प्रदीप मिश्रा ने अपने बयान के लिए मांगी माफी : भारी सुरक्षा के बीच पहुंचे थे बरसाना, प्रेमानंद महाराज ने दी थी चेतावनी

UPT | प्रदीप मिश्रा ने अपने बयान के लिए मांगी माफी

Jun 29, 2024 14:58

मध्य प्रदेश के सिहोर जिले के कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने आखिरकार अपने विवादित बयान पर माफी मांग ली है। वह शनिवार को बरसाना पहुंचे थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए श्री जी मंदिर के बाहर भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था।

Short Highlights
  • प्रदीप मिश्रा ने अपने बयान के लिए मांगी माफी
  • भारी सुरक्षा के बीच पहुंचे थे बरसाना
  • प्रेमानंद महाराज ने दी थी चेतावनी
Mathura News : मध्य प्रदेश के सिहोर जिले के कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने आखिरकार अपने विवादित बयान पर माफी मांग ली है। वह शनिवार को बरसाना पहुंचे थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए श्री जी मंदिर के बाहर भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था। आपको बता दें कि प्रेमानंद महाराज ने प्रदीप मिश्रा को माफी मांग लेने की चेतावनी दी थी।

बरसाना पहुंचकर क्या बोले प्रदीप मिश्रा
प्रदीप मिश्रा ने बरसाना पहुंचकर माफी मांगने के बाद मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि 'राधारानी का दर्शन किया, बरसाने की पवित्र भूमि को प्रणाम किया, नमन किया और महारानी जी से माफी मांगी कि हमारे शब्द से कोई त्रुटि हुई हो, तो क्षमा कीजिएगा।' उन्होंने कहा कि 'मेरी वाणी से, मेरे शब्दों से जो भी चोट लगी हो, उसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं। मेरी महारानी जी से, राधारानी जी से, किशोरी जी से क्षमा चाहता हूं।'



जानिए कैसे शुरू हुआ था विवाद
प्रदीप मिश्रा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। इसमें प्रदीप मिश्रा बता रहे थे कि राधारानी बरसाना की रहने वाली नहीं थीं। राधा रावल गांव की रहने वाली थीं। बरसाने में राधा जी के पिता जी की कचहरी थी। राधा साल में एक बार कचहरी पर जाती थी। इसलिए उसका नाम बरसाना है कि बरस में एक बार आना। उन्होंने आगे कहा कि श्री कृष्ण की पत्नियों में राधा का नाम नहीं है। राधा जी के पति का नाम अनय घोष है। उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था। इसके बाद प्रेमानंद महाराज नाराज हो गए औ उन्हें परिणाम भुगतने की चेतावनी दी। हालांकि बाद में प्रदीप मिश्रा ने प्रमाण के साथ स्पष्टीकरण भी दिया था, लेकिन विवाद थमा नहीं।

प्रेमानंद महाराज से मिला था धर्म रक्षा संघ
धर्म रक्षा संघ का एक प्रतिनिधि मंडल इस संबंध में प्रेमानंद महाराज से भी मिला था। प्रेमानंद महाराज ने इस मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा था कि किसी भी व्यक्ति को व्यास मंच पर बैठने से पहले अपने गुरुजनों के चरणों में बैठकर कथा का रहस्य और संपूर्ण ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। प्रेमानंद महाराज ने एक समाधान सुझाया था। उन्होंने कहा था कि प्रदीप मिश्रा उसी जुबान से माफी मांग ले जिससे उसने त्रुटि की है, तो सारा मामला सुलझ जाएगा। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि क्षमा न मांगकर मिश्रा ने बहुत बड़ी भूल की है, और संतों एवं ब्रजवासियों को उनकी वाणी से जो कष्ट हुआ है, उसे भगवान भी क्षमा नहीं करेंगे। इसके बाद ही प्रदीप मिश्रा सीहोर से बरसाना पहुंचे थे।

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