ऐतिहासिक फैसला : बरेली-नैनीताल रोड के टोल प्लाजा पर मारपीट के मामले में पांचों आरोपियों को उम्रकैद, 2.50 लाख अर्थदंड भी लगाया,जानें क्या बोले जज

फ़ाइल फोटो | फाइल फोटो

Jan 18, 2025 19:05

बरेली न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक प्रथम रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने बरेली- नैनीताल नेशनल हाईवे पर स्थित टोल प्लाजा के टोलकर्मी के साथ मारपीट और हत्या के प्रयास के मामले में पांच आरोपियों सनी, सुमित कुमार, विनोद मौर्य, रजत गंगवार, और अंकित भारती को दोषी ठहराया है।

Bareilly News : यूपी के बरेली न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक प्रथम रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने बरेली- नैनीताल नेशनल हाईवे पर स्थित टोल प्लाजा के टोलकर्मी के साथ मारपीट और हत्या के प्रयास के मामले में पांच आरोपियों सनी, सुमित कुमार, विनोद मौर्य, रजत गंगवार, और अंकित भारती को दोषी ठहराया है। जिसके चलते पांचों को आजीवन कारावास (उम्रकैद) की सजा सुनाई है। इसके साथ ही प्रत्येक पर 50,000 रुपये यानी सभी पर 2.50 लाख रूपये का अर्थदंड भी लगाया है। यह घटना वर्ष 2019 की है, जब इन आरोपियों ने बिना टोल शुल्क चुकाए वीआईपी लाइन से अपनी कार निकालने का प्रयास किया था। यहां टोल कर्मियों के रोके जाने पर आरोपियों ने एक कर्मचारी पर कार चढ़ाने की कोशिश की और उसके साथ मारपीट की।

सीसीटीवी कैमरों में घटना कैद
यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई थी। पुलिस ने भोजीपुरा थाने में मामला दर्ज कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया था।सहायक शासकीय अधिवक्ता दिगंबर पटेल ने मीडिया को बताया कि अदालत ने इस मामले में सख्त रुख अपनाकर दोषियों को आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है, जो कानून के प्रति सम्मान और टोलकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। 

राष्ट्र के आर्थिक हितों पर हमला
न्यायधीश रवि कुमार दिवाकर ने इस घटना को न केवल कानून व्यवस्था के खिलाफ, बल्कि राष्ट्र के आर्थिक हितों पर हमला करार दिया। उनका कहना था कि टोल टैक्स सरकार द्वारा राष्ट्रीय विकास और बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए वसूला जाता है। "हाईवे और ब्रिज जनता की  सुविधाओं के लिए बनाए जाते हैं और टोल टैक्स के माध्यम से सरकार इन परियोजनाओं को पूरा करती है। टोल टैक्स न देना राष्ट्र की आर्थिक स्थिति को कमजोर करना है।" आरोपियों ने टोल टैक्स देने से इनकार किया और कर्मचारियों के साथ मारपीट की थी। आरोपियों ने न केवल कर्मियों पर हमला किया, बल्कि एक कर्मचारी पर कार चढ़ाकर हत्या की कोशिश भी की। जिसके चलते भोजीपुरा थाने में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147, 148, 307,149, 323,149, 324, 149, 504, और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा और न्यायालय में सुनवाई के बाद अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया है। 

टोल प्लाजा एक सार्वजनिक स्थान
न्यायधीश ने कहा कि "टोल प्लाजा एक सार्वजनिक स्थान है, जहां एंबुलेंस, पुलिस वाहन, अग्निशमन वाहन जैसे आपातकालीन वाहन गुजरते हैं। यदि ऐसे स्थान पर कोई विवाद होता है, तो इससे इन आपातकालीन सेवाओं में बाधा उत्पन्न होती है।"न्यायाधीश ने कहा कि दोषियों ने टोल प्लाजा पर कर्मचारियों के साथ मारपीट और धमकी देकर न केवल कानून व्यवस्था भंग की, बल्कि सामान्य नागरिकों के लिए भी खतरा पैदा किया।

अदालत ने टोल टैक्स के महत्व पर भी जोर 
अदालत ने अपने फैसले में लिखा कि दोषियों के इस कृत्य ने न केवल कानून का उल्लंघन किया, बल्कि सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने कहा, "ऐसे अपराधियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई व्यक्ति इस तरह की घटना को अंजाम देने का साहस न करे। "उन्होंने यह भी कहा कि टोल प्लाजा पर काम करने वाले कर्मचारी सरकार के प्रतिनिधि होते हैं और उनके साथ मारपीट करना सरकार की शक्ति को चुनौती देना है। जिला शासकीय अधिवक्ता दिगंबर सिंह ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा, "यह फैसला टोल प्लाजा पर कर्मचारियों की सुरक्षा और सरकार के कामकाज की सुगमता सुनिश्चित करने में मील का पत्थर साबित होगा। न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि सरकार द्वारा वसूला गया टोल टैक्स जनता के विकास कार्यों में लगाया जाता है।

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