मैनपुरी में सियासी दांवपेंच : सांसद धर्मेंद्र यादव के सामने भतीजे और बहनोई में से किसी एक को चुनने की चुनौती

UPT | सांसद धर्मेंद्र यादव व अनुजेश यादव

Oct 25, 2024 13:56

मैनपुरी की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। सपा के गढ़ माने जाने वाले इस क्षेत्र में भाजपा की नई चाल ने सैफई परिवार के भीतर सियासी उठक पटक तेज कर दी है...

Mainpuri News : मैनपुरी की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। सपा के गढ़ माने जाने वाले इस क्षेत्र में भाजपा की नई चाल ने सैफई परिवार के भीतर सियासी उठक पटक तेज कर दी है। भाजपा ने सांसद धर्मेंद्र यादव के बहनोई अनुजेश यादव को टिकट देकर इस चुनाव को एक पारिवारिक धर्म संकट में बदल दिया है। अब धर्मेंद्र के सामने चुनौती यह है कि वे अपने भतीजे और सपा के उम्मीदवार तेजप्रताप यादव का साथ दें या अपने सगे बहनोई अनुजेश यादव का जो भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं। सैफई परिवार के राजनीतिक इतिहास में यह धर्मेंद्र के लिए एक बार फिर रिश्तों और राजनीति के बीच चयन का कठिन मोड़ है।

सियासत और रिश्तों की पहली परीक्षा
मुलायम सिंह यादव के भतीजे और वर्तमान में आजमगढ़ से सांसद धर्मेंद्र यादव हैं। 2015 में उनकी बहन संध्या यादव ने सपा के समर्थन से मैनपुरी जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए राजनीति में कदम रखा। यहां तक सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन 2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद परिस्थितियां बदल गईं। संध्या के पति अनुजेश यादव जो सपा के सक्रिय समर्थक थे। लेकिन कुछ समय के बाद उनकी भाजपा से नजदीकियां बढ़ने लगीं। 2019 में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ले ली। इससे सैफई परिवार में संबंधों में कड़वाहट पैदा हुई और धर्मेंद्र को पार्टी और रिश्ते के बीच पहली बार कड़ा निर्णय लेना पड़ा। उन्होंने सपा का साथ दिया, जिससे सैफई परिवार और अनुजेश के बीच खटास और बढ़ गई।



धर्म संकट, किसका साथ दें धर्मेंद्र
अब 2024 में मैनपुरी के करहल उपचुनाव ने फिर से धर्मेंद्र यादव को उसी दोराहे पर ला खड़ा किया है। एक तरफ उनके भतीजे तेज प्रताप यादव जो सपा के उम्मीदवार हैं। दूसरी तरफ उनके सगे बहनोई अनुजेश यादव भाजपा के उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं। अब धर्मेंद्र के पास विकल्प सीमित हैं उन्हें या तो परिवार के संबंधों को प्राथमिकता देनी होगी या फिर सपा के प्रति अपनी निष्ठा को बनाए रखना होगा।धर्मेंद्र यादव ने हाल ही में अपने भतीजे तेज प्रताप के नामांकन में उपस्थित होकर सार्वजनिक रूप से उनके लिए समर्थन जताया। लेकिन, भाजपा का दांव इस समर्थन को लेकर संभावित उलझनों को जन्म दे सकता है। सैफई परिवार के सदस्यों और समर्थकों की निगाहें अब धर्मेंद्र के आगामी कदम पर हैं।

धर्मेंद्र ने पत्र जारी कर कहीं थी ये बात
जब अनुजेश यादव ने 2019 में भाजपा का दामन थामा जब धर्मेंद्र यादव ने एक पत्र जारी कर यह स्पष्ट किया था कि भाजपा में शामिल उनके बहनोई से उनका कोई राजनीतिक संबंध नहीं है। लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। एक तरफ भाजपा अनुजेश को अपने उम्मीदवार के रूप में स्थापित कर रही है, तो दूसरी तरफ सपा के समर्थन से तेज प्रताप भी चुनावी मैदान में हैं।

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