Ballia News : भरौली वसूली कांड में एसओ के आवास से मिला सोने का सिक्का व घड़ी, 83600 रुपये बरामद

UPT | आरोपी निलंबित थानाध्यक्ष पन्नेलाल की गिरफ्तारी के बाद टीम रविवार की रात नरहीं थाने लेकर पहुंची

Jul 30, 2024 01:26

जनपद का चर्चित नरहीं थाना अंतर्गत भरौली चेकपोस्ट पर वसूली कांड मुख्य आरोपी निलंबित थानाध्यक्ष पन्नेलाल की गिरफ्तारी के बाद टीम रविवार की रात नरहीं थाने लेकर पहुंची। इसके बाद नरहीं ग्राम प्रधान...

Ballia News : जनपद का चर्चित नरहीं थाना अंतर्गत भरौली चेकपोस्ट पर वसूली कांड मुख्य आरोपी निलंबित थानाध्यक्ष पन्नेलाल की गिरफ्तारी के बाद टीम रविवार की रात नरहीं थाने लेकर पहुंची। इसके बाद नरहीं ग्राम प्रधान एवं एक और व्यक्ति की मौजूदगी में आवास का ताला स्वयं पन्नेलाल ने तोड़ा इसके बाद आवास की तलाशी ली गई। आवास से 83,600 रुपये बरामद हुए। इसमें 500 रुपये के 129 नोट, 115 पचास के 112 नोट व दो हजार का एक नोट मिला। इसके अलावा तीन मोबाइल, दो मेमोरी कार्ड, दो तनिष्क के सोने के सिक्के, बिल के साथ दो टाइटन घड़ी एक डायरी बरामद किया गया है। 

क्या है पूरा मामला
एसओ पन्नेलाल को टीम रात साढ़े नौ बजे नरहीं थाने पर लेकर चली आई। इसके बाद नरहीं ग्राम प्रधान रामनारायण पासवान तथा सामाजिक कार्यकर्ता अवनीश कुमार दीपू को बुलाया गया। डीआईजी वैभव कृष्ण ने पन्नेलाल को ताला तोड़ने को कहा तो उन्होंने रॉड से दरवाज़े की सिटकनी को तोड़ दिया। आजमगढ़ एएसपी शुभम अग्रवाल ने वीडियो रिकॉर्डिंग के दौरान ही रामनारायण पासवान और अवनीश कुमार राय से अपनी तलाशी करवाई, फिर एएसपी ने इन दोनों लोगों की तलाशी ली। इसके बाद आवास की गहन तलाशी अभियान शुरू हुआ। तलाशी के दौरान आवास में केवल चार लोग ही थे जिसमें एक वीडियोग्राफर भी था। ग्राम प्रधान एवं अवनीश कुमार राय रात को ढाई बजे वहां से घर के लिए निकल गए। जबकि पुलिस टीम थाने में ही लिखा पढ़ी कर रही थी। अवनीश कुमार ने बताया कि पन्नेलाल के चेहरे पर सिकन भी नहीं था। अब देखना यह है कि आवास से बरामद डायरी में क्या कोई जिन्न बाहर निकलता है या नहीं। पुलिस टीम में डीआईजी वैभव कृष्ण, बलिया एसपी विक्रांत वीर, आजमगढ़ एएसपी शुभम् अग्रवाल एवं एसओजी टीम रही।

नरहीं सीएचसी पर कराया मेडिकल, एक शराब माफिया को उठाया
एसओजी टीम पन्नेलाल को लेकर सोमवार को फिर नरहीं थाने लेकर पहुंची। इसके बाद सीएचसी नरहीं पर मेडिकल कराने के बाद टीम पन्नेलाल को बलिया लेकर चली गई। उधर एसओजी की दूसरी टीम लक्ष्मणपुर से एक शराब माफिया को भी उठा लिया। इसके बाद शराब तस्करों में हड़कंप मच गया है। बड़का खेत पलिया खास गांव में शराब तस्कर एवं सफेद बालू खनन करने वाले भी भूमिगत हो गए हैं। सूत्रों की मानें तो विवेचना करने वाली टीम ने नरहीं से लेकर कोटवा नारायणपुर तक गोवध तस्करों, शराब तस्करों, दलालों एवं खनन माफियाओं को चिह्नित कर लिया है। सोमवार को भी आजमगढ़ एएसपी शुभम अग्रवाल नरहीं इलाके में ही चक्रमण करते रहे।

अवैध वसूली के मामले में निलंबित मुख्य आरक्षी भी गिरफ्तार
नरहीं थाना क्षेत्र में बिहार सीमा पर पुलिसकर्मियों द्वारा वाहन चालकों से अवैध वसूली के मामले में निलंबित मुख्य आरक्षी को भी पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। आजमगढ़ के अपर पुलिस अधीक्षक शुभम् अग्रवाल ने बताया कि नरहीं थाना क्षेत्र में बिहार सीमा पर पुलिसकर्मियों द्वारा वाहनों से अवैध वसूली के मामले के आरोपी नरहीं थाने के निलंबित मुख्य आरक्षी विष्णु यादव को गिरफ्तार कर लिया है। अग्रवाल इस मामले में बलिया में दर्ज मुकदमे की जांच कर रहे हैं। अग्रवाल ने बताया कि नरही के निलंबित थानाध्यक्ष पन्ने लाल को रविवार को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में अबतक चार पुलिसकर्मियों समेत 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

वरिष्ठ अधिकारियों ने किया भंडाफोड़
गौरतलब है कि जनपद के नरहीं थाना क्षेत्र में बिहार सीमा पर पुलिसकर्मियों द्वारा वाहनों से अवैध वसूली के चल रहे गोरखधंधे का वाराणसी परिक्षेत्र के अपर पुलिस महानिदेशक पीयूष मोर्डिया की अगुवाई में वरिष्ठ अधिकारियों ने भंडाफोड़ किया था। पुलिस ने इस मामले में दो पुलिसकर्मियों और 16 दलालों को गिरफ्तार किया था। नरहीं थानाध्यक्ष पन्ने लाल तथा कोरंटाडीह चौकी के प्रभारी राजेश कुमार प्रभाकर समेत चौकी पर तैनात सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था।

23 पर एफआईआर दर्ज
नरहीं थाने में पुलिस उप महानिरीक्षक कार्यालय के निरीक्षक सुशील कुमार की तहरीर पर नरहीं के थानाध्यक्ष रहे पन्ने लाल, कोरंटाडीह पुलिस चौकी प्रभारी राजेश कुमार प्रभाकर, मुख्य आरक्षी विष्णु यादव और आरक्षी बलराम सिंह, दीपक मिश्रा, हरि दयाल और सतीश गुप्ता सहित कुल 23 लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 111, 309 (4), 310(2), 61 (2), 318  बीएनएस व 7/13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

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