यमुना एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टर-ट्रॉली प्रतिबंधित : किसानों में रोष, विरोध प्रदर्शन की तैयारी

UPT | Yamuna Expressway

Jul 14, 2024 09:15

टोल प्लाज़ा कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि वे ट्रैक्टर-ट्रॉली को एक्सप्रेस-वे पर प्रवेश करने से रोकें। कई स्थानों पर इस नियम को लागू करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण टोल प्लाज़ा पर...

Short Highlights
  • हादसों को रोकने के लिए नया प्रतिबंध लागू किया गया
  • यमुना एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टर-ट्रॉली पर प्रतिबंध 
  • टोल प्लाज़ा कर्मचारियों को निर्देश दिए गए
Mathura News : यमुना एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टर-ट्रॉली के संचालन पर एक नया प्रतिबंध लागू किया गया है। यह निर्णय एक्सप्रेस-वे पर होने वाले हादसों को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है। अधिकारियों का मानना है कि ट्रैक्टर-ट्रॉली की धीमी गति अन्य तेज़ चलने वाले वाहनों के लिए खतरा पैदा करती है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।

नियम लागू करने में आ रही समस्या
इस नए नियम के तहत, टोल प्लाज़ा कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि वे ट्रैक्टर-ट्रॉली को एक्सप्रेस-वे पर प्रवेश करने से रोकें। कई स्थानों पर इस नियम को लागू करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण टोल प्लाज़ा पर विवाद की स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं। कुछ मामलों में, स्थानीय पुलिस की मदद भी ली जा रही है ताकि नियम का पालन सुनिश्चित किया जा सके।

इन किसानों को अनुमति
हालांकि, इस नियम में एक महत्वपूर्ण अपवाद है। जिन किसानों की भूमि का अधिग्रहण एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए किया गया था, उन्हें अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली को एक्सप्रेस-वे पर ले जाने की अनुमति दी गई है। यह छूट उन किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए दी गई है जिन्होंने पहले ही अपनी जमीन परियोजना के लिए दी है।

ईंट और बालू की आपूर्ति करने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉली पर रोक
यह प्रतिबंध विशेष रूप से उन व्यावसायिक गतिविधियों को प्रभावित करेगा जो ट्रैक्टर-ट्रॉली का उपयोग करके एनसीआर क्षेत्र में निर्माण सामग्री जैसे ईंट और बालू की आपूर्ति करती हैं। इससे क्षेत्र में निर्माण गतिविधियों पर असर पड़ने की संभावना है। साथ ही, किसानों के लिए अपनी फसलों को मंडी तक पहुंचाना भी मुश्किल हो सकता है।

किसान संगठन का विरोध
किसान संगठनों ने इस निर्णय का विरोध किया है। उनका तर्क है कि यह प्रतिबंध किसानों पर अनुचित बोझ डालेगा और उनके खर्चों में वृद्धि करेगा। वे मांग कर रहे हैं कि प्राधिकरण इस फैसले पर पुनर्विचार करे और किसानों के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली पर टोल शुल्क माफ किया जाए। यह स्थिति सरकार और किसान समुदाय के बीच एक नए संवाद की आवश्यकता को रेखांकित करती है, जिससे सड़क सुरक्षा और किसानों के हितों के बीच एक संतुलन स्थापित किया जा सके।

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