बैंक मैनेजर ने लूटी गरीबों की मेहनत की कमाई : एटा में 1.40 करोड़ का घोटाला उजागर, बैंकिंग व्यवस्था पर उठा बड़ा सवाल

UPT | बैंक का आरोपी प्रबंधक।

Dec 18, 2024 16:54

उत्तर प्रदेश के एटा जिले में यूको बैंक शाखा में 1.40 करोड़ का घोटाला उजागर हुआ। बैंक प्रबंधक और उनके सहयोगियों ने फर्जी दस्तावेजों से ग्राहकों के खातों से धनराशि गबन की। शिकायत से यह मामला सामने आया।

Etah News : उत्तर प्रदेश के एटा जिले के जीटी रोड स्थित यूको बैंक की शाखा में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। बैंक के प्रबंधक अच्युत त्रिपाठी ने अपने सहयोगियों, उप शाखा प्रबंधक कंचन अश्वनी और कैशियर रामचंद्र अग्निहोत्री के साथ मिलकर ग्राहकों और अन्य बैंकों के खातों से 1.40 करोड़ रुपये की हेराफेरी की। इस रकम में से 90 लाख रुपये सीधे ग्राहकों के खाते से चुराए गए, जबकि बाकी धनराशि अन्य बैंकों से गबन की गई।



ऐसे हुआ घोटाले का पर्दाफाश 
घोटाले का खुलासा तब हुआ जब शीतलपुर निवासी खाताधारक शैलेन्द्र कुमार ने अपनी पासबुक अपडेट करानी चाही। शैलेन्द्र को मकान निर्माण के लिए 29.50 लाख रुपये का हाउस लोन स्वीकृत हुआ था। लोन की पहली और दूसरी किश्त निकालने के बाद जब उन्होंने पासबुक और चेकबुक मांगी, तो बैंक कर्मचारियों ने उन्हें टाल-मटोल करते हुए बहाने बनाना शुरू कर दिया। बाद में शैलेन्द्र ने जांच कराई तो पता चला कि उनके खाते से फर्जी दस्तावेजों और नकली हस्ताक्षरों का उपयोग कर 9.50 लाख रुपये निकाल लिए गए थे। 

न्यायालय की शरण में गए पीड़ित
बैंक से जवाब न मिलने पर शैलेन्द्र ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बैंक मैनेजर और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ कुल छह मुकदमे दर्ज किए। 

पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई
एटा के अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार सिंह ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ गबन के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। घोटाले के मुख्य आरोपी, शाखा प्रबंधक अच्युत त्रिपाठी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है और मामले की गहन जांच जारी है।

घोटाले का असर
घोटाले की खबर फैलते ही इलाके में हड़कंप मच गया। ग्राहकों का बैंकिंग व्यवस्था पर विश्वास डगमगा गया है। पुलिस ने जनता को आश्वस्त किया है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी और सभी खाताधारकों के पैसे सुरक्षित रखने के प्रयास किए जाएंगे।

घोटाले से बचने के उपाय
  • बैंक खातों की नियमित रूप से जांच करें और पासबुक अपडेट कराते रहें।
  • किसी भी असामान्य गतिविधि की तुरंत शिकायत बैंक प्रबंधन या पुलिस से करें।
  • बैंकिंग प्रक्रियाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल माध्यमों का उपयोग करें।
  • किसी भी प्रकार की अनियमितता दिखने पर तत्काल उच्च अधिकारियों से संपर्क करें।
आर्थिक अपराध के साथ बैंकिंग तंत्र की खामियां भी उजागर 
यह मामला केवल आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि बैंकिंग तंत्र की खामियों को भी उजागर करता है। ग्राहकों की मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखने के लिए बैंक प्रशासन और सरकार को कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। इससे भविष्य में ऐसे घोटालों को रोका जा सकेगा और आम जनता का बैंकिंग प्रणाली पर विश्वास बहाल होगा। 

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