वृंदावन के आचार्य कौशिक में मांगी माफी : रेलवे ट्रैक पर भगवान शिव का किया था अभिषेक, दी ये दलील

UPT | वृंदावन के आचार्य कौशिक

Nov 08, 2024 18:36

सोशल मीडिया पर एक वीडियो इन दिनों तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वृंदावन के आचार्य कौशिक महाराज ने रेल ट्रैक पर शिवलिंग रखकर उसकी पूजा की। इस वीडियो के सार्वजनिक होने के बाद साधु संतों और धर्माचार्यों के बीच आक्रोश...

Mathura News : सोशल मीडिया पर एक वीडियो इन दिनों तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वृंदावन के आचार्य कौशिक महाराज ने रेल ट्रैक पर शिवलिंग रखकर उसकी पूजा की। इस वीडियो के सार्वजनिक होने के बाद साधु संतों और धर्माचार्यों के बीच आक्रोश का माहौल बन गया है। कई ब्रजवासी और धार्मिक संगठन इस कृत्य को अनुचित मानते हुए विरोध जताने लगे। इसके बाद धर्माचार्य मीडिया के सामने आए और सभी से माफी मांगी।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कथा प्रवक्ता आचार्य कौशिक महाराज रेल ट्रैक पर शिवलिंग रखकर उसकी पूजा कर रहे हैं। वह शिवलिंग के सामने बैठकर ट्रेन में पानी भरने वाली पाइप से अभिषेक करते हैं। आचार्य कौशिक अभिषेक करते हुए मंत्र का जाप कर रहे हैं, इस दौरान एक आवाज आती है कि ट्रेन चलने वाली है और आचार्य महाराज जवाब देते हैं, हमारी वाली ट्रेन है या कोई और? इस वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर लोगों के बीच अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आने लगीं।



आचार्य कौशिक ने दी ये दलील
वीडियो वायरल होने के बाद हंगामा मचने लगा, जिसके बाद आचार्य कौशिक महाराज मीडिया के सामने आए। उन्होंने इस घटना को एक त्रुटि मानते हुए इसे अपनी भावनात्मक स्थिति का परिणाम बताया। कौशिक महाराज ने कहा कि वह भगवान शिव के अभिषेक के बिना जलपान भी ग्रहण नहीं करते, और उनका उद्देश्य सिर्फ श्रद्धा और भक्ति को व्यक्त करना था। उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोग वीडियो दिखाकर उन्हें वृंदावन छोड़ने की सलाह दे रहे हैं, वे उनके पुण्य कामों को भी देखें और समझें।

आचार्य ने लगाया बदनाम करने का आरोप
हिंदू विरोधी ताकतों द्वारा बदनाम करने के आरोपों के बीच आचार्य कौशिक महाराज मीडिया के सामने आए और उन्होंने कहा कि यह वीडियो उनकी भावनात्मक स्थिति में बनी थी, जिसके लिए वह बार-बार क्षमा मांगते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य कभी भी किसी धार्मिक आस्था या प्रतीक का अपमान करना नहीं था। आचार्य महाराज ने यह भी बताया कि वह अन्न त्याग कर सच्चे हृदय से गौवंश की सेवा कर रहे हैं और सनातन धर्म को बढ़ावा देने का कार्य कर रहे हैं। इसके बावजूद, कुछ हिंदू विरोधी ताकतें उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए इस घटना का गलत तरीके से प्रचार कर रही हैं, ताकि उन्हें बदनाम किया जा सके।

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