यूपी टाइम्स की खबर का असर : एसपीसीए गौशाला के बदल रहे हालात, पशु अधिकारी कर रहे गोवंशों का इलाज

UPT | यूपी टाइम्स की खबर का असर

Nov 11, 2024 20:50

रविवार को प्रशासनिक अधिकारियों के दिशा-निर्देशों के बाद आज एक बार फिर उत्तर प्रदेश टाइम्स की टीम एसपीसीए दयालबाग पहुंची। सोमवार को वहां के हालात कुछ सुधरे हुए दिख रहे थे।

Agra News : उत्तर प्रदेश टाइम्स जन सरोकार से जुड़ी खबरों को प्राथमिकता के साथ प्रकाशित करता है। इसी क्रम में गोपाष्टमी यानि कि बीते शनिवार को यूपी टाइम्स ने आगरा की दो गौ शालाओं को लेकर एक खबर प्रकाशित की थी, जिसमें हमने कई ऐसे गोवंश का जिक्र किया था जो बेहद पीड़ा में थे। शनिवार को एसपीसीए गौ शाला में कई गोवंश मृत अवस्था में अन्य गोवंशों के साथ जमीन पर पड़े हुए थे, तो वहीं कई गोवंश बुरी तरह तड़प रहे थे। उत्तर प्रदेश टाइम्स ने सबसे पहले यह खबर प्रकाशित की थी। खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासनिक अमला हरकत में आया और रविवार को डीएम अरविंद मलप्पा बंगारी, पुलिस आयुक्त जे. रविंद्र गौड़ और नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल के साथ पूरा प्रशासनिक अमला एसपीसीए पहुंचा। प्रशासनिक अधिकारियों का अमला एसपीसीए में गोवंश के हालात देखकर दंग रह गया। प्रशासनिक अधिकारियों ने तत्काल एसपीसीए को नगर निगम द्वारा दी गई जमीन का पट्टा निरस्त कर दिया, इसके साथ ही सीपीसी संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई।

रिपोर्ट के बाद सुधरे हालात
रविवार को प्रशासनिक अधिकारियों के दिशा-निर्देशों के बाद आज एक बार फिर उत्तर प्रदेश टाइम्स की टीम एसपीसीए दयालबाग पहुंची। सोमवार को वहां के हालात कुछ सुधरे हुए दिख रहे थे। गोवंश जमीन पर नहीं, बल्कि उनका उपचार मैट पर किया जा रहा था। अभी भी एसपीसीए में करीब 10 गोवंश का उपचार चल रहा है, जिसका नगर निगम के पशु अधिकारी इलाज कर रहे हैं। अभी भी इनमें से कई गोवंश गंभीर रूप से घायल हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है। यहां पर अधिकतर गोवंश दुर्घटना के शिकार हैं, जिनको वाहन चालक टक्कर मारकर भाग गए हैं। सोमवार को एसपीसीए की इस गौशाला में प्रशासनिक अधिकारियों के निरीक्षण के बाद हालात काफी बेहतर दिखाई दे रहे हैं।

कम हो गए गोवंश
आसपास के लोगों ने बताया कि करीब 5 से 6 दिन पूर्व यहां पर करीब दो दर्जन से अधिक गोवंश किसी अन्य गौ शाला के लोग छोड़ गए थे। लेकिन आज सोमवार को यहां पर केवल 10 गोवंश ही मौजूद हैं। अन्य गोवंश कहां गए, यह नगर निगम के अधिकारी ही बता सकते हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश टाइम्स में कान्हा गौशाला का भी उल्लेख किया था। कान्हा गौशाला, जो कि नगर निगम द्वारा संचालित की जा रही है, वहां पर भी हालात अच्छे नहीं हैं। नरायच स्थित नगर निगम की कान्हा गौ शाला में भी एसपीसीए जैसे ही हालात हैं, वहां तो लोगों को मोबाइल ले जाने की भी अनुमति नहीं है। लोगों को गौशाला में प्रवेश के दौरान ही मोबाइल ले लिया जाता है, जिससे वहां की जो भी कमियां और अनियमितताएं हैं, वे बाहर न आ सकें। देखना होगा कि डीएम, नगर आयुक्त और पुलिस अधिकारी क्या कदम उठाते हैं, क्या वे इस गौशाला का भी निरीक्षण करेंगे, यह आने वाला समय बताएगा।

संचालकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
बहरहाल, उत्तर प्रदेश टाइम्स की खबर का बड़ा असर देखने को मिल रहा है। एसपीसीए का पट्टा निरस्त कर दिया गया है और संचालकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। यही नहीं, नगर निगम के कई अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं। अगर ईमानदारी से जांच की जाती है, तो अधिकारियों पर गाज गिरना तय है। इस कारण नगर निगम के अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।

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