राम मंदिर में बदलेगा नियम : एक जुलाई से नए ड्रेस कोड में दिखेंगे पुजारी, सभी ने जताई सहमति

UPT | राम मंदिर

Jun 30, 2024 10:40

नए ड्रेस कोड के अनुसार, पुजारियों को पीले रंग की चौबंदी, धोती और पगड़ी पहननी होगी। मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास शास्त्री सहित सभी पुजारी इसका पालन...

Short Highlights
  • एक जुलाई से एक नया ड्रेस कोड लागू होने जा रहा है
  • यह नियम नव नियुक्त 20 पुजारी और वरिष्ठ पुजारी पर लागू होगा
  • पुजारियों को पीले रंग की चौबंदी, धोती और पगड़ी पहननी होगी
Ayodhya News : अयोध्या स्थित के राम मंदिर में एक जुलाई से एक नया ड्रेस कोड लागू होने जा रहा है। यह नियम सभी पुजारियों पर लागू होगा, जिसमें नव नियुक्त 20 पुजारी और वरिष्ठ पुजारी शामिल हैं। मंदिर में एकरूपता लाने के लिए सभी इससे सहमत हैं। इस नए ड्रेस कोड के अनुसार, पुजारियों को पीले रंग की चौबंदी, धोती और पगड़ी पहननी होगी। मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास शास्त्री सहित सभी पुजारी इसका पालन कर रहे हैं। मंदिर के सहायक पुजारी अशोक उपाध्याय ने बताया कि यह नियम मंदिर में एकरूपता लाने के लिए लागू किया जा रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि यह ड्रेस शुरू से ही मान्य रही है लेकिन अनिवार्यता नहीं थी। अब एक जुलाई से यह व्यवस्था प्रभावी हो जाएगी।

बारिश के पानी के रिसाव की समस्या का निदान
दरअसल, हाल ही में हुई प्री-मानसून बारिश के दौरान मंदिर में पानी के रिसाव की समस्या सामने आई थी। इस समस्या का तत्काल समाधान किया गया है। श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के निर्देश पर, निर्माण एजेंसियों ने सभी रिसाव स्थलों को अस्थायी रूप से सील कर दिया है। इसके अलावा, खुली वायरिंग वाली पाइपों को भी प्लास्टिक से ढक दिया गया है। इन उपायों के कारण, पिछले दो दिनों की भारी बारिश के बावजूद मंदिर में कोई पानी नहीं घुसा।

भारी बारिश से बिजली आपूर्ति बाधित
वहीं शनिवार रात से रविवार सुबह तक हुई भारी बारिश के कारण अयोध्या में बिजली आपूर्ति बाधित हुई। इसके परिणामस्वरूप, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कार्यालय में इन्वर्टर बैकअप फेल हो गया, जिससे कंप्यूटर सिस्टम बंद हो गए। इस कारण, सुगम दर्शन के लिए पास जारी करने की प्रक्रिया स्थगित करनी पड़ी। हालांकि, राम मंदिर में बिजली की आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी रही।

बैठक में दी जाएगी जानकारी
रविवार को होने वाली धार्मिक न्यास समिति की बैठक में नए नियुक्त पुजारियों को उनके नियुक्ति पत्र के साथ-साथ मंदिर के सभी नियमों और कानूनों की जानकारी दी जाएगी। यह बैठक मंदिर प्रशासन और पुजारियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने में मदद करेगी।

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