उर्स-ए-रज़वी : बरेलवी उलमा बोले-नबी की शान में गुस्ताखी करने वाले देश के सौहार्द के दुश्मन

UPT | कॉन्फ्रेंस का फोटो

Aug 30, 2024 17:15

बरेली में आयोजित 106वें उर्स-ए-रज़वी के अवसर पर एक महत्वपूर्ण सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें दुनिया भर से आए इस्लामी विद्वानों ने भाग लिया। यह सम्मेलन शुक्रवार दोपहर को इस्लामिया मैदान में आयोजित किया गया, जिसमें कई गंभीर विषयों पर चर्चा की गई।

Bareilly News : आला हजरत के 106 वें उर्स-ए-रज़वी के मुबारक मौके पर शुक्रवार दोपहर इस्लामिया मैदान में नामूस-ए-रिसालत (नबी करीम की शान-अज़मत), दहेज़ हटाओ-बेटी बचाओ, मुसलमानों में फैली सामाजिक बुराइयां, सोशल मीडिया और हमारे नौजवान के मुद्दों (टॉपिक) पर दुनिया भर से आए उलमा ने चर्चा की। दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती और सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) की सदारत में कांफ्रेंस में मुख्य वक्ता मुफ्ती सलीम नूरी ने खिताब किया। बोले, आज हमारे मुल्क में कोई भी शख्स (इंसान) सस्ती शोहरत हासिल करने को हमारे नबी की शान में गुस्ताखी कर देता है। मगर, ऐसे लोग समाज और देश की एकता के लिए खतरा हैं। पिछले दिनों महाराष्ट्र के एक शख्स ने नबी करीम पर नाकाबिले बर्दाश्त करने वाला बयान दिया था। ऐसे बयानों को पूरी दुनिया का मुसलमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कर सकता।

हुकूमत कर कसा तंज
मुफ्ती सलीम नूरी ने कहा कि हमारे नबी की शान में गुस्ताखी करने वालों पर हुकूमत कार्रवाई के बजाय सुरक्षा उपलब्ध करा देती है, जो लोग ऐसे समाज के दुश्मन के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं। उनके ही खिलाफ हुक़ूमत कर जेल में डाल देती है। 

बर्दाश्त नहीं किया जाएगा बुल्डोजर
उन्होंने कहा कि घरों पर गैर कानूनी तरीके से बुल्डोजर चला दिया जाता है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसलिए हम हुकूमत ए हिंद (केंद्र सरकार) से मांग करते है कि मुल्क में कोई भी शख्स पैगम्बर इस्लाम समेत किसी भी धर्म के रहनुमा पर गलत बयानबाजी करता है, तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कानून बनाया जाए। मुसलमानों से भी मुफ्ती सलीम नूरी ने अपील करते हुए कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज़ कराकर प्रदर्शन करें।

युवा पीढ़ी को नशे से बचाएं 
मुस्लिम नौजवान तेज़ी के साथ नशे के आदि हो रहे हैं। हमें अपनी नौजवान नस्ल को इससे बचाना होगा। इसके लिए मां बाप को ध्यान देने की अधिक ज़रूरत है।

सोशल मीडिया का हो सही इस्तेमाल
उलमाओं न कहा कि सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल करना होगा। आज लोग इसके गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। देश के हजारों युवा गलत इस्तेमाल के कारण जेलों में बंद हैं। दहेज़ जैसी सामाजिक बुराइयों की वजह से हमारी बेटियों के कदम बहक रहे हैं। कुछ वर्षों में कितनी बेटियां हमारी गैरों के साथ चली गई। इसकी बड़ी वजह दहेज़ है। दहेज़ की जगह बेटियों को विरासत में हिस्सा दें। बेटियां का मां-बाप और भाई खास खयाल रखें। उनकी सही उम्र में शादी कर दें। शादियों में फुजुलखर्ची और गैर शरई रस्में खत्म करने की ज़रूरत है। निकाह को आसान किया जाए। यही पैगाम मरकज-ए-अहले सुन्नत और दरगाह सरपरस्त हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) का है। यही पैगाम को मुल्क भर से आए उलेमा को अपने अपने प्रदेशों में जुमे की नमाज़,जलसे,जूलूस में आम करने की ज़रूरत है। 

दुनिया भर के उलमा ने दिया पैगाम
दरगाह के नासिर कुरैशी ने बताया कि कॉन्फ्रेंस का संचालन (निजामत) कारी यूसुफ रज़ा संभली ने की। कांफ्रेंस में दुनिया भर के उलमा मौजूद थे। इसमें मुख्य रूप से मदरसा मंजर ए इस्लाम के सदर मुफ्ती आकिल रजवी, साउथ अफ्रीका के सूफी कैसर गुमान, मारीशस के सूफी मोइनुद्दीन अल्लाह बख्श,अफ्रीका के पीर नेहाल खोची, नेपाल के मौलाना फूल नेमत रजवी,अंडमान निकोबार के मौलाना अब्दुल जलील, मुफ्ती कफील हाशमी, मुफ्ती अफ़रोज़ आलम, मौलाना अख़्तर, कारी अब्दुर्रहमान क़ादरी, मुफ्ती इब्राहीम, कारी सखावत हुसैन,कारी इकबाल मुरादाबादी आदि मौजूद थे।

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