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बाराबंकी का सप्त ऋषि आश्रम : यहां भगवान राम ने ली थी अपने भाइयों संग शिक्षा

Uttar Pradesh Times | सप्तऋषि का आश्रम

Dec 25, 2023 18:24

बाराबंकी जनपद से 8 किमी दूर सतरिख नगर पंचायत कस्बा है। जहां पर सप्तऋषि का आश्रम है। सप्त ऋषियों के आश्रम में भगवान राम, लक्ष्मण और सीता माता की प्राचीन मूर्ति भी स्थापित हैं। मान्यता है कि भगवान श्री राम ने अपने भाइयों के साथ सप्त ऋषि से इसी आश्रम में शिक्षा ग्रहण की थी।

Short Highlights
  • भगवान राम के जन्म से पहले यह सप्त ऋषियों का आश्रम गुरुकुल था
  • धनुर्विद्या सीखने के बाद प्रभु राम ने राक्षसों को यहां से मार भगाया था
  • नजदीक में ही एक नदी बहती है जिसमें भगवान राम स्नान किया करते थे
Barabanki  (आलोक श्रीवास्तव) : बाराबंकी में सतरिख चिनहट मार्ग पर स्थित सप्त ऋषि आश्रम पर राम लक्ष्मण और सीता माता की प्राचीन मूर्तियां स्थापित हैं। जिनका रोजाना टीका चंदन और पूजा अर्चना की जाती है  यह वही आश्रम है, जहां पर रहकर भगवान श्री राम ने बचपन में अपने भाई लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के साथ सप्त ऋषि से शिक्षा ग्रहण की थी। 

यहीं पर सीखी थी धनुर्विद्या 
सतरिख प्राचीन धरोहर है। यहां से भगवान श्री राम का पुराना नाता है। कहा जाता है भगवान राम के जन्म से पहले यह सप्त ऋषियों का आश्रम गुरुकुल था। ऋषि मुनि निवास करते थे। बताया जाता है कि भगवान राम ने अपने भाइयों के साथ यहां पर शिक्षा प्राप्त की थी। कहा जाता है कि जो राक्षस थे,वह ऋषि मुनि को यज्ञ अनुष्ठान नहीं करने देते थे। जिससे ऋषि मुनि बहुत परेशान रहते थे। राक्षसों से छुटकारा पाने के लिए विश्वामित्र ऋषि अयोध्या गए थे और वहां से भगवान राम समेत चारों भाइयों को राजा दशरथ से मांग कर आश्रम लेकर आए थे। ऋषि ने यहीं पर धनुर्विद्या सिखाई और यहीं पर भगवान श्री राम ने भाइयों के साथ शिक्षा भी ग्रहण की थी। धनुर्विद्या सीखने के बाद प्रभु राम ने राक्षसों को यहां से मार भगाया था। यहां पर कई ऐसे प्रमाण है जिससे कि प्रमाणित होता है कि भगवान राम ने भाइयों के साथ यहां पर रहकर शिक्षा ग्रहण की। नजदीक में ही एक नदी बहती है जिसमें भगवान राम स्नान किया करते थे। 
 
सप्तऋषियों की मूर्तियां भी स्थापित 
पुराने लोग बताते हैं कि सप्त ऋषि मुनि खत्म हो गए, तब यहां मुगलों का शासन हो गया। इसके बाद मुगलों के शासन में आश्रम को नष्ट कर दिया गया थास, तब यहां बाबा लाल दास जी महाराज रहा करते थे। वैसे तो सप्त ऋषि आश्रम जर्जर हालत में है।  सप्त ऋषि आश्रम जो आज सतरिख नगर पंचायत कस्बा है। माना जाता है मुगलों के शासन में सप्तऋषि नाम हटाकर सतरिख कर दिया गया था। फिलहाल सप्तऋषि आश्रम सतरिख में आज भी मौजूद है। जहां पर सप्तऋषियों की मूर्तियां भी स्थापित हैं। जिनको देखने और पूजा अर्चना करने लोग यहां आते हैं। यहां पर एक प्राचीन शिव मन्दिर भी है। मान्यता है प्रभु श्री राम इसी शिव मंदिर में भगवान शिव की पूजा अर्चना किया करते थे।

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