राधा-कृष्ण के विवाह के साक्षी भांडीरवन में सोमवती अमावस्या पर पर्वी मेले का भव्य आयोजन हुआ। इसमें भारी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। भांडीरवन के बारे में मान्यता है कि यहां राधा कृष्ण का विवाह संपन्न...
Sep 02, 2024 15:15
राधा-कृष्ण के विवाह के साक्षी भांडीरवन में सोमवती अमावस्या पर पर्वी मेले का भव्य आयोजन हुआ। इसमें भारी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। भांडीरवन के बारे में मान्यता है कि यहां राधा कृष्ण का विवाह संपन्न...
Mathura News : राधा-कृष्ण के विवाह के साक्षी भांडीरवन में सोमवती अमावस्या पर पर्वी मेले का भव्य आयोजन हुआ। इसमें भारी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। भांडीरवन के बारे में मान्यता है कि यहां राधा कृष्ण का विवाह संपन्न हुआ था। भांडीरवन में पवित्र वेणु कूप भी है, जिसका जल आज भी नहीं सूखा है।
गोहत्या से मुक्ति को खोदा कुआं
मान्यता है यह भी है कि भगवान श्री कृष्ण एक बार गौचारण करते हुए भांडीरवन आए तो कंस ने बछड़े के रूप में बछासुर नाम के एक राक्षस को भेज दिया। जिसका भगवान श्री कृष्ण ने वध किया था। परन्तु, बाद में विद्वान पंडितों ने उन्हें बताया कि उन्होंने बछड़े का वध किया है, इसलिए उन्हें गौ हत्या का पाप लगेगा। इससे मुक्ति पाने के लिए उन्हें सभी तीर्थों की यात्रा करनी होगी। भगवान ने यहीं बांसुरी से कुआं खोदकर सारे तीर्थों का आह्वान किया। सारे तीर्थ वहां आए और अपने पवित्र जल को वेणु कूप में प्रवाहित किया। इसके जल से स्नान कर योगिराज भगवान श्रीकृष्ण को गौहत्या क़े पाप से मुक्ति मिली।
ये है मान्यता
भांडीरवन के सेवायत प्रमोद कुमार ने बताया कि इस कुआं में आज भी सोमवती अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में दूध जैसी सफेद धार निकलती है। इस कुएं के जल से स्नान करने से सारी मनोकामना पूर्ण होती है। कुएं के जल से स्नान के बाद एक छोटे से कुंड में एकत्रित हुए उस जल में स्नान करने से निसंतान स्त्री को संतान प्राप्ति होती है। महिलाएं यहां स्नान के बाद पुराने वस्त्र आभूषणों का त्याग कर नूतन वस्त्र धारण करती हैं।