राम मंदिर में पहली बार रामलीला : शम्सुर्रहमान ने ऐसे निभाई प्रभु राम की भूमिका, जीवंत हो उठा किरदार

UPT | राम मंदिर परिसर में रामलीला

Jan 13, 2025 13:37

अयोध्या में रामलला को विराजे पूरे एक साल हो गए हैं। जिसकी वर्षगांठ समूचे देश ने बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाई। इसके उपलक्ष्य में 3 दिवसीय कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।

Ayodhya News : अयोध्या में रामलला विराजमान हुए पूरे एक साल हो गए हैं। पूरे देश ने इस वर्षगांठ को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस अवसर पर तीन दिवसीय कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला, जब पहली बार यहां पर रामलीला का मंचन किया गया। भगवान राम की भूमिका को पूरी गंभीरता के साथ निभाया गया। अंगद टीला पर आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया। कार्यक्रम की सबसे आकर्षक विशेषता यह रही कि भगवान श्री राम की भूमिका शम्सुर्रहमान नावेद ने निभाई, जिन्होंने अपनी प्रतिभा से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

शम्सुर्रहमान नावेद ने बताया कैसे किया राम का रोल
शम्सुर्रहमान नावेद ने पहले भी रामायण मेला और रामोत्सव में प्रस्तुतियां दी हैं, लेकिन राम मंदिर में पहली बार प्रस्तुति देकर उन्हें और उनकी टीम को एक विशेष सम्मान प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि वह लंबे समय से इस संस्था से जुड़े हुए हैं और राम के चरित्र को पूरी तरह से आत्मसात करते हैं।

राम का किरदार निभा हुए धन्य
नावेद ने बताया कि उन्हें सुंदरकांड विशेष रूप से प्रिय है। उनके लिए यह पहला अवसर था जब उन्हें स्वयं प्रभु श्रीराम के दरबार में मंचन का सौभाग्य मिला। बीएससी और फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करने के बाद उन्होंने भरतनाट्यम भी सीखा, क्योंकि उनका मानना ​​है कि कला के लिए धर्म कोई बाधा नहीं है।

इस देश की तर्ज पर बनाई योजना
अयोध्या में एक नई योजना पर काम चल रहा है, जिसके तहत एक विश्वस्तरीय रामायण केंद्र की स्थापना की जाएगी। इस परियोजना को इंडोनेशिया के जकार्ता में स्थित रामायण केंद्र की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है। इस केंद्र के जरिए श्रद्धालुओं को रामायण के बारे में गहराई से जानकारी मिलेगी।

यह परियोजना राम मंदिर से पांच किलोमीटर की परिधि में बनाई जाएगी और इसके लिए राज्य सरकार से विचार-विमर्श जारी है। योजना के मुताबिक, अगले दो से तीन वर्षों में यह परियोजना पूरी हो सकती है। इस केंद्र का उद्देश्य श्रद्धालुओं को राम के जीवन और उनकी शिक्षाओं को समझने का अवसर प्रदान करना है, ताकि अयोध्या आने वाले हर व्यक्ति को रामायण के बारे में अधिक जानकारी मिल सके।
 

Also Read