अयोध्या में विस्तार के बाद जमीन महंगी : चार साल में दोगुनी हुई संपत्तियों की रजिस्ट्री, सर्किल रेट भी बढ़ा

UPT | राममंदिर

Sep 24, 2024 13:01

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के बाद से जमीनों की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिला है। राममंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में जमीनों की कीमतें 20 से 30 गुना तक बढ़ चुकी हैं।

Ayodhya News : अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के बाद से जमीनों की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिला है। भले ही जमीनों के दाम आसमान छू रहे हों, लेकिन इसके बावजूद स्थानीय भू-स्वामियों को जिला प्रशासन द्वारा प्रस्तावित नए डीएम सर्किल रेट से संतोष नहीं है। इसके चलते जमीन मालिकों ने अपनी असहमति और आपत्तियां दर्ज कराई हैं। जिला प्रशासन ने प्रस्तावित डीएम सर्किल रेट को लेकर दावे और आपत्तियां मांगी थीं, जिसमें अब तक जिले से कुल 215 दावे और आपत्तियां प्राप्त हुई हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि लगभग 95 प्रतिशत लोगों ने मौजूदा जमीन की कीमतों में 200 से 1200 प्रतिशत तक वृद्धि की मांग की है।

जमीनों की कीमतों में भारी वृद्धि
वर्ष 2017 के बाद से अयोध्या में डीएम सर्किल रेट पर कोई संशोधन नहीं हुआ था। राममंदिर निर्माण की प्रक्रिया के बाद से यहां जमीनों की कीमतों में तेजी से उछाल आया है। खासतौर पर वर्ष 2021 के बाद जमीनों की दरें तेजी से बढ़ी हैं। राममंदिर बनाने के बाद अयोध्या में जमीनों के दाम तेजी से बढ़े हैं। 2020-21 के बाद से अयोध्या में जमीनों की कीमतें 20 से 30 गुना तक बढ़ चुकी हैं। अयोध्या शहर और उसके आसपास के 16 गांवों में भूमि की बिक्री बढ़ी है। इनमें कुढ़ा केशवपुर, उपरहार, जलालुद्दीन नगर, तिहुरा माझा, माझा बराहटा व उपरहार, राजेपुर, राजेपुर हलकारा, शाहनवोजपुर और सराय माझी जैसे गांव प्रमुख हैं, जहां सबसे ज्यादा जमीनों की रजिस्ट्री की गई। नगर निगम क्षेत्र और आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी जमीनों की बिक्री तेजी से हुई है।

डीएम सर्किल रेट में वृद्धि की मांग
जिला प्रशासन की ओर से प्रस्तावित डीएम सर्किल रेट को लेकर स्थानीय भू-स्वामियों ने दावे और आपत्तियां दर्ज कराई हैं। सहायक महानिरीक्षक निबंधन योगेन्द्र प्रताप सिंह के अनुसार, अब तक मिली अधिकांश आपत्तियों में डीएम सर्किल रेट को 200 से 1200 प्रतिशत तक बढ़ाने की मांग की गई है। इस मांग के पीछे मुख्य तर्क है कि मौजूदा जमीनों की कीमतों के मुकाबले डीएम सर्किल रेट बहुत कम हैं। जमीन मालिकों का कहना है कि अयोध्या में जमीनों की असली कीमतों को ध्यान में रखते हुए सर्किल रेट में पर्याप्त वृद्धि की जानी चाहिए, ताकि वे अपने जमीनों के सही लाभ उठा सकें।

चार साल में रजिस्ट्री में दोगुनी वृद्धि
अयोध्या में भूमि बाजार में आई तेजी के कारण पिछले चार सालों में संपत्तियों की रजिस्ट्री में भी भारी इजाफा हुआ है। वर्ष 2021-22 में जून से अगस्त महीने तक जिले में कुल 8717 संपत्तियों की रजिस्ट्री हुई थी। वहीं, वर्ष 2022-23 में इसमें 39 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और यह संख्या 12152 तक पहुंच गई। इसी तरह, 2023-24 में 12367 संपत्तियों का बैनामा हुआ, जबकि वर्ष 2024-23 के अगस्त महीने तक 13324 संपत्तियों का बैनामा हो चुका है। यह आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि अयोध्या में जमीनों की खरीद-फरोख्त में लगातार तेजी बनी हुई है।

डीएम सर्किल रेट में वृद्धि की संभावनाएं
अयोध्या नगर निगम क्षेत्र में कुल 39 वार्ड और 272 मोहल्लों के लिए नए सर्किल रेट प्रस्तावित किए गए हैं। इसके साथ ही अमसिन में 147 राजस्व ग्राम और मंगलसी में 1 राजस्व ग्राम को भी इसमें शामिल किया गया है। हवेली अवध के 126 ग्राम पंचायत और अयोध्या विकास प्राधिकरण क्षेत्र के 128 गांवों में भी डीएम सर्किल रेट में वृद्धि की संभावना जताई जा रही है। नए प्रस्तावित सर्किल रेट के अनुसार, गैर कृषि जमीनों में 50 प्रतिशत तक, व्यावसायिक संपत्तियों पर 70 प्रतिशत तक और कृषक जमीन पर 70 से 100 प्रतिशत तक की वृद्धि की उम्मीद की जा रही है। यह वृद्धि अयोध्या में तेजी से बढ़ती जमीनों की मांग और मूल्य वृद्धि के मद्देनजर की जा रही है। इस बदलाव से न केवल भू-स्वामियों को लाभ होगा, बल्कि जिला प्रशासन को भी राजस्व में वृद्धि की उम्मीद है।

ये भी पढ़ें : महाकुंभ 2025 : रेलवे ने श्रद्धालुओं के लिए बनाया 'रेल महाकुंभ सेवा' ऐप, दिसंबर में होगा लॉन्च

जमीनों के बढ़ते दामों के पीछे का कारण
अयोध्या में जमीनों के दामों में अचानक बढ़ोतरी के पीछे का मुख्य कारण श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण और इससे जुड़े धार्मिक और पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि है। राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद, अयोध्या देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रमुख धार्मिक स्थल बन गया है। इसके चलते अयोध्या और इसके आसपास के क्षेत्रों में भूमि की मांग तेजी से बढ़ी है।

Also Read