भाजपा में हलचल : नौ में से कई मंडल में बदलाव तय, उठापटक कायम, रविवार को आएंगे पर्यवेक्षक और चुनाव अधिकारी

UPT | भाजपा में हलचल

Dec 08, 2024 01:27

बरेली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संगठनात्मक चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। यहां महानगर में भाजपा के नौ मंडल हैं। इसमें से कई में बदलाव की उम्मीद है। संगठन में अध्यक्ष बनने की होड़ में लगे पार्टी के नेता भी मंडलों में अपने-अपने हिसाब से सेटिंग बैठाना चाहते हैं।

Bareilly News : यूपी के बरेली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संगठनात्मक चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। यहां महानगर में भाजपा के नौ मंडल हैं। इसमें से कई में बदलाव की उम्मीद है। संगठन में अध्यक्ष बनने की होड़ में लगे पार्टी के नेता भी मंडलों में अपने-अपने हिसाब से सेटिंग बैठाना चाहते हैं। शहर विधानसभा की सीट पर पांच मंडल आते हैं। इसमें हरमिलाप, बांके बिहारी, टीबरीनाथ, सीबी गंज और साईंनाथ मंडल हैं, जबकि कैंट विधानसभा में चार मंडल हैं।इसमें कालीबाड़ी, दीनदयाल, मढ़ीनाथ और पूर्वी मंडल आता है।

शहर विधानसभा के तीन मंडल में बदलाव की उम्मीद 
बरेली शहर विधानसभा के पांच में से तीन मंडल अध्यक्ष बदले जाने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि मंडल अध्यक्षों की उम्र अधिक है। मंडल अध्यक्ष पद के लिए उनकी उम्र आड़े आ रही है। लिखा पढ़त में तो यही नियम है। मगर, फैसला हालात और गणित से तय होगा कि कौन बचेगा और कौन जाएगा। एक मंडल अध्यक्ष की सक्रियता को लेकर सवाल है। इसलिए उनका बदलना तय माना जा रहा है। एक मंडल अध्यक्ष ऐसे हैं। जिनकी कुर्सी को लेकर कुछ ज्यादा ही खींचतान होने की उम्मीद है। महानगर अध्यक्षी के कई प्रबल दावेदार भी इन्हीं अध्यक्ष के इलाके में रहते हैं। 

कैंट विधानसभा के दावेदारों को भी टेंशन
शहर की कैंट विधानसभा के चार मंडलों में भी भारी खींचतान होने की उम्मीद है। एक मंडल अध्यक्ष उम्र के नाम पर बदले जा सकते हैं। इसके साथ ही बाकी जगह बड़े नेताओँ की लाबिंग के बीच फैसला होना है। सभी मंडलों के लिए नामों पर चर्चायें तेज हो गई हैं। चुनाव अधिकारी भी नियुक्त किए जा चुके हैं। प्रदेश के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नरेन्द्र कश्यप चुनाव के पर्यवेक्षक बनाये गए हैं। वह और चुनाव अधिकारी वाईपी सिंह रविवार को बरेली पहुंच रहे हैं। शनिवार की देर रात झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार भी बरेली पहुंच रहे हैं। ऊपरी तौर पर, तो वह सक्रिय राजनीति से किनारा कर चुके हैं। मगर, उनके भारत सेवा ट्रस्ट पर दावेदारों की भीड़, तो देखी ही जा सकती है।

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