हजार रुपये से अधिक का कर बकाया है। यह नोटिस सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसके बाद यह मामला चर्चा में आ गया है। 

नगर पालिका का कार्य और टैक्स वसूली
नगर पालिका, नगर पंचायतें और स्वायत्तशासी संस्थाएं नगरीय क्षेत्रों में सड़क, पानी, साफ-सफाई और स्ट्रीट लाइट जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं। इसके बदले में ये संस्थाएं स्थानीय निवासियों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों से टैक्स की वसूली करती हैं, जिसमें मुख्य रूप से गृहकर और जलकर शामिल होते हैं। टैक्स की दरें भवन की लंबाई, चौड़ाई, और ऊंचाई के हिसाब से तय होती हैं। खासतौर पर व्यावसायिक भवनों का टैक्स सामान्य आवासीय भवनों की तुलना में अधिक होता है। 



बांके बिहारी मंदिर पर भेजा गया नोटिस
शिकोहाबाद नगर पालिका ने जलकर और गृहकर जमा नहीं करने वालों की एक लंबी सूची तैयार की है। कई बार चेतावनी और नोटिस भेजे जाने के बावजूद जब बकायादारों ने टैक्स जमा नहीं किया, तो नगर पालिका ने फिर से उन्हें नोटिस जारी किया। इस सूची में शहर के प्रतिष्ठानों के साथ ही श्री बांके बिहारी जी महाराज का मंदिर भी शामिल है, जो बड़े बाजार क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर पर 21 हजार एक रुपये का जलकर और गृहकर बकाया बताया गया है। 

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ मामला
यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जहां लोग भगवान को भेजे गए नोटिस पर अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त कर रहे हैं। लोग इस बात से हैरान हैं कि मंदिर को भी टैक्स वसूली के लिए नोटिस भेजा गया। कई लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़कर देखा और नगर पालिका की आलोचना की। 

चेयरमैन प्रतिनिधि की सफाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए नगर पालिका के चेयरमैन प्रतिनिधि राजीव गुप्ता ने सामने आकर इस मामले में सफाई दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि नोटिस मंदिर को नहीं, बल्कि उन दुकानों को भेजा गया है जो मंदिर परिसर में स्थित हैं। उन्होंने कहा कि मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों से कोई टैक्स नहीं लिया जा रहा है। केवल व्यावसायिक भवनों से टैक्स की वसूली की जा रही है, और चूंकि दुकानें मंदिर परिसर में स्थित हैं, इसलिए नोटिस में मंदिर का नाम दर्ज हो गया। 

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