अलीगढ़ के थाने में जिंदा जली महिला : पुलिस की लापरवाही उजागर, न्याय की मांग में खो गई एक जान

UPT | थाने में जिंदा जली महिला

Jul 17, 2024 17:51

11 जून को हेमलता ने चंद्रभान, मुकेश, नेत्रपाल और चंचल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया और केवल चार्जशीट लगाकर मामले को हल्के में ले लिया।

Aligarh News : अलीगढ़ की खैर कोतवाली में एक महिला के आत्मदाह और उसकी बाद में मृत्यु के मामले ने पुलिस व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना में पुलिस की लगातार लापरवाही सामने आई है। पुलिस अधीक्षक के थाने पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए। मृतका हेमलता पिछले कुछ दिनों से लगातार कोतवाली का चक्कर लगा रही थी। वह अपने विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही थी, लेकिन पुलिस की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। 

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पति की मौत के बाद कर रही थी संघर्ष 
मृतका हेमलता, जो इगलास थाने के मोहकमपुर गांव की रहने वाली थी, पिछले कुछ समय से न्याय की गुहार लगा रही थी। उसके पति राजकुमार की 2019 में मौत के बाद, वह अपने तीन बेटों और एक बेटी के साथ संघर्ष कर रही थी। हेमलता का परिवार दरकन नगलिया में एक मकान में रह रहा था, जिसे खाली करवाने के लिए उसके पति के ममेरे भाई द्वारा लगातार दबाव डाला जा रहा था।



11 जून को हेमलता ने की थी शिकायत
11 जून को हेमलता ने चंद्रभान, मुकेश, नेत्रपाल और चंचल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया और केवल चार्जशीट लगाकर मामले को हल्के में ले लिया। 9 जुलाई को जब हेमलता अपने घर लौटी, तो उसने पाया कि उसके घर से लगभग 12 क्विंटल गेहूं गायब था। जब उसने इसकी शिकायत की, तो आरोप है कि उसके साथ मारपीट की गई और उसे अपमानित किया गया।

पुलिस ने नहीं की उसकी शिकायत पर कार्रवाई
इस घटना के बाद हेमलता लगातार कोतवाली का चक्कर लगा रही थी, न्याय की मांग कर रही थी। लेकिन पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। यहां तक कि आरोप है कि पुलिस चंद्रभान के साथ मिलीभगत कर मकान खाली करवाने की कोशिश कर रही थी।

न्याय न मिलने पर दी थी मरने की धमकी
मंगलवार को जब हेमलता अपने बेटे गौरव के साथ फिर से कोतवाली पहुंची, तो वहां चंद्रभान भी मौजूद था। बातचीत के दौरान हेमलता ने पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाया और गुस्से में आकर जाने लगी। इसी दौरान उसने धमकी दी कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वह या तो जहर खा लेगी या आग लगा लेगी।

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न्याय न मिलने पर थाने में जिंदा जली हेमलता 
किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि यह धमकी इतनी जल्दी सच हो जाएगी। हेमलता ने अपने ऊपर पेट्रोल डाल लिया और आग लगा ली। हालांकि पुलिसकर्मियों ने तुरंत आग बुझाने की कोशिश की और उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। गंभीर रूप से झुलसी हेमलता की बाद में मौत हो गई।

परिजनों ने लगाए प्रशासन पर आरोप
इस घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। हेमलता के परिजनों का आरोप है कि अगर पुलिस ने समय पर उचित कार्रवाई की होती, तो हेमलता  यह कदम नहीं उठाती। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिसकर्मी मदद के नाम पर पैसे मांग रहे थे और चंद्रभान का पक्ष ले रहे थे। एसएसपी संजीव सुमन जब घटनास्थल पर पहुंचे, तो उन्हें परिजनों की ओर से कई गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ा। हेमलता के भाई चंद्रमोहन ने कहा कि पुलिस ने रिश्वत लेकर चंद्रभान का साथ दिया और उनकी बहन की मदद नहीं की।

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पुलिस की लापरवाही उजागर
इस मामले में पुलिस की लापरवाही कई जगह दिखाई देती है। सबसे पहले, 11 जून को दर्ज कराई गई शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया गया। फिर, जब हेमलता ने गेहूं चोरी और मारपीट की शिकायत की, तो उस पर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इसके अलावा, महिला को बार-बार थाने बुलाया जाता रहा, लेकिन उसकी समस्या का कोई समाधान नहीं निकाला गया।

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