आगरा को अग्रणी शहर बनाने के लिए प्रयासरत : निगम की आय बढ़ाने और स्वच्छता की श्रेणी में अग्रणी स्थान दिलाने की कोशिश  

UPT | नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल।

Dec 22, 2024 18:49

आगरा नगर निगम को सर्वोत्तम बनाने के लिए आयुक्त सक्रिय हैं। निगम की आय बढ़ाने, बकायेदारों से वसूली और स्वच्छता अभियानों के जरिए शहर को इंदौर से आगे लाने की कोशिश हो रही है। नागरिकों की भागीदारी से बदलाव संभव है।

Agra News :  नगर निगम आगरा को देश के सर्वोच्च संस्थानों में शामिल करने की मुहिम में इन दिनों नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल जीजान से जुटे हुए हैं। निगम की आय बढ़ाने और स्वच्छता में आगरा को देश का अग्रणी शहर बनाने के लिए वे लगातार प्रयासरत हैं, जहां एक ओर बकायेदारों से वसूली कर निगम की वित्तीय स्थिति सुधारने का प्रयास किया जा रहा है, वहीं स्वच्छता अभियान को लेकर एक विशेष मुहिम भी चलाई जा रही है। नगर निगम के पार्षद और स्थानीय नागरिक भी इस मुहिम में सहयोग कर रहे हैं। 



निगम की आय बढ़ाने की दिशा में प्रयास
नगर निगम के प्रयासों के बारे में पार्षद राकेश कन्नौजिया ने "यूपी टाइम्स" को बताया कि शहर की बेहतरी के लिए नागरिकों को समय पर टैक्स अदा करना चाहिए। उन्होंने कहा, "यदि लोग टैक्स नहीं देंगे, तो नगर निगम कैसे विकास कार्य करेगा? शहर की स्वच्छता और बुनियादी सुविधाएं तभी बेहतर हो सकती हैं जब लोग अपनी जिम्मेदारी निभाएं।" पार्षद ने कहा कि आगरा कैंट और छावनी जैसे क्षेत्रों से शहर की छवि देश और दुनिया में बनती है। लेकिन इन क्षेत्रों में गंदगी एक बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा, "शहर के कई बकायेदार ऐसे हैं जो आसानी से टैक्स भर सकते हैं, लेकिन वे ऐसा नहीं करते। जब निगम का खजाना खाली होगा, तो लोग सड़कों, लाइटों और अन्य सुविधाओं की उम्मीद न करें।" 

पुराने मकानों पर टैक्स नीति में सुधार की आवश्यकता
राकेश कन्नौजिया ने सुझाव दिया कि नगर निगम को पुराने मकानों पर लगाए जाने वाले टैक्स के नियमों में सुधार करना चाहिए। उन्होंने कहा, "50 साल पुराने मकानों पर 50 साल का टैक्स एक साथ लेना अव्यवहारिक है। निगम को वर्तमान स्थिति के आधार पर टैक्स वसूलना चाहिए। इससे न केवल मकान मालिकों को राहत मिलेगी, बल्कि निगम की आय में भी वृद्धि होगी।"

स्वच्छता सर्वेक्षण में शीर्ष स्थान पाने की तैयारी
आगरा नगर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण में पहला स्थान प्राप्त करने के लिए कमर कस ली है। राकेश कन्नौजिया ने बताया कि शहर की प्रमुख सड़कों को चमचमाती हुई बनाया गया है। दीवारों पर कलात्मक पेंटिंग्स की गई हैं, जो शहर की सुंदरता को चार चांद लगा रही हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इन प्रयासों को नुकसान पहुंचाने वाले लोग भी शहर में सक्रिय हैं। उन्होंने कहा, "शहर की प्रमुख सड़कें शहर का तन हैं, जबकि गली-मोहल्लों की सड़कें शहर का मन हैं। इनका कायाकल्प भी जरूरी है।" उन्होंने जोर दिया कि नागरिकों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और नगर निगम द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं का सही इस्तेमाल करना चाहिए। 

घरों से कूड़ा उठाने के बावजूद सड़कों पर गंदगी
स्वच्छता अभियान को लेकर नगर निगम द्वारा घर-घर कूड़ा उठाने की सुविधा प्रदान की गई है। इसके बावजूद लोग सड़कों पर कचरा फेंकने से बाज नहीं आते। राकेश कन्नौजिया ने कहा, "जब शहर की सड़कों पर गंदगी दिखनी बंद हो जाएगी, तब स्वच्छता का असली महत्व समझा जाएगा।" उन्होंने कहा कि नगर निगम की स्वच्छता टीम दिन-रात काम कर रही है, लेकिन जब तक नागरिक जागरूक नहीं होंगे, तब तक स्थिति में बड़ा सुधार नहीं आ सकता।

नागरिकों की भूमिका अहम
स्वच्छता और विकास की इस मुहिम में नागरिकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। राकेश कन्नौजिया ने कहा, "शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाना सिर्फ नगर निगम की जिम्मेदारी नहीं है। जब तक हर नागरिक अपनी भूमिका नहीं निभाएगा, तब तक आगरा को इंदौर जैसे शहरों से आगे ले जाना मुश्किल होगा।" उन्होंने यह भी कहा कि शहर के लोग यदि समय पर टैक्स अदा करेंगे और स्वच्छता बनाए रखने में योगदान देंगे, तो आगरा न केवल देश में बल्कि दुनिया भर में एक मिसाल बन सकता है। 

स्वच्छता अभियान की चुनौतियां और उम्मीदें
हालांकि, स्वच्छता अभियान को लेकर कई चुनौतियां हैं। पार्षद ने बताया कि शहर में अभी भी कई लोग नगर निगम के प्रयासों को गंभीरता से नहीं लेते। उन्होंने कहा, "जब तक लोग खुद गंदगी फैलाना बंद नहीं करेंगे, तब तक स्वच्छता के प्रयासों को पूरी तरह सफल बनाना कठिन है।" उन्होंने उम्मीद जताई कि नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल के नेतृत्व में आगरा नगर निगम अपने उद्देश्यों को प्राप्त करेगा। आगरा को स्वच्छता और विकास के मामले में देश का अग्रणी शहर बनाने का सपना तभी साकार होगा जब नागरिक, नगर निगम और पार्षद मिलकर काम करेंगे।

आगरा का भविष्य : एक स्वच्छ और विकसित शहर
आगरा नगर निगम के प्रयासों ने शहर को स्वच्छ और विकसित बनाने की दिशा में एक मजबूत आधार प्रदान किया है। अब यह आगरा के नागरिकों पर निर्भर करता है कि वे इन प्रयासों को किस हद तक सफल बनाते हैं। टैक्स अदा करना, सड़कों को साफ रखना, और निगम के कार्यों में सहयोग करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। आगरा का यह सफर आसान नहीं है, लेकिन यदि सभी नागरिक अपनी जिम्मेदारी निभाएं, तो मोहब्बत की यह नगरी न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में एक उदाहरण बन सकती है। 

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