यूपीटी संडे स्पेशल : दक्षिणांचल के बिजली बिल से दर्जनों परिवार दहशत में, 13 साल से DVNL का बिल शून्य था रातों रात लाखों रुपये

UPT | बिल देखकर उपभोक्ताओं की उड़ी नींद।

Dec 22, 2024 23:04

आगरा में बिजली उपभोक्ता इस समय खासा परेशान नजर आ रहे हैं। उनकी परेशानी का सबब दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम बना हुआ...

Agra News : आगरा में बिजली उपभोक्ता इस समय खासा परेशान नजर आ रहे हैं। उनकी परेशानी का सबब दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम बना हुआ है। भले ही शहर में टोरेंट पावर विद्युत की सप्लाई कर रही हो लेकिन बिजली का बकाया बिल दक्षिणांचल विद्युत निगम भेज रहा है और बड़ी बात यह है कि यह बिजली का बिल 1000, 2000, 5000 का नहीं है, बल्कि चार से ₹6 लाख तक का है। यह बिल देखकर उपभोक्ताओं की नींद उड़ी हुई है, तो कुछ लोग इस वजह से परेशान हैं कि उनके पास उस नाम और उस नंबर का कनेक्शन नहीं है लेकिन बिजली का बिल भरने के लिए बकाया बिल और नोटिस दोनों उनके पास पहुंच रहे हैं।   
  दक्षिणांचल विद्युत निगम की ओर से इस समय एक मुश्त समाधान योजना चल रही है और इस समाधान योजना के तहत दक्षिणांचल वर्षो पुरानी बकाया बिलों को टोरेंट के माध्यम से उपभोक्ताओं तक भेज रही है। जो उपभोक्ता बिल जमा नहीं कर रहा है उसके कनेक्शन तक काटे जा रहे हैं। कई लोगों के घरों में तो पिछले चार दिनों से बल्ब न जलने से घरों में अंधेरा है क्योंकि उनके कनेक्शन काट दिए गए हैं।
  लोगों में आक्रोश इस समस्या को लेकर अब लोगों में आक्रोश भी फूटने लगा है, लोगों का कहना है कि टोरेंट का बिल लगातार जमा कर रहे हैं, टोरेंट नो ड्यू दिखा रहा है तो फिर दक्षिणांचल क्यों अपना बकाया भेज रहा है  जबकि अब तो दक्षिणांचल का हस्तक्षेप ही शहर विद्युत में नहीं रहा है। उत्तर प्रदेश टाइम्स की टीम जब आक्रोषित लोगों के पास पहुंची तो उन्होंने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि जब टोरेंट ने शहर की विद्युत सप्लाई को अधिग्रहित किया था तो उस समय दक्षिणांचल को सभी ड्यू क्लियर करने थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। कुछ लोगों का तो यह भी कहना था कि उनकी एक ही प्रॉपर्टी थी, जिसमें कई लोगों की हिस्सेदारी थी, लेकिन अब उस एक प्रॉपर्टी का बिल किसी एक के नाम पर आ रहा है तो वह बिल कैसे जमा कर सकते हैं। जबकि उस प्रॉपर्टी में कई हिस्से हो गए हैं और सब की अलग-अलग हिस्सेदारी है। ऐसे में दक्षिणांचल का बकाया कैसे जमा होगा और जो बिल बकाया के रूप में आ रहा है कि वह कोई छोटी राशि नहीं है। 
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जब से टोरंट आई है तभी से.... यूपीटी को अपनी पीड़ा बताते हुए बिहारी लाल, जगदीप सचदेवा, 70 वर्षीय भूदेव और चाँद मुहम्मद, इंद्रपाल अरोरा, अमरकिशन, छीतर बेग, मुकेश अमर किशन आदि ने बताया कि जब से टोरंट आई है तभी से हम नियमित रूप से बिजली का बिल जमा कर रहे हैं। आख़िर अचानक 4 से 6 लाख तक के बिजली केबिल दक्षिणांचल में कैसे भेज दिए। इन सभी ने कहा कि जब हम लोगों ने किसी अन्य से अपना मकान या दुकान खरीदी है तो पूर्व के बिजली के बिलों के जिम्मेदार वह कैसे हो सकते हैं। सरकार खतौनी निकाल के भी यह जांच कर सकती है कि उन्हें जमीन कब आवंटित हुई। 

ये भी पढ़ें : महाकुंभ-2025 : मेले में लगे हरे-लाल-नीले QR कोड, जानें महत्वपूर्ण जानकारी के लिए कैसे करें इस्तेमाल   दक्षिणांचल वितरण निगम द्वारा बेतरतीब तरीके से भेजे जा रहे बिल को लेकर अजीत नगर बाजार कमेटी के अध्यक्ष राजेश यादव का कहना के पहले हम लोग डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी से लिखित शिकायत करेंगे। डीएम से शिकायत के बावजूद अगर कोई समाधान नहीं निकलता है तो आंदोलन की रूपरेखा वीरता की जाएगी। बाजार कमेटी के अध्यक्ष राजेश यादव ने सीधे तौर पर कहा कि मध्य वर्ग बमुश्किल अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा है, ऐसे में लाखों रुपये के यह अवैध बिजली के बिल कैसे भरे जाएंगे। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि जब 13 सालों से टोरंट के बिल में DVNL का बकाया शून्य आ रहा है तो किस आधार पर हम लोग अपना बिजली का बिल दें। यह एक तरीके से दक्षिणांचल का तानाशाही रवैया है। 

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